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Pregnancy 34th Week में थकान और कब्ज करेगी परेशान
34 week Pregnancy में आपका बच्चा अपनी पूरी लंबाई पा चुका है। वह अब आपके पेट से बाहर आने का इंतजार कर रहा है। जानिए इस सप्ताह के क्या लक्षण होंगे।
प्रेगनेंसी का 34वां सप्ताह मानसिक और शारीरिक रूप से आपके लिए थकाऊ होगा। इस समय आप प्रेगनेंसी के लक्षणों की वजह से बहुत परेशान रहेंगीं। अब आपको ज्यादा से ज्यादा आराम करने की जरूरत है।अपनी प्रेगनेंसी के 34वें सप्ताह में बढ़ते वजन से, हाई बीपी और अनिद्रा जैसी समस्याओं से आप थक चुके होंगी। आपकी डिलीवरी की तारीख भी अब नजदीक आ रही है इसलिए आप अधिक से अधिक आराम करें। इस सप्ताह के लक्षण भी पिछले सप्ताहों जैसे होंगे।प्रेगनेंट महिला के शरीर में बदलाव
शिशु के बढ़ने के कारण पेट के आसपास का वजन बढ़ जाएगा। फलूइड रिटेंशन की वजह से भी आप मोटी लग सकती हैं। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। मां और शिशु के लिए हाइड्रेट रहना बहुत जरूरी है। शिशु के बढ़ने के साथ आपके गर्भाशय में भी एमनीओटिक फलूइड का स्तर बढ़ने लगेगा।बच्चे का विकास
इस समय आपके गर्भ में पल रहा बच्चा लगभग 17 इंच लंबा होगा और वजन लगभग सवा दो किलो के आसपास होगा। इसकी यह लंबाई जन्म के समय भी लगभग इतनी ही रहेगी। प्रेगनेंसी के 34वें सप्ताह के लक्षण
कब्ज और गैस :आपको कब्ज और गैस की समस्या रहेगी, पीठ में दर्द होगा, पैरों में ऐंठन भी रहेगी, कभी-कभी अतिरिक्त वजन की वजह से आपको कूल्हे से किसी एक पैर तक तेज दर्द हो सकता है या सायटिका का दर्द है। इससे बचने के लिए ज्यादा देर खड़े न रहें, जरूरी हो तो डॉक्टर से संपर्क करें। अनिद्रा के हालात भी रह सकते हैं।
बीपी : बीपी हाई रहने की वजह से चक्कर आ सकते हैं, नाक बंद रह सकती है, नाक या मसूड़ों से कभी-कभी खून आ सकता है। चेहरे पर धब्बे या झाईं की समस्या हो सकती है।
नकली लेबर पेन इसे डॉक्टरी भाषा में Braxton Hicks Contractions भी कहते हैं। इनके होने का मतलब है कि आपका शरीर डिलिवरी की रिहर्सल कर रहा है। इस दौरान आपके गर्भाशय के ऊपरी हिस्से से संकुचन शुरू होकर नीचे की ओर बढ़ते हैं। ये 15 से 30 सेकंड तक रहते हैं कभी-कभी इससे ज्यादा भी। ऐसी स्थिति में आपको अपनी पोजीशन बदल लेनी चाहिए। मतलब अगर बैठी हैं तो खड़ी हो जाइए या कुछ कदम चलने लगिए। ये रुक जाएंगे। अगर ये न रुकें और समय के साथ बढ़ते जाएं तो समझ लीजिए आपके लेबर पेन की शुरूआत हो चुकी है। डॉक्टर से संपर्क कीजिए।
वजाइनल डिस्चार्ज :इस समय वजाइना से गाढ़ा पदार्थ निकलता है। यह आपको इन्फेक्शन से बचाने के लिए है। लेकिन अगर इसकी जगह पानी जैसा तरल निकलने लगे तो समझ जाइए कि डिलीवरी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसी स्थिति में बिना घबराए कोई सूती चादर या तौलिया इस तरह अपने पैरों के बीच लगा लीजिए कि पानी तेजी से न निकले और डॉक्टर के पास जल्द से जल्द पहुंचने की कोशिश करें।
सीने में जलन : गर्भाशय के बढ़ने पर पेट और अंदरूनी अंगों पर दबाव पडता है जिससे अपच और सीने में जलन हो सकती है। मसालेदार खाना खाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इससे सीने में जलन न हो। इन चीजों से जितना हो सके दूर ही रहें। थोड़ा खाएं।
प्रेगनेंट महिलाएं इस समय क्या करेंइस समय आप डिलीवरी के प्रक्रिया के बारे में जानने की कोशिश करें और खुद को उसके लिए तैयार करें। डिलीवरी के समय आने वाली किसी भी तरह की जटिलता के लिए भी आपको खुद को तैयार रखना है। ग्रुप बी स्ट्रेप्टोकोकस स्क्रीनिंग टेस्ट करवा लें। योग और मेडिटेशन जरूर करें ताकि आप और आपका बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। योग से डिलीवरी में भी मदद मिलेगी।
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