पहली तिमाही में एक लड़का होने के लक्षण?pregnancytips.in

Posted on Wed 12th Sep 2018 : 16:35

पहली तिमाही में बेबी बॉय होने के लक्षण - Signs of having baby boy in first trimester in Hindi

सुनिए कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है!

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प्रेगनेंसी के दौरान कई तरह की चीजें मन में चलती रहती हैं. खासतौर से गर्भ में लड़का है या लड़की, यह सवाल सबसे आम होता है. कुछ लोगों का मानना है कि प्रेगनेंसी के लक्षणों से पहचाना जा सकता है कि गर्भ में लड़का है या लड़की, लेकिन विज्ञान इन तथ्यों की पुष्टि नहीं करता है. वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान महिला में नजर आने वाले लक्षणों से पता करना संभव नहीं है कि गर्भ में लड़का है या लड़की.

आज इस लेख में हम जानेंगे कि मान्यताओं के अनुसार पहली तिमाही में नजर आने वाले किन लक्षणों से गर्भ में लड़का होने का अनुमान लगाते हैं -
गर्भ में लिंग का निर्धारण कब होता है?
क्या पहली तिमाही में लड़का होने के लक्षण अलग होते हैं?
मॉर्निंग सिकनेस
स्किन की समस्या
क्रेविंग्स
हार्ट रेट
सारांश

पहली तिमाही में बेबी बॉय होने के लक्षण के डॉक्टर
गर्भ में लिंग का निर्धारण कब होता है?

जब महिला गर्भवती हैं, तो उसी दौरान लिंग निर्धारित हो जाता है. इसके बाद प्रेगनेंसी के करीब 11वें सप्ताह के आसपास जेनिटल विकसित होने लगते हैं. अल्ट्रासाउंड के जरिए भी कई सप्ताह तक लिंग की जांच करना मुश्किल होता है. वैसे भी अल्ट्रासाउंड के जरिए लिंग की जांच करना या करवाना कानूनन अपराध है. वहीं, कुछ लोग गर्भवती महिला में नजर आने वाले लक्षणों से अनुमान लगाना शुरू कर देते हैं.
क्या पहली तिमाही में लड़का होने के लक्षण अलग होते हैं?

प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आते हैं. इसमें मॉर्निग सिकनेस, क्रेविंग्स व हार्ट रेट में बदलाव इत्यादि देखने को मिलते हैं. इसके आधार पर कई लोग लड़का होने का दावा करते हैं, लेकिन ये दावे सिर्फ एक मिथ है. हो सकता है कि कुछ मामलों में ये दावे सही साबित हो जाएं, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि गर्भ में लड़का होने पर ही इस तरह के लक्षण जरूर दिखेंगे. आइए जानते हैं कुछ ऐसे पुराने और लोकप्रिय लक्षणों के बारे में -
मॉर्निंग सिकनेस

प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में अधिकतर महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस महसूस होती है. कुछ लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि मॉर्निंग सिकनेस की गंभीरता के आधार पर बच्चे के लिंग के बारे में पता लगाया जा सकता है. ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि गर्भ में लड़की होने पर हार्मोन का स्तर अधिक रहता है, जिसके कारण मॉर्निंग सिकनेस अधिक होगी. वहीं, गर्भ में लड़का होने पर मॉर्निंग सिकनेस कम होती है.

सच्चाई- यह बातें सिर्फ एक मिथ है. वास्तव में हर गर्भवती महिला को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या अलग-अलग तरह से होती है. इसका लड़का और लड़की से कोई लेना-देना नहीं है.
स्किन की समस्या

गर्भावस्था की पहली तिमाही में स्किन की चमक कम होने लगती है. कुछ लोगों का मानना है कि जब महिला के गर्भ में लड़की होती है, तो उसकी सुंदरता कम होने लगती हैं. वहीं, लड़का होने पर स्किन पर ज्यादा असर नहीं दिखता है. यही बातें बालों को लेकर भी कही जाती हैं.

सच्चाई- इन बातों में बिल्कुल भी दम नहीं है. गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से महिलाओं की स्किन और बालों पर असर देखने को मिलता है. कुछ महिलाओं में इसका असर अधिक होता है, तो कुछ महिलाओं में इसका असर कम दिखता है.
क्रेविंग्स

प्रेगनेंसी के दौरान काफी ज्यादा क्रेविंग्स होती हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि लड़का होने पर महिलाओं को नमकीन चीजें, जैसे - अचार व आलू के चिप्स इत्यादि खाने का मन करता है. वहीं, लड़की होने पर मिठाइयां व चॉकलेट खाने की इच्छा होती है.

सच्चाई- ये बातें सिर्फ एक मिथ है. क्रेविंग्स के आधार पर लिंग के बारे में जानना सिर्फ एक मिथ हो सकता है. खाने की क्रेविंग्स शरीर में जरूरी पोषक तत्वों के आधार पर होती है.
हार्ट रेट

यह लिंग के बारे में सबसे प्रसिद्ध मिथ में से एक है. ऐसा माना जाता है कि यदि हार्ट बीट प्रति मिनट 140 से कम है, तो महिला के गर्भ में लड़का है. वहीं, हार्ट बीट 140 से ऊपर हो, तो गर्भ में लड़की है.

सच्चाई- इस तरह की बातें वैज्ञानिक लग सकती हैं, लेकिन इसके पीछे कोई स्पष्ट आधार नहीं है. अन्य बातों की तरह इस दावे के पीछे भी सिर्फ लोक मान्याताएं ही हैं.
सारांश

गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान शरीर में दिख रहे लक्षणों, जैसे- क्रेविंग व हार्ट रेट इत्यादि के आधार पर लड़का और लड़की के बारे में अनुमान लगाना सिर्फ एक मनोरंजन करने वाली बातें हो सकती हैं. इसका सच्चाई से कोई संबंध नहीं है. इसके साथ ही ध्यान रखें कि लिंग परीक्षण करवाना कानूनी अपराध माना जाता है. इसलिए, इस तरह के विचारों को मन में न आने दें.


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