डिलीवरी के बाद कितने दिन बाद?pregnancytips.in

Posted on Sun 10th Jul 2022 : 16:50

नॉर्मल डिलीवरी के बाद कितने दिन आराम करना है जरूरी

कई महिलाओं के मन में यह सवाल रहता है कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद शरीर को पूरी तरह से स्‍वस्‍थ होने में कितना समय लगता है।
normal delivery
डिलीवरी के बाद महिलाओं को रिकवर होने के लिए खास देखभाल की जरूरत होती है। प्रसव के बाद पहले छह सप्‍ताह पोस्‍टपार्टम पीरियड कहलाते हैं। इस समय में महिलाओं के शरीर के घावों को भरना और नए बदलावों में एडजस्‍ट होना होता है। इन हफ्तों में मां और शिशु के बीच रिश्‍ता गहरा होता है।


आमतौर पर डिलीवरी के बाद महिलाओं को पर्याप्‍त आराम करने के लिए कहा जाता है लेकिन क्‍या कभी आपने यह सोचा है कि कितने दिन तक का आराम पर्याप्‍त होता है। आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब।

कब तक करना चाहिए आराम
नॉर्मल डिलीवरी के बाद महिलाओं को कम से कम चार सप्‍ताह आराम करने की जरूरत होती है। ऐसा नहीं है कि इस एक महीने में आपको बिस्‍तर पर ही लेटे रहना है बल्कि धीरे-धीरे छोटे मोटे काम करना शुरू कर सकती हैं। डिलीवरी के बाद पहले सप्‍ताह में बिस्‍तर पर ही आराम करें, दूसरे सप्‍ताह में शिशु के काम करना शुरू करें। अगर तीन सप्‍ताह के बाद आप ठीक महसूस कर रही हैं ताे घर से बाहर निकल सकती हैं।
डिलीवरी के बाद पेट कम करने के लिए पिएं अजवाइन का पानी, जानिए बनाने का तरीका

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डिलीवरी के बाद वजन घटाने के लिए अजवाइन का पानी पी सकती हैं। इससे मेटाबोलिज्‍म तेज होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है। स्‍तनपान करवाने के दौरान अजवाइन का पानी पीने से दूध अधिक बनता है जो कि शिशु के लिए फायदेमंद है।

अजवाइन के एंटी इंफलामेट्री गुण होते हैं जो शरीर को आंतरिक रूप से रिकवर करने में मदद करते हैं। अजवाइन से इम्‍यूनिटी में भी सुधार होता है और ये मां एवं शिशु को जुकाम और फलू से बचाए रखती है।

डिलीवरी के बाद महिलाओं को गैस बनने की दिक्‍कत बहुत होती है जबकि अजवाइन का पानी गैस के साथ साथ पेट से जुडी अन्‍य समस्‍याओं को भी दूर करता है। अजवाइन का पानी कब्‍ज और दस्‍त से भी बचाता है।


एक चम्‍मच अजवाइन को धीमी आंच पर तब तक भूनें जब तक कि उसे खुशबू न आने लगे। अब एक भिगोना लें और उसमें एक गिलास पानी डालें और फिर अजवाइन डालें।

इस पानी को धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक कि पानी का रंग भूरा न हो जाए। अब पानी को ठंडा होने दें और फिर पानी को छान लें।



सुबह नाश्‍ते से 30 मिनट पहले एक गिलास अजवाइन का पानी पिएं। रोज इसे पीने से लाभ होता है। अधिक मात्रा में अजवाइन का सेवन नुकसानदायक हो सकता है इसलिए सीमित मात्रा में ही अजवाइन लें।


40 दिन का समय
ऐसा माना जाता है कि नौ महीने की प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद शरीर को कम से कम 40 दिनों का आराम जरूर देना चाहिए। इतने समय में शरीर पूरी तरह से रिकवर हो चुका होता है। इन 40 दिनों में मां को अपने आहार का पूरा ध्‍यान रखना है ताकि शरीर में आई कमजोरी दूर हो सके और बच्‍चे के लिए पर्याप्‍त मात्रा में स्‍तनों में दूध भी बन सके।

रिकवरी का अधिकतम समय
ऐसा नहीं है कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद सभी महिलाएं चार सप्‍ताह या 40 दिनों के अंदर रिकवर कर लेती हैं। हर किसी को ठीक होने में अलग समय लगता है। ऐसा माना जाता है कि डिलीवरी के बाद छह से आठ सप्‍ताह के अंदर महिलाएं खुद को पूरी तरह से स्‍वस्‍थ महसूस करती हैं। सिजेरियन डिलीवरी के मुकाबले नॉर्मल डिलीवरी के बाद रिकवर होने में कम समय लगता है।


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डिलीवरी के बाद वजन घटाने के लिए अजवाइन का पानी पी सकती हैं। इससे मेटाबोलिज्‍म तेज होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है। स्‍तनपान करवाने के दौरान अजवाइन का पानी पीने से दूध अधिक बनता है जो कि शिशु के लिए फायदेमंद है।

अजवाइन के एंटी इंफलामेट्री गुण होते हैं जो शरीर को आंतरिक रूप से रिकवर करने में मदद करते हैं। अजवाइन से इम्‍यूनिटी में भी सुधार होता है और ये मां एवं शिशु को जुकाम और फलू से बचाए रखती है।

डिलीवरी के बाद महिलाओं को गैस बनने की दिक्‍कत बहुत होती है जबकि अजवाइन का पानी गैस के साथ साथ पेट से जुडी अन्‍य समस्‍याओं को भी दूर करता है। अजवाइन का पानी कब्‍ज और दस्‍त से भी बचाता है।



एक चम्‍मच अजवाइन को धीमी आंच पर तब तक भूनें जब तक कि उसे खुशबू न आने लगे। अब एक भिगोना लें और उसमें एक गिलास पानी डालें और फिर अजवाइन डालें।

इस पानी को धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक कि पानी का रंग भूरा न हो जाए। अब पानी को ठंडा होने दें और फिर पानी को छान लें।



सुबह नाश्‍ते से 30 मिनट पहले एक गिलास अजवाइन का पानी पिएं। रोज इसे पीने से लाभ होता है। अधिक मात्रा में अजवाइन का सेवन नुकसानदायक हो सकता है इसलिए सीमित मात्रा में ही अजवाइन लें।

डिलीवरी के बाद होने वाली समस्‍याए
डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को कई तरह की दिक्‍कतें आती हैं, जैसे कि :
योनि में दर्द : प्रसव के दौरान योनि और गुदा के बीच का हिस्‍सा यानि पेरिनियम में खिंचाव आ सकता है। शिशु को बाहर निकालने के लिए योनि में छोटा-सा कट लगाया गया हो तो डिलीवरी के बाद तेज दर्द हो सकता है।
कब्‍ज : डिलीवरी के बाद कब्‍ज हो सकती है। प्रसव के दौरान दर्द निवारक दवा के कारण अक्‍सर ऐसा होता है।
पेशाब करने में दिक्‍कत :नॉर्मल डिलीवरी में मूत्राशय स्‍ट्रेच हो जाता है और कुछ समय के लिए नसों और मांसपेशियों को नुकसान पहुंच सकता है। इस वजह से पेशाब करने में दिक्‍कत या दर्द हो सकती है।
ब्रेस्‍ट में सूजन और दर्द :डिलीवरी के बाद पहले तीन से चार दिनों में ब्रेस्‍ट में कोलोस्‍ट्रम बनता है। यह शिशु की इम्‍यूनिटी को बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी होता है। ब्रेस्‍ट में दूध भरने के कारण उनमें सूजन आ सकती है।

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wordpress 1 year ago 5 Answer
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