प्रेगनेंसी में उल्टी कब बंद होती है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:26

गर्भावस्था की शुरुआत में मिचली और उल्टी महसूस होना काफी आम है। उबकाई और उल्टी आने के ​इस अहसास को ही सुबह की मिचली (मॉनिंग सिकनेस) कहा जाता है। इसकी वजह से सही ढंग से खाना-पीना या रोजमर्रा के काम करना भी मुश्किल हो सकता है। आपने शायद अभी अपनी गर्भावस्था के बारे में अन्य लोगों को नहीं बताया होगा, ऐसे में आपको और भी परेशानी हो सकती है।

मॉनिंग सिकनेस आमतौर पर गर्भावस्था के पांच या छह हफ्तों के आसपास शुरु होती है और 14 से 20 हफ्तों के बीच बंद हो जाती है। इसके लक्षणों में शामिल हैं मिचली, उल्टी और अत्याधिक लार बनना। इसके राहत के लिए आपको आहार और जीवनशैली में बदलाव करने पड़ सकते हैं। अगर साधारण उपाय काम न आएं, तो डॉक्टर आपको आराम पाने के लिए दवाएं बता सकती हैं।
गर्भावस्था में सुबह की मिचली (मॉनिंग सिकनेस) क्या है?
सुबह की मिचली (मॉनिंग सिकनेस) का मतलब उबकाई आने से है, जिसमें कभी-कभार उल्टी भी आ जाती है। गर्भावस्था के दौरान बहुत सी महिलाओं को ऐसा महसूस होता है, आमतौर पर पहली तिमाही में।

प्रेगनेंसी में मिचली होना काफी आम है और यदि स्थिति गंभीर न हो तो इससे आपको और आपके गर्भस्थ शिशु को कोई खतरा नहीं होता। कुछ महिलाओं को केवल मिचली व उबकाई ही होती है, वहीं कुछ अन्य को मिचली और उल्टी दोनों होती है। लेकिन कुछ भाग्यशाली महिलाओं को दोनों में से कुछ भी महसूस नहीं होता!

सुबह की मिचली यानि मॉर्निंग सिकनेस एक भ्रामक शब्द है। इसे यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि गर्भवती महिलाओं में मिचली अक्सर सुबह के समय ज्यादा होती है और दिन में थोड़ी राहत रहती है। मगर वैसे यह कभी भी हो सकती है और बहुत सी महिलाओं में यह पूरा दिन बनी रहती है। कुछ महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस रात को महसूस होती है।
प्रेगनेंसी में मतली के क्या लक्षण हैं?
​गर्भावस्था में मॉनिंग सिकनेस होने पर अक्सर निम्न लक्षण महसूस होते हैं:

जी मिचलाना (उल्टी की इच्छा होना)
उल्टी होना
उबकाई आना, मगर उल्टी नहीं आना
बहुत ज्यादा लार बनना (जब सामान्य से ज्यादा लार आए)

गर्भावस्था में जी मिचलाने और उल्टी होने के क्या कारण हैं?
गर्भावस्था के दौरान मिचली किस वजह सेहोती है, यह कोई नहीं जानता। मगर गर्भावस्था की शुरुआत में शरीर में होने वाले बहुत से बदलाव शायद एक साथ मिलकर इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इसके कुछ संभावित कारण हैं:

ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रॉफिन (एचसीजी)। प्रेगनेंसी की शुरुआत में यह हॉर्मोन तेजी से आपके शरीर में बढ़ता है। एचसीजी का उचित स्तर यह सुनिश्चित करता है कि जब तक अपरा गर्भावस्था को संभालने के लिए तैयार नहीं हो जाती, तब तक आपकी गर्भावस्था जारी रहे और विकसित होती रहे। अभी तक एचसीजी और मिचली के बीच संबंध का संबंध स्पष्ट नहीं है, मगर जब 16 से 20 हफ्ते की गर्भावस्था के आसपास एचसीजी का स्तर कम होने लगता है, तो आमतौर पर मिचली भी इसी समय समाप्त हो जाती है। साथ ही जिन स्थितियों में शरीर में एचसीजी का स्तर ज्यादा होता है जैसे कि गर्भ में जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु होने पर, तो इन मामलों में मिचली और उल्टी होने की दर भी काफी ज्यादा होती है।
ईस्ट्रोजेन। ईस्ट्रोजेन एक अन्य हॉर्मोन है जिसका स्तर गर्भावस्था के शुरुआती चरण तेजी से बढ़ता है। हो सकता है कि इसकी वजह से गर्भवती महिलाएं गंध और स्वाद के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है, जिससे कुछ भोजनों के प्रति उनकी रुचि कम या समाप्त हो जाती है।
पेट में गड़बड़। कुछ महिलाओं का पाचन तंत्र गर्भावस्था के शुरुआती चरण में होने वाले बदलावों के प्रति अधिक संवेदनशील होता है। इसलिए वे जो भी भोजन खाती हैं, उन्हें मिचली या उल्टी महसूस होती है।
आनुवांशिक। अगर घर की अन्य महिलाओं को उनकी गर्भावस्था के समय मॉनिंग सिकनेस रहती थी, तो आपको भी इसके होने की संभावना रहती है। जिन महिलाओं को गर्भावस्था में अत्याधिक उल्टी होती थी (हाइपरेमेसिस ग्रेविडेरम) उनमें विशेषतौर पर दो वंशाणु (जीडीएफ15 और आईजीएफबीपी7) पाए गए, जो इस स्थिति के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। हाइपरेमेसिस ग्रेविडेरम, मॉनिंग सिकनेसक का सबसे गंभी रूप है।
गर्भ में जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु होना। अगर आपके पेट में जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु पल रहे हैं तो आपको गर्भावस्था के दौरान जी मिचलाने और उल्टी होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसा शरीर में एचसीजी, ईस्ट्रोजेन और अन्य हॉर्मोनों के स्तर बढ़ने की वजह से हो सकता है। गर्भ में जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु हो तो मिचली की स्थिति गंभीर होने की भी संभावना रहती है। बहरहाल, यह जरुरी नहीं कि सभी महिलाओं के साथ ऐसा हो - कुछ महिलाएं जिनके गर्भ में जुड़वा शिशु हों, उन्हें मिचली बहुत कम या बिल्कुल महसूस नहीं होती।
आपको सफर के दौरान अक्सर मिचली या माइग्रेन होता है। हालांकि, इसके बीच का संबंध स्पष्ट नहीं है मगर जिन महिलाओं को सफर के दौरान मिचली (मोशन सिकनेस) या माइग्रेन रहता है उन्हें गर्भावस्था में मॉनिंग सिकने होने की ज्यादा संभावना होती है। इसलिए अगर आप गर्भावस्था की शुरुआ में कार से सफर करने की योजना बना रही हैं, तो याद रखें कि आपकी मिचली की स्थिति सामान्य से और ज्यादा बदतर हो सकती है।
आपका वजन। जिन महिलाओं का वजन गर्भावस्था की शुरुआत में सामान्य से ज्यादा (बीएमआई 23 से ज्यादा) या कम (बीएमआई 18.5 से कम) हो तो आपको मॉनिंग सिकनेस और उल्टी होने की आशंका ज्यादा रहती है। हालांकि, प्रेगनेंसी में जी मिचलाने का कारण सीधे वजन से संबंधित नहीं है, मगर बीएमआई स्वस्थ स्तर पर न हो तो आपको मिचली और उल्टी होने की संभावना ज्यादा रहती है।

प्रेगनेंसी में मतली व उल्टी कब शुरु होती है?
मतली और उल्टी आमतौर पर गर्भावस्था के पांचवे या छठे सप्ताह से शुरु होती है एक-दो महीने तक यह काफी ज्यादा हो सकती है।

माहवारी चूकने के बाद यह गर्भवती होने के शुरुआती लक्षणों में से एक है, जो महिलाओं महसूस करती हैं।
क्या पूरी गर्भावस्था के दौरान मिचली रहना सामान्य है?
सुबह की मिचली आमतौर पर पहली तिमाही के अंत में कम होने लगती है और 16 से 20 हफ्ते की गर्भावस्था तक बहुत सी महिलाओं में यह पूरी तरह समाप्त हो जाती है।

दुर्भाग्यवश कुछ महिलाओं में उबकाई की यह समस्या पूरी गर्भावस्था में बनी रहती है। हालांकि, ऐसा होना दुर्लभ है। यदि पहली तिमाही के बाद आपकी मिचली की स्थिति बेहतर न हो, तो शायद आपको लगेगा कि आप अपनी गर्भावस्था का आनंद कभी नहीं ले पाएंगी। आपको मिचली रहे तो इसका असर आपके कामकाज और सामाजिक जीवन पर भी पड़ सकता है। आपके लिए अपने परिवार और बड़े बच्चों की देखभाल करना भी मुश्किल हो सकता है।

इससे उबरने के लिए जरुरी है कि आप परेशानियों के बारे में परिजनों और डॉक्टर को बताएं। इससे आपको इस चरण से गुजरने का सहयोग मिल सकेगा।

यदि आपको पूरी गर्भावस्था के दौरान मिचली हो रही हो तो कई बार डॉक्टर लीवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी) करवाने की सलाह दे सकती हैं। यह एक खून की जांच होती है, जिससे पता चलता है कि यकृत (लीवर) सही ढंग से काम कर रहा है या नहीं।
किन वजहों से गर्भावस्था में मतली और उल्टी ज्यादा बढ़ सकती है?
थोड़ी भी मिचली होने पर कमजोरी लगनेलगती है, ऐसे में अगर पूरा दिन मिचली और उल्टी महसूस हो तो आपको बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस होगी।

बेहतर है कि आप यह जानें कि आपको किन चीजों से मिचली और उल्टी ज्यादा महसूस होती है, ताकि आप उनसे बच सकें। ऐसा करने से आपको पूरी तरह मिचली से राहत तो शायद न मिले, मगर कुछ हद तक आराम मिल सकता है।

गर्भावस्था में मतली और उल्टी होने की आम वजहों में शामिल हैं:

खाली पेट। इसीलिए यह माना जाता है कि मिचली अक्सर सुबह के समय सबसे ज्यादा महसूस होती है। रात भर भूखा रहने के बाद सुबह आपका पेट खाली रहता है और इस कारण आपको मिचली महसूस होने लगती है।
थकान। प्रेगनेंसी की शुरुआत में अक्सर काफी ज्यादा थकान रहती है। इस दौरान आपके शरीर में बहुत बड़े बदलाव हो रहे होते हैं, जो गर्भ में शिशु के विकास को संभव बनाते हैं। इन बदलावों के लिए शरीर को बहुत सारी ऊर्जा चाहिए होती है, इस वजह से आपको सामान्य से ज्यादा थकान महसूस हो सकती है। जब आपको थकान हो, तो शायद आपको मिचली ज्यादा महसूस होगी और स्वाद और गंध के प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ जाती है।
तीक्ष्ण गंध। गर्भावस्था के शुरुआती चरण में महिलाएं गंध के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाती है। यदि आपके साथ भी ऐसा हो तो तीक्ष्ण गंध महसूस होने पर आपको मतली या उल्टी हो सकती है। तीक्ष्ण गंध वाले भोजनों से भी आपको उबकाई आ सकती है। रसोई में खाना पकने की गंध भी बहुत सी महिलाओं में जी मिचलाने का कारण होती है।
मसालेदार, वसायुक्त या तले हुए भोजन। इन भोजनों के सेवन से अक्सर मिचली शुरु हो जाती है। आप शायद पाएं कि गर्भावस्था के दौरान आपकी अपने पंसदीदा भोजन के प्रति रुचि भी समाप्त हो गई है। अच्छी बात यह है कि ये सब अस्थाई है और थोड़े समय बाद आप अपने पसंदीदा भोजन का पूरा आनंद ले सकेंगी, मगर फिलहा बेहतर यही है कि आप उन भोजनों से दूर रहें जो मिचली की अनुभूति को बढ़ाते हैं।
सफर के दौरान। कुछ महिलाओं को गर्भावस्थ में पहली बार सफर के दौरान मिचली महसूस होती है। और ​यदि उन्हें पहले से ऐसा होता हो, तो प्रेगनेंसी में स्थिति और ज्यादा बिगड़ सकती है। यह बता पाना मुश्किल होता है कि यह मॉनिंग सिकनेस है या मोशन सिकनेस, क्योंकि दोनों के लक्षण एक जैसे ही हाते हैं। मगर गर्भवती होने पर आपको सफर के दौरान मिचली या उल्टी होने की संभावना और ज्यादा रहती है।
ऊंचाई या गर्मी। अगर आप बहुत ज्यादा ऊंचाई वाली जगह पर गई हों या फिर गर्मी और उमस वाला मौसम हो, तो मिचली की स्थिति और ज्यादा बढ़ सकती है।

गर्भावस्था में जी मिचलाने की समस्या से मैं बचाव कैसे कर सकती हूं?
आप मतली और उल्टी को पूरी तरह नहींरोक सकतीं, मगर कुछ घरेलू उपाय हैं, जो इन्हें कम करने में मदद कर सकते हैं, जैसे कि:

जिन कारणों से मिचली शुरु होती है उन्हें पहचानें और उनसे बचें। अलग-अलग महिलाओं को अलग-अलग चीजों से मिचली शुरु होती है। आप पता लगाएं कि आपको किन चीजों से मितली महसूस होती है, ताकि उनसे बच सकें। यह पता लगाना आसान हो सकता है क्योंकि यदि कोई गंध या स्वाद से आपका जी मिचलाने लगे ​तो आप तुरंत उससे दूर हो सकती हैं। मगर कई बार यह पता लगाना मुश्किल भी हो सकता है। आप यह बातें नोट कर लें कि किस समय आपकी मिचली सबसे ज्यादा हुई और आपने कब क्या खाया।
बिस्तर से उठने से पहले कुछ खा लें। अगर आपकी मिचली सुबह के समय ज्यादा रहती है, तो कुछ साधारण, हल्के-फुल्के स्नैक्स, जैसे सादे बिस्किट या रस्क अपने बिस्तर के पास मेज पर रखें। जब आप उठें तो धीरे-धीरे ये स्नैक्स खाएं और इसके 20 मिनट बाद ही बिस्तर से उठें, इस समय त​क भोजन पचना शुरु हो जाएगा। इसके बाद अपने दिन की शुरुआत करें। यह अतिरिक्त समय जो आप सुबह लगा रही हैं, यह आपको पूरे दिन राहत दिला सकता है।
नींबू या पुदीना सूंघिए। अगर आपको लगे कि कुछ विशिष्ट तरह की गंध से आपको मिचली होने लगती है, तो कुछ ऐसी गंध भी हैं जो मिचली से राहत दिलाती हैं। ताजा महक जैसे कि नींबू, अदरक या पुदीना आदि से आपको बेहतर महसूस हो सकता है। आप अपने कमरे या कार में ऐसा रूम फ्रेशनर रख सकती हैं, जिसकी गंध आपको पसंद है। आप घर की साफ-सफाई के उत्पादों को भी बदलकर वे उत्पाद चुन सकती हैं जिनकी गंध आपको पसंद है। मितली से तुरंत राहत के लिए आप ताजा कटा नींबू, पुदीना या अंदरक सूंघ सकती हैं।
अदरक, पुदीना या मौसंबी खाएं। बहुत सी महिलाएं अदरक को फायदेमंद मानती हैं। वहीं कुछ अन्य को नींबू या आंंवला का खट्टा स्वाद मिचली से राहत दिलाता है। इसी तरह पुदीना का ताजा स्वाद भी आराम देता है। आप देखें कि आपके लिए क्या फायदा करता है। इन चीजों को आप अपने भोजन या पेयों में भी डाल सकती हैं।
समय-समय पर थोड़ा-थोड़ा भोजन खाती रहें। एक बार में बहुत सारा भोजन खा लेने से आपको असहज लग सकता है।समय-समय पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाते रहने से खाली पेट से होने वाली मिचली से बचा जा सकता है। साथ ही इस तरह एक बार में भरपेट भोजन करने पर होने वाली असहजता भी नहीं होगी। कोशिश करें कि आप सेहतमंद स्नैक्स ही खाएं ताकि आपको जरुरी पोषक तत्व भी मिल सकें। मगर यदि आपका कुछ भी सेहतमंद खाने की इच्छा न हा तो जो मन करें आप वह खाएं।
जलनियोजित रहें। अधिकांशत: एक भोजन से दूसरे भोजन के बीच की अवधि में तरल पदार्थ पीएं। मगर एक बार में इतना पानी भी न पीएं कि आपका पेट भर जाए - इससे आपको मिचली हो सकती है और खाने की भूख भी कम हो सकती है। दिनभर थोड़ा-थोड़ा तरल पीते रहना जलनियोजित रहने का अच्छा तरीका है। इससे आपका पेट भी भरा-भरा नहीं रहता।
ठंडे भोजन आजमाएं। अगर खाना पकाने की गंध से आपको मिचली महसूस होती है तो वे भोजन खाएं जिन्‍हें अक्‍सर ठंडा ही खाया जाता है। आपके लिए शायद इन्हें खाना आसान रहेगा। फल, सलाद, सैंडविच या चाट आदि अच्छे विकल्प हैं।
जरुरत के हिसाब से यात्रा करें। जब आप गर्भवती होती हैं तो गर्मी व आर्द्रता से, ऊंचाई वाली जगह और सफर के दौरान आपको ज्यादा परेशानी हो सकती है। अगर आपको लगे कि इनकी वजह से आपकी मिचली शुरु होती है, तो कोशिश करें कि गर्मी के दिनों में आप ठंडक वाली जकहों पर रखें और सफर के लिए यातायात का वह साधन चुनें जिसमें आपको आराम मिले। उदाहरण के लिए कार की बजाय ट्रेन में सफर करना ज्यादा आरामदायक हो सकता है। अपनी बिजनेस ट्रिप या छुट्टियों की योजना भी इन सभी को ध्यान में रखते हुए करें।

क्या मतली और उल्टी होना स्वस्थ गर्भावस्था का संकेत है?
इसका जवाब हां भी है और ना भी। जी मिचलना या उल्टी होना एक अच्छा संकेत हैं कि आपके प्रेगनेंसी हॉर्मोन उच्च स्तर पर हैं। वहीं दूसरी तरफ, अगर आपको मितली न हो तो भी इसका मतलब यह नहीं है कि आपके शरीर में इन हॉर्मोनों की कमी है या आपकी गर्भावस्था में कोई समस्या है।

जिन महिलाओं में एचसीजी हॉर्मोन का स्तर ज्यादा होता है, उन्हें मॉनिंग सिकनेस होने की संभावना ज्यादा रहती है। मगर ऐसा नहीं है कि हॉर्मोन का स्तर ज्यादा होने से मिचली आना स्वाभाविक ही है। कुछ महिलाएं हॉर्मोन के उच्च स्तर के प्रति ज्यादा सं​वेदनशील होती है इसलिए उन्हें मिचली महसूस होती है।

यदि अपको गर्भावस्था से पहले भी मिचली होती थी, जैसे कि माहवारी के शुरुआती दिनों में या कुछ विशिष्ट भोजन या गंध की वजह से या फिर मोशन सिकनेस के कारण, तो शायद गर्भवती होने पर आपको मिचली होने की संभावना भी ज्यादा होगी।

अगर आपको मितली न भी हो तो भी आप चिंता न करें। हो सकता है आप कुछ भाग्यशाली महिलाओं में से एक हों!
प्रेगनेंसी में जी मिचलाने और उबकाई की स्थिति कब गंभीर होती है?
यदि आपकी मिचली और उल्टी की स्थिति इतनी गंभीर है कि कुछ खाते या पीते ही आपको उल्टी आ जाती है, तो अपनी डॉक्टर से संपर्क करें।

हो सकता है आपको हाइपरेमेसिस ग्रेविडेरम हो, इस स्थिति में उपचार और चिकित्सकीय देखभाल की जरुरत होती है क्योंकि आप बहुत जल्दी निर्जलित (डिहाइड्रेट) हो सकती हैं।

आपके पेशाब के रंग से पता चलता है कि आप पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन कर रही हैं या नहीं। आपका पेशाब साफ या हल्के पीले रंग का होना चाहिए। यदि यह गहरे पीले रंग का है, तो यह संकेत है कि आपको और तरल का सेवन करने की जरुरत है।

अगर आप दिन में कई बार उल्टी कर रही हैं, तो जल्दी से जल्दी डॉक्टर को दिखाएं। जल्दी उपचार मिलने से स्थिति नियंत्रण में आ सकेगी।

अगर आपको मिचली और उल्टी के साथ पेट दर्द, बुखार, सिरदर्द हो, या 10 हफ्ते की गर्भावस्था के बाद पहली बार यह शुरु हुआ हो तो अपनी डॉक्टर को बताएं। हो सकता है ये लक्षण सामान्य मिचली की बजाय किसी इनफेक्शन के संकेत हों।
क्या गर्भावस्था में मतली और उल्टी होने से गर्भस्थ शिशु पर कोई असर पड़ेगा?
जब तक कि आप खा-पी रही हैं और भोजन को पेट में बनाए रखने में समर्थ हैं, तो मिचली का असर आपके शिशु पर नहीं पड़ेगा। गंभीर मामलों में भी यदि उपचार किया जाए तो इससे गर्भस्थ शिशु प्रभावित नहीं होता।

अगर आपकी तबियत बहुत ज्यादा खराब लगे और आप ठीक से खा-पी भी न पा रही हों तो डॉक्टर से बात करें। वे आपको आराम पाने के लिए दवाएं बता सकती हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान मिचली होने पर क्या खाना चाहिए?
यदि आपको ​बहुत ज्यादा मिचली महसूस हो रही है और सामान्य संतुलित भोजन खा पाना आपके लिए मुश्किल हो रहा हो तो जो आप खा पा रही हों, वह खाएं। हो सकता है आप कुछ समय तक सीमित खाना ही खा पा रही हों, मगर गर्भावस्था के इस चरण पर आपका कुछ भी खाना-पीना ज्यादा जरुरी है, इसलिए आप पौष्टिक आहार का सेवन न भी कर पा रही हों, तो भी चिंता न करें। यह केवल कुछ ही समय की बात है, मिचली खत्म होने के बाद आपके पास स्वस्थ पौष्टिक भोजन खाने का पर्याप्त समय होगा।

इस बीच, चाहे आप अच्छे से न खा पा रही हों तो भी गर्भस्थ शिशु को आपके शरीर में जमा संग्रह से जरुरी पोषण मिलता रहेगा। जब आप फिर से ​उचित ढंग से खाने-पीने लगें तो हमारी तिमाही दर तिमाही आहार योजना आपको गर्भावस्था के लिए जरुरी पोषण लेने में मदद कर सकती हैं।

पहली तिमाही में एक जरुरी पोषक तत्व है फॉलिक एसिड। डॉक्टर आपको फॉलिक एसिड अनुपूरक लेने के लिए कहेंगी, जिसे आपको पहली तिमाही में हर सुबह खाली पेट लेना होगा। इससे आपके शिशु की रीढ़ की हड्डी और तंत्रिका तंत्र के विकास में मदद मिलती है।
कौन से खाद्य पदार्थों के सेवन से मतली से राहत मिल सकती है?
कुछ भोजन आपकी मिचली को कम करने में मदद कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

उच्च प्रोटीन वाले भोजन: प्रोटीन की अधिकता वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि मेवे और बीज, मांसाहारी भोजन, अंडे और पनीर आपके पेट को सही रखने में मदद कर सकते हैं। प्रोटीन से भरपूर शाकाहारी आहार के लिए हमारा यह स्लाइडशो देखें।
जटिल (कॉम्प्लेक्स) कॉर्बोहाइड्रेट्स: ये रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स की तुलना में काफी धीरे पचते हैं इसलिए आपको जल्दी भूख नहीं लगेगी। इसके कुछ उदाहरण हैं शकरकंदी, मखाने, साबुत अनाज का आटा और स्टार्चयुक्त सब्जियां।
विटामिन बी6 युक्त भोजन: मेवे, केले, हरी बीन्स, गाजर, फूलगोभी, आलू, कम वसा वाला मांस और मछली विटामिन बी6 के अच्छे स्त्रोत हैं और इन्हें मिचली से राहत में प्रभावी माना जाता है।
कम मसालेदार भोजन: मसालेदार व्यंजनों की तुलना में हल्के स्वाद और मसालों वाले भोजन खाना आसान रहता है।

गर्भावस्था में मिचली और उल्टी का क्या उपचार है?
अगर ऊपर बताए गए आहार या जीवनशैली से जुड़े बदलावों के बाद भी कोई फायदा न हो, तो डॉक्टर से बात करें। वे आपको लक्षणों से राहत देने के लिए दवाएं बता सकती हैं।

आपके लक्षणों की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर आपको एंटासिड, उल्टी रोकने की दवाएं या एंटीहिस्टेमीन दवाएं दे सकती हैं।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि विटामिन बी6 के सप्लीमेंट लेने से मिचली में आराम मिलता है। मगर बिना डॉक्टर सलाह के सप्लीमेंट न लें, हो सकता है यह आपकी प्रीनेटल मल्टीविटामिन की गोलियों में पहले से मौजूद हो। डॉक्टर ही आपको इसकी उचित खुराक के बारे में बता सकती हैं।
गर्भावस्था में सफर के दौरान मिचली का सामना कैसे करें?
दफ्तर जाने के लिए या वैसे ही सफर के दौरान मिचली से निपटने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

​नींबू या पुदीना की महक वाला कार फ्रेशनर इस्तेमाल करें। आप लेमन ग्रास या पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदें एक रुमाल पर डाल लें और जब भी जरुरत लगे इसे सूंघ लें।
प्लास्टिक की थैलियां और गीले वाइप्स कार में हमेशा रखिये। अचानक से उल्टी आने पर ये बहुत काम आएंगे।
संभव हो तो किसी और को कार चलाने के लिए कहें या कैब टैक्सी कर लें।
यदि आप सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करती हैं तो कोशिश करें की आप भीड़ वाले समय पर न जाएं। भीड़ में आपको गंध और हड़बड़ी की वजह से मिचली ज्यादा हो सकती है।

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