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चाहे डिलीवरी नॉर्मल हो या सीजेरियन से, शरीर को ताकत हासिल करने में समय लगता है। इसलिए कपल्स को डिलीवरी के बाद फिजिकल रिलेशनशिप बनाने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।
प्रसव के बार माहवारी (Periods) फिर से शुरु होने का समय हर महिला में अलग- अलग होता है। इसकी सामान्य समयावधि क्या होती है, इसमें भी आपके शरीर और परिस्थितियों को देखते हुए बहुत अंतर हो सकता है।
अपनी प्रजनन क्षमता को फिर से पाने के लिए महिलाओं को सबसे पहले गर्भनिरोध के सुरक्षित कदम उठाने चाहिए ताकि वो डिलीवरी के तुरंत बाद ही प्रेगनेंट न हो जाएं।
हमेशा ध्यान रखें कि आपका शरीर प्रसव के बाद अपना पहला अंडा (egg) आपके डिलीवरी के बाद पहले पीरियड आने से पहले ही जारी कर देगा।
ज्यादातर यह देखा गया है की प्रसव के बाद कई महिलाओं की प्रजनन क्षमता विकसित होने में कम समय लेती है वहीं कुछ महिलाएं में प्रजनन क्षमता का देरी से विकास होता हैं। खासकर जब वो अपने शिशु को दूध पिला रही होती है तो ये अधिक समय लेता हैं।
एक रिसर्च में एक बात सामने आई है कि जो महिलाएं स्तनपान नहीं कराती है वो अपनी डिलीवरी के पहले 6 हफ्तों में ही ओव्यूलेशन को प्राप्त कर लेती है वहीं कुछ महिलाओं जो स्तनपान कराती है को इसमें समय लगता है। इसका मतलब यह है कि डिलीवरी के बाद आपके ओव्यूलेशन में 45 दिन से 90 दिनों तक का समय लग सकता है।
डिलीवरी के बाद ओव्यूलेशन से जुडे़ फैक्ट – Ovulation Fact after delivery in hindi
प्रजनन क्षमता का दोबारा से विकसित होने से मतलब है कि आपके हार्मोन और ओव्यूलेशन का फिर से सामान्य प्रक्रिया से काम करना,जो डिलीवरी के वक्त कुछ समय के लिए रुक गए थे। ध्यान देने वाली बात यह है की डिलीवरी के बाद जितनी जल्दी ओव्यूलेटिंग शुरु होगी उतनी जल्दी आप प्रेगनेंट हो सकेंगी।
यह भी हो सकता है कि डिलीवरी की एक महीनें के अंदर ही आपका ऑव्यूलेशन शुरु हो सकता है एक महीने के अन्दर आपकी प्रजनन क्षमता फिर से विकसित हो सकती है और आप दस महीनें की भीतर फिर से दूसरा बच्चा पैदा कर सकती हैं।
अगर आप आपने मन में कोई शंका नहीं रखना चाहती तो गर्भावस्था के दौरान और डिलीवरी के बाद अपनी डॉक्टर से प्रजनन संबंधी चिंताओं और बर्थ कंट्रोल के बारे में बात कर लें।
प्रसव के बाद स्तनपान और प्रजनन क्षमता – Breastfeeding and fertility after delivery in hindi
स्तनपान कराने से ओव्यूलेशन होने में देरी होती है। साथ ही इससे महिला की प्रजनन क्षमता में भी असर पड़ता हैं। जो महिलाएं स्तनपान नहीं कराती है उनकी प्रजनन क्षमता विकसित होने में थोड़ा कम समय लगता है।
दरअसल ब्रेस्टफीड, पिट्यूटरी हार्मोन के स्राव के सामान्य पैटर्न में हस्तक्षेप करता है जिसकी वजह से ओवुलेशन नहीं हो पाता है और ये आपकी प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता हैं। यदि आप स्तनपान करा रही हैं तो आपकी प्रजनन क्षमता लौटने में 10-12 महीने का समय भी लग सकता हैं।
मतलब आप डिलीवरी के 10-12 महीने बाद फिर से प्रेग्नेंट हो सकतीं है।
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