नवजात को 24 घंटे में कितना दूध पीना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Mon 17th Oct 2022 : 11:08

मुझे शिशु को कितनी बार स्तनपान कराना चाहिए?
जब भी आपको लगे कि शिशु स्तनपान करना चाहता है, तो उसे स्तनपान कराएं। जितनी देर तक वह स्तनपान करना चाहे, उसे करने दें। इसे बेबी लेड फीडिंग या डिमांड फीडिंग कहा जाता है। और यह अधिकांश बच्चों के मामलों में सही काम करता है।

शुरुआती दिनों और हफ्तो में आपका शिशु दिन और रात में बार-बार उठेगा और स्तनपान करेगा। नवजात शिशु का पेट बहुत छोटा होता है।

वह शारीरिक तौर पर केवल थोड़ी मात्रा में दूध पी सकता है। वह आपका स्तनदूध आसानी से पचा लेता है और जल्द ही यह उसके शरीर में अवशोषित हो जाता है। इसलिए वह बार-बार स्तनपान करना चाहता है।

जन्म के शुरुआती कुछ दिनों बाद अधिकांश नन्हें शिशु 24 घंटों में आठ से 10 बार स्तनपान करते हैं। इसका मतलब है कि आपका शिशु हर 90 मिनट से दो घंटों में दूध पीनाा चाह सकता है।

शिशु कितनी बार स्तनपान कर रहा है, इसपर नजर रखना सही रहता है। साथ ही शिशु अगर दूध पीने की इच्छा न जताए, तो भी उसे स्तनपान करवाना बेहतर है। बार-बार स्तनपान करवाने से आपके दूध की आपूर्ति बनी रहेगी। जितना ज्यादा आपका नन्हा शिशु स्तनपान करेगा, उतना ही अधिक आपका शरीर दूध का उत्पादन करेगा। इसे रिस्पोंसिव फीडिंग कहा जाता है। आपके शिशु को भी आपसे चिपककर रहना अच्छा लगेगा, फिर चाहे उसे भूख हो या न हो।

यदि आपका शिशु समय से पहले पैदा हुआ है, बीमार है या कम जन्म वजन शिशु है, तो डॉक्टर शायद आपको उसकी मांग के अनुसार स्तनपान बनाने की बजाय तय समय पर दूध पिलाने की सलाह दे सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये शिशु इतने कमजोर या उनींदे हो सकते हैं कि स्तनपान करने की इच्छा जाहिर ही न करें। उनके भूख के संकेत बहुत हल्के या न के बराबर होते हैं। डॉक्टर आपको बताएंगे कि आपको शिशु को कितनी बार स्तनपान करवाना चाहिए। आमतौर पर हर दो या तीन घंटों में स्तनपान करवाने की सलाह दी जाती है, फिर चाहे इसके लिए शिशु को गहरी नींद से जगाकर स्तनपान क्यों न करवाना हो।

इसलिए इस बात पर ध्यान रखें कि शिशु को आपने शिशु को कब स्तनपान करवाया था और इसके अनुसार नियमित अंतराल पर उसे स्तनपान करवाती रहें। इससे सुनिश्चित हो सकेगा कि उसे सही समय पर पोषण मिल रहा है और उसका वजन बढ़ रहा है।

इस बात पर भी ध्यान दें कि शिशु स्तन सही ढंग से मुंह में ले। वरना वह स्तनपान करने की बजाय केवल निप्पल फीडिंग ही करता रहेगा। इससे आपके निप्पलों में दर्द हो सकता है, और आपका शिशु भी बेचैन सा रह सकता है क्योंकि उसे पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं मिल रहा। यदि आपको लगे कि शिशु सही ढंग से स्तनपान नहीं कर रहा तो शिशु के डॉक्टर से बात करें।

आपके शिशु को अपना पूरा मुंह खोलकर स्तन का बड़ा हिस्सा मुंह में लेना चाहिए। जब वह सही ढंग से मुंह में स्तन ले, तो उसकी ठोड़ी आपके स्तन से छू रही है और उसकी नाक दब न रही हो। आपका शिशु शायद ज्यादा बार या रात में ज्यादा देर तक स्तनपान करना चाहेगा। यह सामान्य है, क्योंकि आपका शरीर रात में ज्यादा प्रोलैक्टिन का उत्पादन करता है, जो कि वह हॉर्मोन है जो शरीर में दूध बनाता है। रात में ज्यादा बार स्तनपान करके शिशु आपके ​शरीर को ज्यादा दूध के उत्पादन के लिए प्रेरित करता है।

आपका शिशु शायद क्लस्टर फीड करना भी पसंद करे, जब वह काफी बार स्तनपान करे और उसके बाद कुछ घंटों या इससे भी ज्यादा देर तक सोना न चाहे। यह नन्हें शिशुओं के लिए सामान्य है। समय-समय पर शिशु का ग्रोथ स्पर्ट (शिशु के विकास में तेजी पकड़ना) रहेगा और इसकी वजह से उसे ज्यादा भूख लग सकती है। जब भी वह चाहे और जितनी देर तक चाहे उसे स्तनपान करवाएं।

इस तरह आपके दूध की आपूर्ति भी शिशु की जरुरत के अनुसार समायोजित होती है। आपके दूध की आपूर्ति शिशु के ग्रोथ स्पर्ट को देखते हुए दो या तीन दिन में बढ़ जाएगी। इस बीच शिशु को फॉर्मूला दूध पिलाने की जरुरत नहीं है।

स्तनों का अलग-अलग मात्रा में दूध का उत्पादन करना और तेज या धीमा प्रवाह रहना भी सामान्य है। उदाहरण के तौर पर हो सकता है आपका शिशु दाएं स्तन से दूध पीना चाहे क्योंकि यह ज्यादा दूध का उत्पादन करती है। बहरहाल, शिशु को दोनों स्तनों से दूध पिलाना जारी रखें क्योंकि आपका शिशु दोनों तरफ दूध के उत्पादन को प्रेरित करेगा। कुछ शिशु हर बार स्तनपान के दौरान दोनों स्तनों से दूध पीना पसंद करते हैं। जैसा आपका शिशु चाहे उसे वैसा करने दें। अगले कुछ महीनों में, आपके शिशु के स्तनपान का तरीका आप पहचानने लगेंगी। हालांकि, इसमें कुछ समय लग सकता है, इसलिए निराश न हों।

जब आपका शिशु स्तनपान करने में अभ्यस्त और निपुण हो जाएगा और जब उसे आसपास की चीजों में रुचि होने लगेगी, तो स्तनपान के बीच में लंबा अंतराल होने लगेगा।

छह महीने की उम्र में जब शिशु ठोस आहार खाना शुरु करता है, तो भी आपका स्तनदूध उसके लिए महत्वपूर्ण रहेगा। तब तक आप और आपका शिशु स्तनपान में एकदम निपुण हो चुके होंगे।

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