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प्रेगनेंसी (Pregnancy) एक खूबसूरत अहसास है. लेकिन जब तक ये पीरियड चलता है, तब तक महिलाओं को कोई न कोई समस्या बनी ही रहती है. तीसरी तिमाही से महिला को सुरक्षित प्रसव और बच्चे की सुरक्षा और भविष्य की चिंता सताने लगती है. जैसे जैसे डिलीवरी (Delivery) का समय करीब आता है, महिला को इस बात की फिक्र होती है कि उसकी नॉर्मल डिलीवरी (Normal Delivery) होगी या सिजेरियन. नॉर्मल डिलीवरी को ज्यादा बेहतर समझा जाता है, क्योंकि इसमें महिला के शरीर में चीर फाड़ की जरूरत नहीं होती. अगर आप भी गर्भावस्था के दौर से गुजर रही हैं और नॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं, तो नौवां महीना शुरू होने के बाद कुछ कामों को जरूर करें.
कहा जाता है कि नौवां महीना शुरू होने के कुछ समय बाद महिलाओं को बैठकर पोंछा लगाना चाहिए. कई बार विशेषज्ञ खुद भी इसकी सलाह देते हैं. माना जाता है कि बैठकर पोंछा लगाने से पेल्विक मसल्स की अच्छे से एक्सरसाइज हो जाती है और मसल्स थोड़ा रिलैक्स और फ्लेक्सिबल हो जाती हैं, जिससे डिलीवरी में आसानी होती है.
उड़द की दाल का पानी
ये भी माना जाता है कि प्रेगनेंसी का नौवां महीना शुरू होने के बाद उड़द की दाल बनाकर और उसका पानी निकालकर उसमें घी डालकर पीना चाहिए. कहा जाता है कि ऐसा करने से योनि में चिकनाहट आती है और डिलीवरी आसानी से होती है.
मेडिटेशन करें
प्रेगनेंसी के दौरान खुद को स्ट्रेस फ्री रखना बहुत जरूरी है. स्ट्रेस से प्रेगनेंसी में कई तरह के कॉम्प्लीकेशंस पैदा हो सकते हैं. अपने स्ट्रेस को कंट्रोल करने के लिए डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज के साथ मेडिटेशन जरूर करें. मेडिटेशन आपके स्ट्रेस को काफी हद तक कंट्रोल कर सकता है. इसके अलावा जब भी समय मिले, कुछ देर टहलें. लेकिन कुछ भी एक्टिविटी करते समय किसी व्यक्ति को अपने आसपास रखें ताकि कोई समस्या होने पर संभाला जा सके.
ध्यान रखें
यहां बताया गया कोई भी काम तभी करना चाहिए जब आपकी प्रेगनेंसी में किसी तरह का कॉम्प्लीकेशन न हो. साथ ही कुछ भी करने से पहले एक बार विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है. प्रेगनेंसी के दौरान विशेषज्ञ के निर्देशों का कड़ाई से पालन करना चाहिए.
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