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प्रेगनेंसी के दौरान शरीर अधिक मात्रा में एमनियोटिक फ्लूइड बनने लगता है. इसकी वजह से गर्भाशय का दबाव नाभि पर आने लगता है. ऐसे में नाभि में उभार आ सकता है. इसके अलावा कई बार हार्मोनल बदलावोंं की वजह से भी नाभि उभरकर बाहर आ जाती है.
कई शिशुओं की नाभि बाहर को निकली हुई होती है या सामान्य से ज्यादा उभरी हुई और बड़ी होती है। इसका कारण अम्बिलिकल हर्निया हो सकता है। सामान्यत: शिशुओं में ये समस्या अपने आप ठीक हो जाती है। मगर यदि 3-4 साल की उम्र तक भी शिशु की नाभि उभरी हुई और बड़ी हो, तो ये अम्बिलिकल हर्निया का संकेत हो सकता है।
शिशुओं की नाभि :-
बच्चे के जन्म से पहले शिशु के विकास के लिए जो भी जरूरी पोषक तत्व चाहिए, वो उसे मां द्वारा गर्भनाल से मिलते हैं। ये गर्भनाल शिशु के पेट पर नाभि वाली जगह से जुड़ी होती है। जन्म के बाद शिशु के साथ ये गर्भनाल भी बाहर आ जाती है। जन्म के बाद इस नाल को बांधा जाता है और काट दिया जाता है। चूंकि इस नाल में कोई नस नहीं होती है इसलिए शिशु को दर्द नहीं होता है। अगर इसे बांधा नहीं भी जाता है, तो स्वाभाविक रूप से खुद ही बंद हो जाती है।
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