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प्रसव पीड़ा से पहले जब शिशु पूरी तरह बाहर निकलने को तैयार हो जाता है, वह गर्भ से खिसक कर श्रोणि में आ जाता है।
शिशु को गर्भाशय में सही जगह की जरूरत होती है, ताकि वह गर्भ नलिका से होते हुए बाहर की ओर निकल सके। हालांकि यह बताना बिल्कुल नामुमकिन है कि शिशु किस समय जन्म लेगा, ऐसे में जब शिशु श्रोणी में खिसक जाता है, तो इसे प्रसव के लक्षण के तौर पर समझा जाता है।
जैसे-जैसे बच्चा नीचे की ओर खिसकता है, आप खुद में निम्न बदलाव महसूस कर सकती हैं-
पेट में बदलाव - आप अपने पेट को नीचे की ओर पहले से ज्यादा लटका हुआ महसूस करेंगी।
सांस लेने में आसानी होगी - नीचे की ओर बच्चे के खिसकने से आपको सांस लेने में सहजता होगी।
श्रोणि में दबाव - जैसे ही आपको लगेगा कि बच्चा नीचे खिसक गया है, आपको श्रोणि में दबाव और दर्द महसूस होने लगेगा।
योनि से स्राव बढ़ेगा - बच्चा जैसे ही श्रोणि में पूरी तरह आ जाता है, वह सर्विक्स पर दबाव बनाने लगता है। इससे आपका म्यूकस प्लग छूट जाता है, जे कि गुलाबी और जैली किस्म स्राव होता है। यह म्यूकस प्लग गर्भाशय में किसी भी बैक्टीरिया को गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय ग्रीवा में घुसने से रोकता है।
बच्चा नीचे आने के लक्षण-
बार-बार पेशाब आना - प्रसव के दौरान बच्चे का मुंह जैसे ही बाहर की ओर निकलने को होता है, महिला को बार-बार पेशाब आता है।
पीठ दर्द - बच्चे के खिसकने के कारण महिला की पीठ की मांसपेशियों में दर्द बढ़ जाता है।
भूख बढ़ जाती है - बच्चे के नीचे की ओर खिसकते ही पेट का दबाव और छाती में जलन कम हो जाती है। इस वजह से भूख बढ़ जाती है।
बवासीर - गर्भावस्था में महिला की श्रोणि में बच्चे के सिर का दबाव बनता है। इसी कारण बवासीर होता है। इन दिनों लगातार दर्द, स्राव और ब्लीडिंग होने पर तुरंत डाॅक्टर के पास जाएं।
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