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छोटे बच्चों को एक व्यस्क व्यक्ति से ज्यादा सोने की जरूरत होती है ताकि उनका मानसिक और शारीरिक विकास अच्छी तरह से हो सके। इसलिए मां-बाप को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनका नन्हा शिशु अपनी उम्र के हिसाब से पर्याप्त नींद ले। लेकिन कई बार छोटे बच्चे दिन के समय ज्यादा सो ले लेते हैं जिसकी वजह से रात को उन्हें नींद नहीं आती है। इसे डे-नाइट रिवर्सल कहा जाता है।
नवजात शिशु ( 0-3 मंथ ):-
नवजात शिशु 1 दिन में 14 से 17 घंटे सोते हैं। इतने छोटे बच्चों के सोने का पैटर्न ही यही होता है कि बच्चे बार-बार उठते हैं और सोते हैं। इसलिए कई बार माता-पिता को लगता है कि बच्चा रात भर अच्छी तरह नहीं सोया पर इस तरह से बार-बार सोना और उठना इतने छोटे बच्चों के लिए सामान्य बात है। शिशु बार-बार भूख लगने की वजह से या डे-नाइट रिवर्सल की वजह से भी जागते हैं।
3 से 6 महीने के बच्चे:-
3 महीने के हो जाने के बाद शिशु नॉर्मल नींद ले पाते हैं। इस उम्र तक आते-आते बच्चों की नींद के घंटे भी कम हो जाते हैं। 6 महीने के बच्चों को 12 से 15 घंटे की नींद की जरूरत होती है। इस उम्र में बच्चे वयस्क की तरह सोते हैं, जिससे इनकी नींद नवजात शिशु की तुलना में कच्ची होती है। इसी वजह से थोड़ी सी आवाज या तेज रोशनी इन बच्चों को नींद से उठा सकती है।
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