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प्रेगनेंसी में होता है पेट दर्द तो हल्के में न लें ये 7 लक्षण, हो सकती है गंभीर बीमारी
प्रेगनेंसी में हल्का पेट दर्द सामान्य है पर लंबे समय तक तेज़ दर्द हो तो ये आपके और बच्चे के लिए गंभीर स्थिति हो सकती है।
प्रेगनेंसी में होता है पेट दर्द तो हल्के में न लें ये 7 लक्षण, हो सकती है गंभीर बीमारी
क्या प्रेगनेंसी में पेट दर्द होना नॉर्मल है? प्रेगनेंसी के दौरान हल्का दर्द होना आम बात है। ज्यादातर महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान किसी न किसी कारण से पेट में दर्द होता ही है। अगर आपके टेस्ट और कंडीशन नॉर्मल है तो घबराने की जरूरत नहीं है पर पेट में लंबे समय तक तेज़ दर्द होना चिंता का कारण हो सकता है। अबॉर्शन, गांठ या प्लेसेंटा में दिक्कत के चलते ऐसा दर्द होता है। ऐसे में आप डॉक्टर से संपर्क करें। इस पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के प्रसूता विभाग क्वीनमेरी की विभागाध्यक्ष और गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ उमा सिंह से बात की।
stomach pain in pregnancy
क्यों होता है पेट दर्द? (Why stomach is paining during pregnancy)
प्रेगनेंसी में पेट में दर्द का कारण कब्ज़ हो सकता है पर वो कुछ देर में ठीक हो जाता है। अगर लगातार दर्द बना हुआ है तो एपेंडिसाइटिस, ओवेरियन सिस्ट, किडनी की परेशानी, यूटीआई या पथरी, पित्त की थैली से जुड़ी परेशानी हो सकती है। इसकी आशंका है कि प्रेगनेंसी से जुड़ी कोई समस्या हो सकती है जैसे प्लेसेंटा का टूटना या अबॉर्शन। गर्भाशय में फाइब्राइड्स के कारण भी दर्द हो सकता है। दर्द को नजरअंदाज न करें तुरंत इलाज करवाएं। गर्भ में शिशु के होने के वजह से मांसपेशियों, जोड़ों में दबाव पड़ता है। इस कारण पेट के आसपास के हिस्से में दर्द या असहजता महसूस होती है। हड्डियां पेट में पल रहे शिशु को सहारा देते हैं। इस कारण से प्रेगनेंसी के दौरान खिंचाव होता है और आपको हिलने या चलने में दर्द हो सकता है।
पेट के किस हिस्से में दर्द है? (Which part of stomach in paining)
प्रेगनेंसी में पेट के कई हिस्सों में दर्द होता है पर डॉक्टर को बताते समय हम केवल पेट में दर्द बताते हैं। अगर आपको दर्द की सही जगह का पता हो तो आप जल्द इलाज करवा पाएंगे। पेट के निचले हिस्से में दाईं ओर दर्द हो तो उसे राइट लोअर क्वाड्रेंट और बाईं ओर हो तो उसे लेफ्ट लोअर क्वाड्रेंट कहते हैं। पेट के ऊपरी हिस्से मे दाईं ओर दर्द हो तो उसे राइट अपर क्वाड्रेंट कहते हैं और बाईं ओर दर्द हो तो लेफ्ट अपर क्वाड्रेंट बोलते हैं। पेट के ऊपरी हिस्से को एपिगैस्ट्रिक और नीचे वाले हिस्से को लोअर एबडोमिनल कहते हैं। जैसे-जैसे शिशु बढ़ता है गर्भाशय में दाईं ओर झुकाव होता है ऐसे में लिगामेंट में दाईं ओर मरोड़ हो सकती है।
इन 7 लक्षणों को न करें नजरअंदाज़ (Don't avoid 7 symptoms during pregnancy)
आपको इस बात पर ध्यान देना है कि दर्द कितना तेज हो रहा है। ये देखें कि हिलने-डुलने पर भी दर्द तेज हो रहा है या नहीं। अगर हो रहा है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना है पर उससे पहले लक्षणों को समझें। पेशाब में खून आना, यूट्रस में असहनीय दर्द, उल्टी होना, बुखार या कंपकंपी होना असामान्य है। इसके साथ ही आप डॉक्टर को पूरी जानकारी दें। दर्द किस हिस्से में और कितनी तेज हो रहा है।
1. असहनीय दर्द (Unbearable pain in pregnancy)
एक्टोपिक प्रेगनेंसी में पेट में तेज दर्द हो सकता है। इस प्रेगनेंसी में प्रेगनेंसी गर्भाशय के बाहर होती है। इसमें शिशु की जान नहीं बचाई जा सकती। ये एक गंभीर स्थिति है। ऐसा प्रेगनेंसी के चार से आठ हफ्ते के बीच होता है।
2. पेट में असहजता (Stomach churaning)
जो महिलाएं आईवीएफ तकनीक का इस्तेमाल करती हैं उन्हें भी प्रेगनेंसी में दर्द हो सकता है। ये असहजता कुछ हफ्तों तक रह सकती है। अगर दर्द ठीक न हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
3. दर्द के साथ खून बहना (Pain and bleeding during pregnancy)
अगर प्रेगनेंसी में आपके पेट में दर्द है और खून निकल रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।ये अबॉर्शन के संकेत हो सकते हैं। प्रेगनेंसी में ऐसा 12 से 24 वे हफ्ते के बीच हो सकता है। इसके संकेत हैं मरोड़ और भारी रक्तस्त्राव।
4. पेट और पीठ में दर्द (Pain in back and stomach)
stomach and back pain
अगर खून बहने के साथ पेट और पीठ दोनों में दर्द है तो ये प्लेसेंटा खराब होने के लक्षण हो सकते हैं। ऐसा ज्यादातर तीसरी तिमाही में होता है और 20वे हफ्ते के बाद कभी भी हो सकता है। प्लेसेंटा के जरिए गर्भस्थ शिशु के शरीर तक मां के शरीर से खाना और ऑक्सीजन पहुंचता है। ऐसी स्थिति मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकती है।
5. मरोड़ (Twist in stomach)
प्रेगनेंसी के 37 हफ्ते के बाद अगर आपको पेट में मरोड़ महसूस हो तो इसका मतलब आप प्रसव के शुरूवाती फेस में पहुंच गई हैं। इस समय मरोड़ होना नॉर्मल है। घबराने की कोई बात नहीं है। ये बस एक प्रक्रिया है जिससे पता चलता है कि शरीर प्रसव के लिए तैयार हो रहा है।
6. पसली के नीचे दर्द (Pain below ribs)
अगर आपको पसली के ठीक नीचे दर्द हो तो ये प्री-एक्लेमप्सिया के लक्षण हो सकते हैं। इसके साथ आपको तेज सिर दर्द, अचानक से सूजन जैसी परेशानी भी होगी। प्री-एक्लेमप्सिया होने पर प्लेसेंटा से खून का बहाव कम हो जाता है। इससे गर्भस्थ शिशु को ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिलेंगे। ऐसा होने पर आप तुरंत डॉक्टर से मिलें।
7. पेट के निचले हिस्से में दर्द (Lower abdominal pain)
समय से पहले होने वाले प्रसव 24 से 27 हफ्ते के बीच होते हैं। इसमें आपको पेट के निचले हिस्से में दर्द होगा। ऐसा म्यूकस प्लग के बाहर आने से भी होता है। आप डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपको महसूस होता है कि थैली फट गई है तो तुरंत अस्पताल पहुंचे।
प्रेग्नेंसी में पेट दर्द हो तो क्या करें? (Remedies of stomach pain in pregnancy)
abdomional pain in pregnancy
1. पेट के निचले हिस्से यानी एब्डोमिनल में पेन हो तो आप सीधे बैठ जाएं और कुछ देर तक आराम करें। जहां दर्द हो वहां गर्म बॉटल या हीटिंग पैड लगाएं।
2. धीरे से बैठने या उठने की आदत डालें। तेज उठने से भी कई बार दर्द उठ जाता है। जिस तरफ दर्द हो रहा हो उसके दूसरी तरफ होकर लेट जाएं।
3. गरम पानी से नहाकर भी मरोड़ से राहत मिल सकती है। हल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ से भी आराम मिलता है।
4. एक साथ बहुत सारा खा लेने से भी कई बार दर्द हो सकता है इसलिए थोड़ा-थोड़ा खाएं।
5. आपको दर्द के दौरान फाइबर युक्त चीज़ें खानी चाहिए जैसे हरी सब्जियां, फल, चोकर वाले आटे की रोटी आदि।
6. कब्ज के कारण भी पेट में दर्द हो सकता है। रोजाना आधे घंटे वॉक करें। इससे गैस नहीं होगी और दर्द ठीक होगा।
7. कब्ज की समस्या से दूर रहने के लिए रोज 8 से 10 गिलास पानी पिएं।
8. ज्यादा तला-भुना खाने से भी कब्ज होता है इसलिए लाइट खाना खाएं। जूस और फलों का सेवन करें।
9. प्रेगनेंसी में सामान्य दर्द कुछ देर में ठीक हो जाता है। अगर दर्द लगातार बढ़ रहा हो तो तुरंत अस्पताल जाएं।
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