प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:26

गर्भावस्था ऐसा चरण है, जिसमें विशेष देखभाल की जरूरत होती है, ताकि गर्भवती महिला खुद भी स्वस्थ रहे और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सके। यहां हम गर्भावस्था के तीसरे महीने की बात कर रहे हैं। गर्भावस्था का तीसरा महीना गर्भवती महिला के शरीर में तमाम तरह के बदलाव लेकर आता है। इस दौरान बच्चे का विकास भी तेजी से होने लगता है, जिसे आसानी से महसूस किया जा सकता है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था के तीसरे महीने (9वें सप्ताह से 12वें सप्ताह) से जुड़ी कई जरूरी जानकारियां देंगे।
गर्भावस्था के तीसरे महीने के लक्षण |
1. मॉर्निंग सिकनेस : गर्भावस्था के तीसरे महीने तक उल्टी और जी मिचलने जैसा अहसास चरम तक पहुंच सकता है, लेकिन महीने के अंत तक यह समस्या कम होने लगेगी। ज्यादातर गर्भवती महिलाएं पहले तिमाही के अंत तक उल्टी जैसी परेशानियों से बाहर आ जाती हैं (1)।

2. थकान होना : गर्भावस्था के दौरान, हार्मोनल स्तरों में परिवर्तन महिला को नींद और थका हुआ महसूस कराते हैं। चूंकि, शरीर को गर्भ में आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए अतिरिक्त रक्त की आवश्यकता होती है, इसलिए यह आपके रक्तचाप (blood pressure) और रक्त शर्करा (blood sugar) के स्तर को प्रभावित करता है, जिससे आप थकान महसूस कर सकती हैं।

3. बार-बार पेशाब आना : शरीर में एचसीजी (Human chorionic gonadotropin) हार्मोन पैदा होने के कारण पहले के मुकाबले ज्यादा पेशाब आने की समस्या हो सकती है। रक्त की मात्रा में वृद्धि आपके गुर्दे पर दबाव डालती है। इसके अलावा, बढ़ता गर्भाशय मूत्राशय पर दबाव डालता है, इस कारण भी आपको बार-बार पेशाब जाने की समस्या हो सकती है (2)।

4. कब्ज : गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में वृद्धि पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देती है, जिससे कब्ज की शिकायत हो सकती है। अनुचित आहार भी कब्ज का एक कारण हो सकता है।

5. योनि स्राव : एस्ट्रोजन के उच्च स्तर के कारण योनि स्राव में थोड़ी वृद्धि हो सकती है (3)।

6. पैरों में ऐंठन : इस दौरान रात को सोते समय गर्भवती को पैरोंं में ऐंठन और दर्द परेशान कर सकता है। पोटैशियम और आयरन की पूर्ति न होना गर्भावस्था के दौरान ऐंठन का कारण हो सकता है।

7. पीठ दर्द और पेट दर्द : हार्मोनल स्तर में परिवर्तन के कारण, आपको पीठ दर्द हो सकता है। इसके अलावा, बढ़ते गर्भाशय में खिंचाव होने के कारण, पेट के निचले भाग में दर्द महसूस होता है (4)।

8. स्वभाव में बदलाव : तीसरे तिमाही के दौरान आपके शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों के कारण, आपके स्वभाव में बदलाव हो सकते हैं। ऐसे में चिड़चिड़ापन, बात-बात पर गुस्सा आना और बिना किसी कारण रोने जैसी समस्याएं स्वभाविक हैं।

9. मसूड़ों से खून आना : हार्मोनल स्तर में बदलाव होने से मसूड़ों की सूजन और खून आने की समस्या हो सकती है। इसके लिए आप मुंह की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

10. सीने में जलन : जैसे-जैसे गर्भ में शिशु का विकास होता है, यह भोजन पचाने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। आपका बढ़ता गर्भाशय पेट पर दबाव डालना शुरू कर देता है, जिससे जलन की समस्या होने लगती है।

11. बार-बार खाने का दिल करना : गर्भवती महिला को बार-बार कुछ न कुछ खाने का दिल करेगा। इसके अलावा, कई बार अपने ही पसंदीदा खाने की गंध भी पसंद नहीं आएगी।

आइए, अब जानते हैं कि तीसरे महीने में क्या-क्या परिवर्तन आ सकते हैं।



प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में शरीर में होने वाले बदलाव

गर्भावस्था का तीसरा महीना शरीर में कई सारे बदलाव लेकर आता है। इसमें न सिर्फ आपको सही जीवनशैली अपनाने की जरूरत होती है, बल्कि खानपान का विशेष ध्यान रखना होता है। बहरहाल, नीचे हम बता रहे हैं कि तीसरे महीने में शरीर में क्या-क्या बदलाव होते हैं : डाइटिंग से बचें।
ढीले कपड़े पहनें।
पेट पर प्रेशर देने से बचें।
ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
टाइड कपड़ा पहनने से बचें।
लंबे समय तक झुकने से बचें।
सिगरेट और शराब से दूर रहें।
ऊंची हिल वाली सैंडल न पहने।

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