पीरियड में कम ब्लीडिंग होने के क्या कारण है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:26

माहवारी में कम ब्लीडिंग होने के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार और परहेज

महिलाओं में कई कारणों से मासिक धर्म संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती है उन्हीं में से एक समस्या है मासिक स्राव या पीरियड्स का अल्प मात्रा (period kam hona) में होना। मासिक धर्म होने के दौराम कम रक्तस्राव या ब्लीडिंग होने के कई कारण हो सकते है जैसे, खान-पान में पोषक तत्वों की कमी होना, अनुचित जीवनशैली या अधिक तनावयुक्त जीवन-यापन करना। मासिक धर्म में आई गड़बड़ी के कारण महिलाओं में बहुत सारी समस्याएँ होने लगती हैं, जैसे- प्रजनन क्षमता का घटना या गर्भवती होने में समस्या, वजन बढ़ना, अण्डाशय में ग्रंथियों का बनना, भूख न लगना, चेहरे पर बाल निकलना, मासिक धर्म का न आना हार्मोनल असंतुलन के यह सारे लक्षण इस समस्या में पाए जाते है।
माहवारी में रक्तस्राव कम होना क्या है? (What is Light Period?)

आयुर्वेद में सभी रोग वात, पित्त, कफ के असंतुलन के कारण होते हैं। इसी प्रकार महिलाओं में होने वाली मासिक धर्म से संबंधित समस्याएं भी दोषों के असंतुलन का ही परिणाम होता है। यह आहार में पोषक तत्वों की कमी, और अनुचित जीवन शैली, या अन्य कारणों से होता है।
मासिक धर्म में कम रक्तस्राव के लक्षण (Light Bleeding Symptoms)

महिलाओं में मासिक धर्म शुरू होने पर प्रारंभिक 1–2 वर्षों में मासिक स्राव कम होना, या मासिक धर्म के अंतराल में अंतर होना सामान्य बात है, लेकिन यदि इसके बाद भी और लम्बे समय तक ऐसा हो तो यह बीमारी मानी जाती है। यह किसी गर्भाशय संबंधी विकार, हार्मोनल असंतुलन, आहार में पोषक तत्वों की कमी और अत्यधिक तनाव या श्रम के कारण हो सकता है। अधिकतर मामलें में यह गर्भाशय संबंधी विकार, या फिर अण्डाशय (ओवरी) में ग्रंथियाँ बनने के कारण होता है। इस अवस्था को सामान्य नहीं समझना चाहिए। मासिक धर्म में कम रक्तस्राव (masik dharm me blood kam ana) के ये लक्षण दिखने पर घरेलू उपचार करना चाहिए।
माहवारी में ब्लीडिंग कम होने के कारण (Causes of Less Bleeding During Period)

माहवारी या मासिक धर्म के कम होने के पीछे कई कारण होते हैं जिनमें से ये प्रमुख हैं-

थायरॉइड से संबंधित समस्या का होना जैसे-थाइरोटोक्सियोकोसिस (Thyrotoxicosis)
मेनोपॉज (Menopause) से पहले होने वाले हार्मोनल बदलाव।
उचित आहार न लेना जैसे आहार में जरुरी पोषक तत्वों की कमी।
अत्यधिक तनावयुक्त जीवन या अवसाद (Depression)होना।
अण्डाशय में ग्रन्थियों का बनना जिसे पॉलिसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम (Polycystic ovarian syndrome) भी कहा जाता है।

अधिक व्यायाम करना या अधिक शारीरिक श्रम करना।
किसी लंबी बीमारी से ग्रस्त होना।
गर्भाशय या गर्भाशय नलिका में कोई रचनात्मक विकार होना।
किसी प्रकार के स्टेरॉयड (Steroid) का सेवन करना।
महिला एथलीट्स में यह समस्या अधिक देखी जाती है,क्योंकि उनका शारीरिक श्रम और व्यायाम ज्यादा होता है। मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव का कम होना (period kam hona) स्वयं में स्वतंत्र रोग नहीं है। यह गर्भाशय संबंधी विकार और हार्मोनल असंतुलन के कारण प्रदर्शित होने वाला लक्षण है। अण्डाशय में ग्रंथियाँ जिसे पॉलिसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम (Polycystic ovarian syndrome) भी कहा जाता है के कारण मासिक स्राव में अल्पता देखी जाती है। यह रोग अनुवांशिकता के कारण होने की संभावना अधिक होती है अत इस रोग के कारण मासिक स्राव कम होने को अनुवांशिक रूप से देखा जा सकता है।
माहवारी में कम ब्लीडिंग होने पर आजमाएं ये घरेलू उपाय (Home Remedies for Light Period)

आम तौर पर माहवारी में कम ब्लीडिंग से राहत पाने के लिए लोग पहले घरेलू नुस्खें आजमाते हैं। चलिये जानते हैं कि ऐसे कौन-कौन-से घरेलू उपाय हैं जो माहवारी में कम ब्लीडिंग दूर करने में सहायता करते हैं-


माहवारी में कम ब्लीडिंग होने पर हल्दी का उपयोग (Turmeric: Home Remedies for Less Bleeding During Period in Hindi)

गरम पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर मासिक धर्म की निर्धारित तिथि से पाँच दिन पहले सुबह-शाम पीना शुरू करें। यह उपाय मासिक धर्म में कम रक्तस्राव की समस्या (period me kam bleeding hona)को ठीक करता है।
माहवारी में कम ब्लीडिंग की परेशानी में गाजर से फायदा (Carrot: Home Remedy to Treat Light Period Problem in Hindi)

गाजर में कैरोटीन (Carotene) होता है, जिससे शरीर में एस्ट्रोजेन (Estrogen) का स्तर बढ़ जाता है। इससे मासिक स्राव खुलकर तथा समय पर होता है। दिन में दो से तीन गाजर खाएँ। पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होना (period me bleeding kam hona)जो हार्मोन संबंधी समस्या है उस परेशानी से राहत दिलाने में गाजर का सेवन बहुत काम आता है।
माहवारी में कम ब्लीडिंग होने पर तिल और गुड़ का उपयोग (Sesame Seed with Jaggery: Home Remedies for Light Period in Hindi)

तिल गुण का तासिर गर्म होता है, इसलिए मासिक धर्म शुरू होने के दस दिन पहले से ही एक चम्मच तिल में गुड़ मिलाकर खाएँ। यह माहवारी में कम रक्तस्राव की समस्या (masik dharm ka kam ana) को ठीक करता है।
मासिक धर्म में कम ब्लीडिंग होने पर अदरक का सेवन (Ginger Juice: Home Remedy for Less Bleeding During Period in Hindi)

एक चम्मच अदरक के रस में एक चम्मच गुड़ मिलाकर खाएँ। यह उपाय मासिक धर्म की अनियमितता में बहुत लाभदायक होता है। बेहतर उपाय के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।
मासिक धर्म में कम ब्लीडिंग होने पर पपीता से लाभ (Papaya: Home Remedies for Less Bleeding During Periods in Hindi)

पपीते का फल खाएं। इसमें मौजूद कैरोटीन (Carotene) एस्ट्रोजन हार्मोन को उत्तेजित करता है। इसके सेवन से मासिक स्राव समय पर एवं खुलकर होता है।
मासिक धर्म में कम ब्लीडिंग होने पर धनिया और सौंफ से फायदा (Coriander and Fennel: Home Remedies to Treat Light Period in Hindi)

धनिया और सौंफ के बीज का काढ़ा रोज दिन में एक बार पिएँ। यह उपाय भी माहवारी में कम रक्तस्राव (mahwari ka kam ana)होने पर लाभ दिलाता है। आप इनके उपयोग की जानकारी किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर लें।

और पढ़ेंः धनिया के फायदे और नुकसान
माहवारी में कम ब्लीडिंग की परेशानी में मेथी से लाभ (Fenugreek: Home Remedies for Less Bleeding During Periods in Hindi)

मेथी में कई उपयोगी गुण होते हैं। सुबह खाली पेट एक चम्मच मेथी को गरम पानी के साथ लें। यह उपाय मासिक धर्म में कम रक्तस्राव होने पर लाभ देता है। home remedies for less bleeding during periods
मासिक धर्म में कम ब्लीडिंग होने पर गाजर और चुकंदर से फायदा (Carrot and Beetroot Juice: Home Remedies to Treat Light Period in Hindi)

गाजर और चुकंदर एक नहीं, बल्कि अनेक रोगों के लिए लाभदायक होता है। प्रतिदिन एक गिलास गाजर और चुकन्दर का रस पीने से माहवारी की अनियमितता दूर हो जाती है।
माहवारी में कम ब्लीडिंग होने के दौरान खान-पान और जीवनशैली (Your Diet and Lifestyle During Light Period)

आमतौर पर आहार और जीवनशैली के कारण भी माहवारी सम्बन्धी समस्याएं यानि माहवारी में कम ब्लीडिंग होती है। इसके लिए आहार और जीवनशैली में थोड़ा बदलाव लाने की जरूरत है। यदि किसी विकार या हार्मोनल असंतुलन के कारण यह समस्या नहीं है, तो उचित आहार और बेहतर जीवनशैली अपनाकर इस समस्या को ठीक किया जा सकता है। आप ये उपाय कर सकती हैंः-

आपके आहार में विटामिन एवं खनिज जैसे पोषक तत्व उचित मात्रा में शामिल करें।
सभी तरह की सब्जियाँ, दाल, अंकुरित अनाज एवं सूखे मेवों का सेवन करें।
सभी तरह के फल विशेषकर मौसमी फलों का नियमित रूप से सेवन करें।
जितना अधिक हो सके तनावमुक्त जीवन जीने की आदत डालें।
अत्यधिक शारीरिक श्रम एवं व्यायाम से बचें।
नियमित रूप से सुबह प्राणायाम एवं योगासन करें।
जंकफूड एवं प्रिजरवेटिव युक्त खाद्य पदार्थों का कम से कम सेवन करें।

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