प्रेगनेंसी में केसर वाला दूध कौन से महीने से पीना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Wed 12th Oct 2022 : 12:09

गोरा बच्‍चा देने वाला केसर, पेट में ही ले सकता है उसकी जान, जानिए किस महीने से खाना चाहिए
कहते हैं कि प्रेग्‍नेंसी में केसर खाने से गोरा और सुंदर बच्‍चा पैदा होता है लेकिन अगर इसे सही समय और सही मात्रा में ना लिया जाए तो इसके नुकसान भी हो सकते हैं।
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गोरा बच्‍चा देने वाला केसर, पेट में ही ले सकता है उसकी जान, जानिए किस महीने से खाना चाहिए
भारत में ऐसी कई मान्‍यताएं और प्रथाएं प्रचलित हैं जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। इन्‍हीं में से एक है कि प्रेग्‍नेंसी में केसर खाने से गोरा और सुंदर बच्‍चा पैदा होता है। माना जाता है कि गर्भावस्‍था में केसर बहुत फायदेमंद होता है और इसमें कुछ औषधीय गुण होते हैं जो प्रेग्‍नेंसी के लक्षणों से लड़ने में मदद करते हैं।
केसर चिंता, तनाव, और पेट दर्द से भी आराम दिलाता है और अपने गुणों के कारण गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी माना जाता है। हालांकि, अगर केसर को मॉडरेशन में ना खाया जाए, तो इसके कुछ नुकसान भी हो सकजे हैं जिनके बारे में आगे बताया गया है।
​क्‍या प्रेग्‍नेंसी में केसर खा सकते हैं

केसर में अनेक औषधीय गुण होते हैं और इस वजह से गर्भवती महिला के लिए यह फायदेमंद माना जाता है। यह स्‍ट्रेस, दर्द और ऐंठन, मूड स्विंग्‍स और गर्भावस्‍था में होने वाली दिक्‍कतों से आराम दिलाता है।

हालांकि, केसर के अधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ दुष्‍प्रभाव भी हो सकते हैं। यह कॉन्‍ट्रैक्‍शन और प्रीमैच्‍योर डिलीवरी को ट्रिगर कर सकता है।
​इन बातों का रखें ध्‍यान

चूंकि, केसर नुकसान भी पहुंचा सकता है इसलिए केसर को प्रेग्‍नेंसी डाइट में शामिल करने से पहले कुछ बातों का ध्‍यान रखना, जैसे कि :

प्रेग्‍नेंसी के पांचवे महीने के शुरू होने पर ही केसर लेना शरू करना चाहिए क्‍योंकि इस समय तक गर्भ ठहर चुका होता है और गर्भपात का खतरा ना के बराबर रहता है।

किसी भी व्‍यंजन में गर्भवती महिला के लिए सिर्फ दो या तीन स्‍ट्रैंड ही डालें क्‍योंकि ज्‍यादा केसर हानिकारक हो सकता है।

हमेशा अच्‍छी क्‍वालिटी का ही केसर खरीदें और आर्टिफिशिय कलर वाला या अशुद्ध केसर खरीदने से बचें।
​प्रेग्‍नेंसी में केसर खाने के नुकसान

हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं और केसर के साथ भी कुछ ऐसा ही है। केसर की अधिक खुराक गर्भवती महिला को नुकसान पहुंचा सकती है क्‍योंकि इससे गर्भाशय में संकुचन पैदा हो सकता है। इसके अन्‍य दुष्‍प्रभाव हैं :

केसर शरीर के तापमान और हीट को बढ़ा देता है जिससे गर्भाशय में संकुचन पैदा होता है। इसकी वजह से प्रेग्‍नेंसी के शुरुआती हफ्तों में मिसकैरेज हो सकता है। केसर हमेशा प्रेग्‍नेंसी की दूसरी तिमाही से खाना शुरू करें।

कुछ गर्भवती महिलाओं को केसर खाने पर चिंता, मुंह में सूखापन, मतली और सिरदर्द हो सकता है। ऐसी कोई समस्‍या दिखने पर तुरंत केसर का सेवन बंद कर दें। केसर कुछ महिलाओं में उल्‍टी का कारण भी बन सकता है। इसकी वजह से मां को थकान होने के साथ बच्‍चे में भी जरूरी पोषण की कमी हो सकती है।
​केसर के अन्‍य दुष्‍प्रभाव

केसर के और भी दुष्‍प्रभाव होते हैं, जैसे कि :

ज्‍यादा केसर लेने पर गर्भाशय उत्तेजित होता है और पेट में बार-बार संकुचन महसूस होने लगता है। इससे प्रीमैच्‍योर लेबर हो सकता है।
शामक प्रभाव के कारण केसर की अधिक खुराक लेने पर चक्‍कर महसूस हो सकते हैं।
प्रेग्‍नेंसी के स्‍टेज के अनुसार अगर आपको कोई एलर्जी हो रही है तो केसर खाने की वजह से आपको नाक से खून आने की शिकायत भी हो सकती है।
इसके अलावा हाथ-पैरों का सुन्‍न होना, पीलिया, दस्‍त और पेशाब या मल में खून आने का खतरा भी रहता है।

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