पपीता खाने के कितने दिन बाद गर्भपात होता है?pregnancytips.in

Posted on Tue 25th Dec 2018 : 16:01

Miscarriage Myths इसलिए अगर आप वज़न घटाना चाह रहे हैं तो पपीते का सेवन ज़रूर करें। हालांकि लंबे समय से प्रेग्‍नेंसी के दौरान पपीता न खाने की सलाह दी जाती है। गर्भवती महिलाओं को अक्सर पीपते के बारे में चेता दिया जाता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Miscarriage Myths: सभी फलों में पपीता सबसे स्वादिष्ट होने के साथ सेहतमंद भी है। पपीता प्रोटीन, डाइट्री फाइबर, कार्ब्ज़ से भरपूर होता है और इसमें फैट्स भी बेहद कम मात्रा में होते हैं। इसलिए अगर आप वज़न घटाना चाह रहे हैं, तो पपीते का सेवन ज़रूर करें। हालांकि, लंबे समय से प्रेग्‍नेंसी के दौरान पपीता न खाने की सलाह दी जाती है। गर्भवती महिलाओं को अक्सर पीपते के बारे में चेता दिया जाता है।

क्या प्रेग्नेंसी के दौरान पपीता खाना सच में सही नहीं?

घर के बड़े-बुज़ुर्ग अक्सर प्रेग्‍नेंसी के दौरान पपीते के सेवन को मिसकैरिज से जोड़ते हैं। इसके लिए लेटेक्स में पाए जाने वाले एंज़ाइम्स को ज़िम्मेदार ठहराया जाता है - जो एक पपीते से निकलने वाला सफेद दूधिया तरल पदार्थ। ये एंज़ाइम पोस्टराग्लैंडीन के रिलीज़ को ट्रिगर करते हैं, जो गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकता है जिससे गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, क्या एक्सपर्ट्स भी इसे सही ठहराते हैं या फिर ये एक मिथक है?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रेग्‍नेंसी में पपीता खाएं कि नहीं, गर्भवती महिलाएं अक्सर इस बात को लेकर चिंतित रहती हैं। हालांकि, ये सिर्फ कही-सुनी बाते हैं। पहले के दिनों में, मिस्र के लोग ऊंटों को गर्भावस्था से बचने और गर्भपात कराने के लिए पपीते के बीज का इस्तेमाल करते थे। तब से गर्भावस्था में पपीते से बचने के लिए कहा जाता है।

छपे एक लेख कहा गया था कि गर्भवती चूहों द्वारा पका हुआ पपीता खाना सुरक्षित है, लेकिन कच्चा पपीता खाने से गर्भपात या समय से पहले प्रसव हो सकता है। ऐसा कच्चे पपीते में पाए जाने वाले पेपेन एंज़ाइन की वजह से था। हालांकि, मनुष्यों में ऐसा कोई शोध अभी तक नहीं किया गया है जो इसे सच या ग़लत साबित कर सके।
वहीं, कुछ डॉक्टर्स का मानना है कि पपीता असल में गर्भवती महिलाओं के लिए एक हेल्दी फल है। पपीता चाहे कच्चा हो या पका हुआ, ये मासिक धर्म चक्र में कोई बदलाव नहीं करता है। यह एक मिथक है कि यह पीरियड्स की तारीख को आगे-पीछे कर सकता है। हालांकि, कच्चे पपीते में पाया जाने वाला पपैन नाम का एक प्रोटीयोलाइटिक एंज़ाइम गर्भाशय के संकुचन और पाचन संबंधी दिक्कतों का कारण बन सकता है। इसलिए हम प्रेग्‍नेंट महिलाओं को कच्चे पपीते का सेवन पूरी तरह से न करने की सलाह देते हैं। हालांकि, पका हुआ पपीता प्रेग्‍नेंसी में फायदेमंद साबित हो सकता है।
कुछ डॉक्टर्स यह भी कहते हैं कि पपीते में carotine होता है, जो वास्कुलर प्रेशर को बढ़ा सकता है, जिसकी वजह से प्लेसेंटा में अंदर ब्लीडिंग हो सकती है। तकनीकी रूप से कहें तो पपीता गर्भपात करने वाला फल है, यही वजह है कि हम गर्भावस्था के दौरान पपीते से बचने के लिए कहते हैं। प्रेग्‍नेंसी के पहले तीन महीनों में गर्भपात हो सकता है और बाकी महीनों में अंदर ब्लीडिंग हो सकती है।

क्या निकलता है नतीजा?

वसायुक्त और अनियमित खानपान से मोटापे को लेकर हुआ शोध।
शोध में बड़ा खुलासा- बचपन का सामाजिक-आर्थिक तनाव मोटापे के लिए हो सकता है जिम्मेदार

दूसरे फलों की तरह पपीते को भी गर्भवती महिलाओं के लिए हेल्दी माना गया है, लेकिन इससे जुड़े जोखिमों की जानकारी के लिए पपीते के सेवन से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें।

लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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