Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के दुरुपयोग को रोकने की तैयारी
4 वर्ष पहले
स्वास्थ्य विभाग ने जच्चा बच्चा के लिए खतरनाक माने जाने वाले और प्रसव के समय दर्द बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाले ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का दुरुपयोग पर रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। यह इंजेक्शन सिर्फ स्पेशल लाइसेंस वाले और पंजीकृत अस्पतालों में ही मिलेगा। केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि इसे अब सरकारी कंपनी बनाएगी और सिर्फ नर्सिंग होम व अस्पतालों में बिक्री होगी। फुटकर दवा दुकानों से बिक्री पर प्रतिबंध लग जाएगा। इसकी अधिसूचना केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 21 अगस्त को जारी कर दी थी। इसी को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय में बैठक हुई। विभाग की तरफ से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार इस इंजेक्शन के कारण जच्चा-बच्चा की मृत्युदर में बढ़ोत्तरी होती है। क्योंकि इसकी डोज जच्चा को डिलीवरी के समय दी जाती है। इस दौरान कभी कभी जच्चा व बच्चा की मौत हो जाती है। इसी के चलते स्वास्थ्य विभाग ने इंजेक्शन पर लगाम लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके दुष्प्रभाव के चलते केन्द्र ने निर्माण पर रुकवा दिया है। अब विभाग की तरफ से इंजेक्शन से संबंधित डाटा इक्ट्ठा करना शुरू कर दिया गया है। डाटा इक्ट्ठा होने के बाद विभाग की तरफ से निर्णय लिया जाएगा कि इंजेक्शन सिर्फ चयनित स्थानों पर ही मिल सके। ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के निर्माण एवं बिक्री पर केन्द्र सरकार की तरफ से मॉनिटरिंग की जाएगी।
सब्जियों का साइज बढ़ाने और पशुओं का दूध उतारने में हो रहा दुरुपयोग
फिलहाल विभाग के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि इस इंजेक्शन का प्रयोग धड़ल्ले से अवैध रूप से हो रहा है। इसी को अधिकारियों ने विचार विमर्श किया था। जांच में सामने आया है कि इसका प्रयोग अब सब्जियों का साइज बढ़ाने के लिए भी किया जाने लगा है। फिर इन सब्जियों को बाजार में बेचा जाता है। जो कि सेहत के लिए बहुत खतरनाक है। लौकी, तरबूज, बैंगन, खीरे आदि सब्जियों का आकार बढ़ाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा पशुपालक दूध उतारने के लिए ह्यूमन ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल करते हैं, जिसका साइड इफेक्ट जानवरों पर पड़ता है। दूध के जरिये बच्चों के शरीर में पहुंचकर उन्हें भी प्रभावित करता है। कुछ किसान भी फलों व सब्जियों को जल्द बड़ा करने के लिए इंजेक्शन लगाते हैं।
बच्चेदानी फटने व बच्चे की मौत का होता खतरा
इस इंजेक्शन का प्रयोग प्रसूता को डिलीवरी पेन बढ़ाने के लिए किया जाता है। मगर इसका गलत प्रयोग जच्चा बच्चा दोनों के लिए खतरनाक है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र के कुछ घरों में अवैध डिलीवरी में महिलाएं इसका प्रयोग करती है। इससे बच्चेदानी फटने और बच्चे की मौत का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे ही कई कारणों के चलते इसके प्रयोग को सीमित करने की तैयारी की जा रही है।
--------------------------- | --------------------------- |