प्रेगनेंसी में कितना चलना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Wed 19th Oct 2022 : 14:19

प्रेगनेंसी में पैदल चलने के फायदे तभी मिलेंगे, जब ध्‍यान रखेंगी ये बातें

गर्भावस्‍था के दौरान शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से प्रेगनेंसी से संबंधित परेशानियां कम होती हैं। सप्‍ताह में 10 मिनट एरोबिक एक्‍सरसाइज (जैसे कि पैदल चलना) जरूर करनी चाहिए।
pregnancy me morning walk karna chahiye
अगर आप गर्भावस्‍था के दौरान स्‍वस्‍थ और नॉर्मल महसूस कर रही हैं तो वॉक जरूर करें। हम सभी जानते हैं कि पैदल चलने से स्‍वास्‍थ्‍य को कई लाभ मिलते हैं और गर्भवती महिलाओं के लिए भी वॉकिंग फायदेमंद होती है। वहीं, अगर आप प्रेगनेंसी में एक्‍सरसाइज नहीं कर सकती हैं तो थोड़ा चलने-फिरने से भी शरीर को एक्टिव रखा जा सकता है।

प्रेगनेंसी में क्‍यों करनी चाहिए वॉक
प्रेगनेंसी के दौरान हो रहे बदलावों में शरीर को एडजस्‍ट करने के लिए एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। पैदल चलना इसका सबसे बेहतरीन तरीका है। गर्भावस्‍था के दौरान वॉक को सबसे बेहतर कार्डियोवस्‍कुलर एक्‍सरसाइज माना जाता है।




रोज वॉक करने से शरीर फिट रहता है और इसे करने के आपको किसी मशीन या ज्‍यादा समय या पैसा खर्च करने की भी जरूरत नहीं होती है। गर्भवती महिलाएं पूरे नौ महीने इस एक्‍सरसाइज को कर सकती हैं।

प्रेगनेंसी में मिल रहे हैं ये संकेत तो जुड़वां बच्‍चे होंगे

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प्रेगनेंट होने पर शरीर में कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन हार्मोन बनने लगता है। प्रेगनेंसी के शुरुआती हफ्तों में इसका लेवल बढ़ता है। एचसीजी का स्‍तर नॉर्मल से अधिक होने का मतलब हो सकता है कि आपके पेट में जुड़वां बच्‍चे हों।


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प्रेगनेंसी में एचसीजी हार्मोन के बढ़ने की वजह से मॉर्निंग सिकनेस होती ही है लेकिन एक से ज्‍यादा बच्‍चे होने पर मतली और उल्‍टी अधिक हो सकती है। अत्‍यधिक मॉर्निंग सिकनेस को हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम कहा जाता है। इसमें महिला को उल्‍टी और मतली इतनी ज्‍यादा होती है कि उसे नस के जरिए फलूइड देना पड़ सकता है।

प्रेगनेंसी के 14वें हफ्ते के बाद भी मतली और उल्‍टी महसूस होना जुड़वां बच्‍चे होने का संकेत हो सकता है।
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जाहिर सी बात है कि गर्भ में एक के मुकाबले दो बच्‍चे होने पर बेबी बंप बड़ा होगा। अगर आपका बेबी बंप बड़ा लग रहा है तो हो सकता है कि आपके जुड़वां बच्‍चे हों। वैसे हर महिला का बेबी बंप उनके कद, वजन, आहार और बॉडी टाइप पर निर्भर करता है।



प्रेगनेंसी के 18वें हफ्ते तक अधिकतर महिलाओं को शिशु की मूवमेंट महसूस नहीं होती है। वैसे तो शिशु शुरुआत से ही मूवमेंट करना शुरू कर देता है, लेकिन प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही तक कुछ महसूस होने की संभावना कम ही होती है।

दो या इससे ज्‍यादा बच्‍चे होने पर आपको सामान्‍य समय से पहले ही बच्‍चे की मूवमेंट महसूस हो सकती है लेकिन प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही से पहले ऐसा कम ही होता है।



कब शुरू करें वॉकिंग
प्रेगनेंसी के पहले दिन से ही आप वॉकिंग शुरू कर सकती हैं। इससे स्‍वास्‍थ्‍य को कोई नुकसान नहीं होता है। हालांकि, आप प्रेगनेंसी की हर तिमाही में कुछ टिप्‍स और सावधानियां बरत कर सुरक्षित रूप से प्रेगनेंसी में वॉक का लाभ उठा सकती हैं।

गर्भावस्‍था में पैदल चलने के फायदे
पैदल चलने से मांसपेशियां टोन रहती हैं और पेट बढ़नेकी वजह से हो रही असहजता एवं पैरों में दर्द भी कम होता है। रोजाना वॉक करने से प्रेगनेंसी में वजन कंट्रोल में रहता है।
गर्भावस्‍था में पैदल चलने से ब्‍लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है जिससे जेस्‍टेशनल डायबिटीज का खतरा कम होता है। वॉकिंग से ब्‍लड कोलेस्‍ट्रोल लेवल भी नियंत्रित रहता है। मॉर्निंग सिकनेस, प्रेगनेंसी में ऐंठन और गर्भावस्‍था में कब्‍ज जैसे लक्षणों को भी वॉकिंग की मदद से कम किया जा सकता है।

पैदल चलने से कूल्‍हों की मांसपेशियां टोन रहती हैं जिससे लेबर के दौरान महिलाओं को रिलैक्‍स रहने में मदद मिलती है।

दिन में कितना पैदल चलना चाहिए
प्रेगनेंसी से पहले के आपके एक्‍सरसाइज रूटीन और गर्भावस्‍था की तिमाही के आधार पर यह बताया जा सकता है कि गर्भवती महिला को कितनी देर वॉक करने की जरूरत है। गर्भावस्‍था की पहली तिमाही और दूसरी तिमाही में लगभग 45 से साठ मिनट वॉक करने की जरूरत होती है। वहीं, प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में पांच दिन 30 मिनट तक वॉक करनी चाहिए। आप जितना सहज हों, उसके हिसाब से ही शरीर को एक्टिव रखने की कोशिश करें।

टिप्‍स
वॉक करते समय आरामदायक जूते पहनना बहुत जरूरी है। दिन के समय बाहर वॉक करने जा रही हैं तो एसपीएफ 30 का सनस्‍क्रीन जरूर लगाएं। खूब पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेट रहे। वॉक करने से 30 मिनट पहले स्‍नैक खाएं। इससे वॉकिंग के लिए एनर्जी मिलती है। आप किसी शांत और पेड़-पौधों से घिरी हुई जगह पर वॉक करें। गंदी जगह पर वॉक करने से बचें।

प्रेगनेंसी में पैदल चलने के लाभ बहुत हैं लेकिन इस समय खुद पर ज्‍यादा दबाव न बनाएं। सांस लेने में दिक्‍कत होने या थकान महसूस होने पर वॉक करना सही नहीं है।

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