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आमतौर पर, डाइलेशन और क्यूरेटेज को डी एंड सी भी कहा जाता है ,जिसका संबंध महिला स्वास्थ से हैं, डी एंड सी को मुख्य रूप से गर्भाशय की समस्या का समाधान करने के लिए किया जाता है।
इसे आम भाषा में गर्भाशय की सफाई के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस प्रक्रिया में गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) को खोला जाता है और उसमें मौजूद ऊतक (टिशू) को निकाला जाता है।
यह एक सामान्य प्रक्रिया होती है, जिसे करने में 10-15 मिनट का समय लगता है,जिसे मुख्य रूप से अस्पताल, क्लीनिक, ऑपरेशन थियेटर इत्यादि जगहों पर किया जाता है।
इस प्रक्रिया में दो चीजें -डाइलेशन और क्यूरेटेज शामिल होती हैं।
डाइलेशन के अंतर्गत गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) को खोला जाता है और क्यूरेटेज में गर्भाशय में मौजूद ऊतकों (टिशू) को निकाल कर गर्भाशय की सफाई की जाती है।
मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव होने पर : जिस महिला को मासिक धर्म के दौरान या दो मासिक धर्मों की अवधि के बीच अत्याधिक रक्तस्राव होता है, तो उसकी इस समस्या का समाधान डी एंड सी (डाइलेशन और क्यूरेटेज) के द्वारा किया जा सकता है।
गर्भपात के लिए : अगर कोई महिला समय से पहले गर्भवती हो जाती है और वह अभी मां बनने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं होती है। तो उसका गर्भपात डी एंड सी (डाइलेशन और क्यूरेटेज) के माध्यम से किया जाता है।
बच्चेदानी में रसौली होने पर : जिस महिला की बच्चेदानी में रसौली होती है, उसके डी एंड सी (डाइलेशन और क्यूरेटेज) के द्वारा ठीक किया जा सकता है।
गर्भाशय में रक्तस्राव होने पर: अगर किसी महिला के गर्भाशय में अत्याधिक रक्तस्राव होता है, तो इस स्थिति डॉक्टर उसे डी एंड सी (डाइलेशन और क्यूरेटेज) कराने की सलाह देते हैं।
गर्भाशय कैंसर का पता लगाने के लिए : डॉक्टर उस स्थिति में भी डाइलेशन और क्यूरेटेज कराते हैं, जब उन्हें किसी महिला में गर्भाशय कैंसर का शक होता है। वह गर्भाशय की सफाई के माध्यम से अपने शक को दूर करते हैं।
शरीर के किसी भाग में ऐठन का दर्द होने पर : अक्सर कई महिलाएं इस समस्या को लेकर डॉक्टर के पास आती हैं कि उन्हें पिछले कुछ दिनों (लगभग 48 घंटों से) ऐठन का दर्द हो रहा था, तब डॉक्टर इसके कारण का पता लगाने के लिए डी एंड सी (डाइलेशन और क्यूरेटेज) प्रक्रिया को करते हैं।
चूंकि, डी एंड सी (डाइलेशन और क्यूरेटेज) को महिला के सबसे संवेदनशील अंग पर की जाती है, जिसमें किसी भी तरह की चूक का परिणाम घातक हो सकता है।
अत: डॉक्टर स्थिति को सामान्य रखने के लिए तमाम तरह की सावधानियां बरतते हैं और इसे करवाने वाली महिला के स्वास्थ की तरह से जांच की जाती है।
डाइलेशन और क्यूरेटेज को करने से पहले निम्नलिखित जाँच को किया जाता है-
महिला का गर्भवती होना: चूंकि, डाइलेशन और क्यूरेटेज प्रक्रिया को गर्भपात के लिए भी किया जाता है, अत: डाइलेशन और क्यूरेटेज करने से पहले इस बात की भी जांच की जाती है कि वह महिला गर्भवती हो, ताकि डाइलेशन और क्यूरेटेज प्रक्रिया को उस पर किया जा सके।
किसी तरह की एलर्जी का न होना: डाइलेशन और क्यूरेटेज प्रक्रिया को करने से पहले डॉक्टर इस बात की भी जांच करती हैं कि उस महिला को किसी तरह की एलर्जी तो नहीं है, जिसे डाइलेशन और क्यूरेटेज प्रक्रिया करानी है।
ब्लीडिंग डिसऑर्डर की जांच करना: डाइलेशन और क्यूरेटेज प्रक्रिया को शुरू करने से पहले डॉक्टर उस महिला के ब्लीडिंग डिसऑर्डर के इतिहास की जांच करते हैं और इसके बाद ही डाइलेशन और क्यूरेटेज प्रक्रिया को किया जाता है।
जैसे कि पहले स्पष्ट किया गया है कि डाइलेशन और क्यूरेटेज (डी & सी) एक सामान्य प्रक्रिया होती है, जिसमें मात्र 10-15 मिनट का ही समय लगता है।
डाइलेशन और क्यूरेटेज प्रक्रिया में निम्नलिखित बिंदू शामिल होते है-
स्टेप 1: मरीज को एनेस्थीसिया देना; यह डाइलेशन और क्यूरेटेज प्रक्रिया का सबसे पहला बिंदू होता है, जिसमें मरीज को एनेस्थीसिया दिया जाता है ताकि उसे इस प्रक्रिया के दौरान किसी तरह का दर्द महसूस न हो।
स्टेप 2: योनि में स्पेक्युलुम उपकरण को डालना; मरीज को एनेस्थीसिया देने के बाद उसकी योनि में स्पेक्युलुम उपकरण डाला जाता है ताकि गर्भाशय को फैलाया जा सके जिससे कि गर्भाशय ग्रीवा को अच्छी तरह से देखा जा सके।
स्टेप 3: गर्भाशय ग्रीवा में रॉड को डालना: योनि में स्पेक्युलुम उपकरण डालने के बाद गर्भाशय में कुछ रॉडों को डाला जाता है, जिनकी सहायता से गर्भाशय ग्रीवा को फैलाया जाता है।
स्टेप 4: क्यूरेट उपकरण का उपयोग करना: गर्भाशय ग्रीवा को फैलाने के बाद क्यूरेट नामक उपकरण का उपयोग किया जाता है, जिसकी सहायता से गर्भाशय में मौजूद ऊतकों को निकाला जाता है।
स्टेप 5: उपकरणों को बाहर निकलना: इस प्रक्रिया के पूरे होने के बाद डॉक्टर गर्भाशय ग्रीवा में लगाए गए सभी उपकरणों को बाहर निकल लेते हैं और उससे निकाले गए ऊतकों को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज देते हैं।
डाइलेशन और क्यूरेटेज (डी & सी) प्रक्रिया के बाद भी काफी कार्यों को किया जाता है, जो इस प्रकार हैं:
सुधार कक्ष (रिकीवरी रूम) में ले जाना: डी एंड सी (डाइलेशन और क्यूरेटेज) प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद मरीज को सुधार कक्ष में ले जाया जाता है, जहां पर उसके स्वास्थ्य को मॉनिटर किया जाता है।
दर्द-निवारक दवाईयां देना: इस ऑपरेशन के तुंरत बाद मरीज को रक्तस्राव, दर्द इत्यादि की परेशानी हो सकती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर उन्हें कुछ दर्द-निवारक दवाईयां देते हैं।
अस्पताल में रहना: हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया में काफी कम समय लगता है और इसके समाप्त होने के कुछ समय बाद में मरीज को घर जाने की अनुमति दे दी जाती है।
लेकिन कुछ मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि कुछ महिलाओं को इस प्रक्रिया के दौरान काफी रक्तस्राव होता है, ऐसी स्थिति में उन्हें इस प्रक्रिया के बाद एक रात के लिए अस्पताल में रखा जाता है और जब उनकी स्थिति समान्य हो जाती है। तब उन्हें घर भेजा जाता है।
डायलेशन और क्यूरेटेज (डी&सी) के कौन-कौन से जोखिम होते हैं? (Side-Effects of Dilation and Curettage in Hindi)
जिस तरह से किसी भी सर्जरी या ऑपरेशन के अपने जोखिम होते हैं, उसी प्रकार से डायलेशन और क्यूरेटेज के भी कुछ जोखिम होते हैं, जो इस प्रकार हैं:
रक्तस्राव होना- डायलेशन और क्यूरेटेज (डी&सी) के बाद कुछ मात्रा में रक्तस्राव होना सामान्य चीज होती है, लेकिन कुछ मामलों में ऐसा देखा गया है कि कुछ महिलाओं को इस प्रक्रिया के बाद अधिक मात्रा में रक्तस्राव होता है।
ऐसी स्थिति में डॉक्टर उन्हें कुछ दर्द-निवारक दवाईयां देते हैं।
ऐंठन होना- कभी-कभी इस प्रक्रिया के बाद कुछ महिलाओं को ऐंठन का दर्द हो सकता है।
पेट में दर्द होना- डायलेशन और क्यूरेटेज के बाद कुछ महिलाओं के पेट में दर्द हो सकता है।
अनियमित रूप से मासिक धर्म का होना- डायलेशन और क्यूरेटेज की प्रक्रिया के बाद अनियमित रूप से मासिक धर्म आते हैं।
संक्रमण का होना- कभी-कभी डायलेशन और क्यूरेटेज प्रक्रिया के बाद गर्भाशय में संक्रमण हो सकता है।
डी एंड सी के जोखिमों के बारे में अधिक जानने के लिए इस वीडियो को देखें-
डी एंड सी के बाद कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए ? (Precautions of D & C in Hindi)
हालांकि, डी एंड सी प्रक्रिया के कुछ जोखिम होते हैं, लेकिन कुछ सावधानियों को बरत के उनसे बचा जा सकता है, जो इस प्रकार हैं-
सैनिटरी नैपकिन या मैस्ट्रिअल पैड का उपयोग करना चाहिए: डी एंड सी प्रक्रिया के बाद थोड़ा रक्तस्राव होना आम बात होती है, लेकिन कुछ महिलाओं में अधिक मात्रा में रक्तस्राव होता है।
ऐसी स्थिति में उन्हें सैनिटरी नैपकिन या मैस्ट्रिअल पैड का उपयोग करें।
हल्के व्यायाम करना चाहिए: किसी भी तरह के जोखिम से बचने के लिए हल्के व्यायाम जैसे हिलना, डुलना इत्यादि करें।
ऐसा करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं, ऐंठन की समस्या होने की काफी कम संभावना रह जाती है।
यौनिक गतिविधियों को नहीं करना चाहिए: चूंकि, डी एंड सी प्रक्रिया को महिला गर्भाशय में किया जाता है इसलिए इस प्रक्रिया के बाद कुछ समय के लिए उन्हें यौनिक गतिविधियों को नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करना उनके लिए हानिकारक हो सकता है।
भारी या थकाने वाले कार्यों को करने से बचना चाहिए: डी एंड सी (डाइलेशन और क्यूरेटेज) प्रक्रिया के बाद कुछ समय तक कमजोरी महसूस हो सकती है अत: कुछ समय तक भारी या थकाने वाले कार्यों को नहीं करना चाहिए।
डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए: अगर किसी महिला ने डी एंड सी (डाइलेशन और क्यूरेटेज) प्रक्रिया को हाल ही में कराया है तो उसे तब तक डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए, जब तक वह उस महिला को पूरी तरह से स्वस्थ घोषित न कर दे।
जब कोई महिला न चाहते हुए भी गर्भवती हो जाती है, तो वह इसकी वजह से काफी परेशान हो जाती है क्योंकि उसे इन अनचाहे गर्भावस्था से बचने का तरीका नहीं पाता होता है, लेकिन यदि उन्हें यह पता हो कि डी एंड सी से वह अनचाहे गर्भावस्था (प्रेंग्नेंसी) से बच सकती है, तो शायद वह संतुष्ट रह सकें।
अत:हमने इस लेख में डायलेशन और क्यूरेटेज (D and C in Hindi) से संबंधित आवश्यक जानकारी दी है ताकि आपके लिए यह इलाज सफल साबित हो सके।
सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल (FAQ | S)
Q1. क्या डी एंड सी कराना दर्दनाक होता है?
Ans- डी एंड सी को एनेस्थीसिया की सहायता से किया जाता है, जिसके कारण इसे कराने वाली महिलाओं को किसी तरह के दर्द का एहसास नहीं होता है।
हालांकि, एनेस्थीसिया देते समय उन्हें इंजेक्शन लगने पर दर्द जैसा महसूस हो सकता है।
Q2. क्या डी एंड सी के दौरान लोग जगे रहते हैं?
Ans- ज्यादातर डी एंड सी प्रक्रिया को लोगों को जगाकर ही किया जाता है।
इसके अलावा, चूंकि उन्हें एनेस्थीसिया दिया होता है, जिसके कारण उन्हें किसी तरह का दर्द महसूस नहीं होता है।
Q3. डी एंड सी के बाद पूरी तरह से ठीक होने में कितना समय लगता है?
Ans- डी एंड सी कराने वाले लोगों के ठीक होने का समय अलग-अलग होता है, लेकिन आमतौर पर इस सर्जरी को कराने के बाद 1-2 दिनों तक आराम करने के बाद वे अपने कामों को फिर से कर सकते हैं।
Q4. क्या डी एंड सी बड़ी सर्जरी है?
Ans- हालांकि, डी एंड सी छोटी सी सर्जरी होती है, जिसे 10-15 मिनट में पूरा कर लिया जाता है।
इसके बावजूद, इसे कराने वाले लोगों को डॉक्टर की सभी सलाह को मानना चाहिए ताकि उन्हें किसी तरह के जोखिमों का सामना न करना पड़े।
Q5. डी एंड सी के बाद किन चीज़ों का परहेज़ करना चाहिए?
Ans- डी एंड सी के बाद का समय इसे कराने वाले सभी लोगों के लिए संवेदनशील होता है, इसलिए उन्हें इस दौरान कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।
उन्हें साइकिल, जॉगिंग, विट लिफ्टिंग इत्यादि एक्सराइज़ को नहीं करना चाहिए और इसके साथ में अधिक मेहनत वाले कामों को भी नहीं करना चाहिए।
Q6. क्या डी एंड सी के बाद किसी महिला को गर्भवती होने में परेशानी होती है?
Ans- जी नहीं, डी एंड सी के बाद किसी महिला को गर्भवती होने में परेशानी नहीं होती है।
हालांकि, उसे सभी तरह की सावधानियों का पालन करना चाहिए।
Q7. क्या डी एंड सी गर्भाशय को खराब या नष्ट कर सकती है?
Ans- हालांकि, ऐसे काफी कम मामले देखने को मिलते हैं, जिनमें डी एडं सी की वजह से गर्भाशय के खराब या नष्ट होने की पुष्टि हो।
इसके बावजूद, इसे करने वाले डॉक्टर को इसे काफी सावधानी से करना चाहिए।
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