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डिलीवरी के बाद इन हिस्सों में रहता है दर्द और ऐंठन, जानें कब करना चाहिए डॉक्टर को कॉल
डिलीवरी के बाद कुछ महिलाओं को शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द या ऐंठन महसूस होती है। ऐसे में महिलाओं को यह पता नहीं होता है कि यह दर्द कितने समय में ठीक होता है और डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में दर्द और ऐंठन होती ही है लेकिन कुछ महिलाओं को डिलीवरी के बाद भी यह प्रॉब्लम होती हैं। डिलीवरी के बाद शरीर को ठीक होने में समय लगता है और इस दौरान तेज दर्द महसूस होना नॉर्मल बात है।जब प्रसव के बाद दर्द महसूस हो तो यह इस बात का संकेत है कि शरीर पहले की तरह नॉर्मल स्थिति में आने की कोशिश कर रहा है। इस दर्द को 'पोस्टपार्टम क्रैम्प्स' कहते हैं। डिलीवरी के बाद कुछ दिनों तक यह दर्द रहना आम बात है।अगर आपको भी डिलीवरी के बाद पेट में ऐंठन या दर्द महसूस हो रहा है, तो किस तरह आप इसका इलाज कर सकती हैं या कब आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
कहां-कहां होता है दर्द
गर्भावस्था के बाद आपको शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द हो सकता है :
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं जिससे कमर दर्द हो सकता है। लेबर के दौरान पीठ की मांसपेशियों पर जो स्ट्रेस पड़ता है, उससे दर्द पैदा होता है। जब कुछ महीनों में पीठ की मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं, तब यह दर्द दूर हो जाता है।
गर्भाशय में देर तक कॉन्ट्रैक्षन होने की वजह से पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। कभी-कभी यौन अंगों में इंफेक्शन या अपेंडिसाइटिस या ओवरी सिस्ट फटने से भी दर्द हो सकता है।
पेल्विक हिस्से और टांग में दर्द
गर्भावस्था के दौरान डिलीवरी के लिए पेल्विक हड्डियां चौड़ी हो जाती हैं। डिलीवरी के बाद लिगामेंट ढीले होते हैं और यहां तक कि पैदल चलने से भी पेल्विक हिस्से में दर्द होता है।
डिलीवरी के समय पेल्विक ऊतकों और मांसपेशियों के छिलने की वजह से भी पेट के नीचे के हिस्से में दर्द पैदा हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में मां और बच्चे का सारा वजन पैरों पर पड़ता है। प्रेग्नेंसी के बाद हार्मोनल बदलावों की वजह से जोड़ और लिगामेंट रिलैक्स हो जाते हैं। इससे पैरों में ऐंठन पैदा होती है।
कूल्हों और छाती में दर्द
नॉर्मल डिलीवरी के बाद खासतौर पर कूल्हों में दर्द होता है। अगर डिलीवरी के दौरान फोरसेप्स या वैक्यूम का इस्तेमाल हो तो कूल्हे अपनी जगह से खिसक सकते हैं। इससे आगे चलकर दर्द महसूस हो सकता है।
लेबर के दौरान मांसपेशियों पर दबाव पड़ने से या छाती में इंफेक्शन की वजह से छाती में दर्द हो सकता है। तेज दर्द, सांस लेने में दिक्कत या खांसी में खून आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
कब तक रहता है दर्द
डिलीवरी के बाद गर्भाशय को अपने पहले वाले नॉर्मल साइज में आने में 6 से 8 हफ्तों का समय लगता है। प्रसव के बाद होने वाला तेज दर्द सिर्फ एक या दो दिन तक रहता है। अगर आपको इससे ज्यादा दिनों तक दर्द हो रहा है, तो डॉक्टर को दिखाएं।
दर्द और इमोशनल स्ट्रेस, खासतौर पर स्तनपान के दौरान इसका बुरा असर ब्रेस्ट मिल्क बनाने पर पड़ सकता है।
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