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Women Health: प्रेग्नेंसी के पांचवें महीने में रखें इन 5 बातों का ध्यान, जच्चा-बच्चा दोनों के लिए जरूरी
डाइट में कुछ हेल्दी फूड्स का सेवन करें। हरी सब्जियां और ताजें फलों का सेवन जच्चा और बच्चा दोनों के लिए जरूरी है।
प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के लिए जिंदगी का सबसे खुशनुमा दौर है। प्रेग्नेंसी में जहां पैरेंट्स को नए मेहमान का इंतजार रहता है वहीं महिला को कुछ शारीरिक और मानसिक तकलीफों के दौर से भी गुजरना पड़ता है। इस दौरान प्रेग्नेंट महिला के लिए अपने को और अपने बच्चे को हेल्दी रखना जरूरी है। मां की अच्छी हेल्थ पर ही बच्चे की सेहत निर्भर करती है। कंसीव करने के बाद से ही जैसे-जैसे महीने आगे बढ़ते रहते हैं मां को उतनी ही सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
प्रेग्नेंसी का पांचवा महीना यानि गर्भावस्था की दूसरी तिमाही हैं। इस महीने में महिला की काफी दिक्कते दूर हो जाती हैं जैसे उल्टी, मितली, घबराहट और मॉर्निक सिकनेस जैसी परेशानियां कम हो जाती है। पांचवे महीने से लेकर 9वे महीने तक महिला को सबसे ज्यादा दिक्कत बढ़ते वजन से होती है।
जैस-जैसे बच्चा गर्भ में बढ़ता है महिला के लिए वैसे-वैसे परेशानियां भी ज्यादा होने लगती हैं। इस दौरान महिला को अपने और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए विशेष देख-रेख करने की जरूरत होती है। बच्चे की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रेग्नेंसी में महिला को खान-पान से लेकर उठने बैठने तक के तरीके में बदलाव करना होगा। आइए जानते हैं कि पांचवे महीने की प्रेग्नेंसी में महिला को कौन-कौन से बदलाव करने की जरूरत होती है।
डाइट में कुछ हेल्दी फूड्स का सेवन करें। हरी सब्जियां और ताजें फलों का सेवन जच्चा और बच्चा दोनों के लिए जरूरी है। पानी का अधिक सेवन करें डाइट में फाइबर वाले फूड्स को शामिल करें ताकि इस दौरान कब्ज की परेशानी से निजात मिले।
कुछ फूड्स से परहेज करना जरूरी है:
प्रेग्नेंसी के पांचवे महीने में आप कुछ फूड्स से परहेज करें। जंक फूड या फास्ट फूड आपकी और आपकी बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये फूड गैस और कब्ज का कारण बनते हैं। वसा से भरपूर ये फूड आपका वजन बढ़ाएंगे।
जंक फूड्स में मौजूद केमिकल आपके साथ-साथ आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान कच्चे मांस या फिर सी फूड्स से भी परहेज करें। कच्चा मांस इंफेक्शन का कारण बन सकता है। इस दौरान कॉफी का सेवन करने से परहेज करें। कॉफी में मौजूद कैफीन सेहत के लिए ठीक नहीं है।
पांचवा महीना है तो बैठने का तरीका भी बदलें:
प्रेग्नेंसी के इस दूसरे पड़ाव में बैठने का तरीक ठीक होना जरूरी है। इस दौरान पालथी मार कर नहीं बैठें। इस समय आपका वजन बढ़ा है और पाल्थी मारकर बैठने से पैरों में और निचले हिस्से में खून का दौरा रुक सकता है जो आपके बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रेग्नेंसी के पांचवे महीने में जल्दबाजी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। इस दौरान झटके से नहीं उठें बल्कि आराम से उठे-बैठें। जब भी उठें तो किसी चीज का सहारा लेकर उठें। झटके से उठेंगे तो बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।
यूरिन नहीं रोकें:
प्रेग्नेंसी के दौरान यूरिन में इंफेक्शन का खतरा हो सकता है इसलिए लम्बे समय तक यूरिन को नहीं रोकें। प्रेग्नेंसी के समय में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक रहता है।
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