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पहली तिमाही में आप शायद आश्चर्य करें आपको इतनी ज्यादा नींद आ रही हैं, फिर भी आपकी नींद पूरी नहीं हो पा रही। प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में सोने के तरीके और नींद आने में होने वाली समस्याओं के बारे में यहां पढ़ें!
पहली तिमाही में मुझे बार-बार झपकी लेने की इच्छा क्यों हो रही है?
गर्भावस्था की शुरुआत में आप दिन में बहुत उनींदा सा महसूस करना शुरु कर सकती हैं। प्रोजेस्टीरोन हॉर्मोन के उच्च स्तर की वजह से अचानक से आपको झपकी लेने की जरुरत महसूस होने लगती है।
प्रोजेस्टीरोन की वजह से आपको अपने रोजमर्रा के काम भी किसी लंबी दौड़ या पहाड़ चढ़ने से कम मेहनत वाले नहीं लगते। यदि गर्भावस्था की शुरुआत में आपको मिचली व उल्टी रहती है, तो थकान की वजह से यह स्थिति और बिगड़ सकती है।
आपको शायद आश्चर्य होगा कि प्रोजेस्टीरोन आपकी रात की नींद में भी खलल डाल सकता है, जिससे आप दिन में और ज्यादा थकान महसूस करेंगी। इसलिए अच्छा यह है कि आप जब भी मुमकिन हो आराम करें और छोटी झपकी ले लें।
मुझे रात में मिचली क्यों महसूस होती है?
मॉर्निंग सिकनेस यानि सुबह की मिचली अपने नाम के विपरीत वास्तव में दिन या रात में किसी भी समय हो सकती है। रात में उबकाई महसूस होना ज्यादा परेशानी की बात है क्योंकि इसकी वजह से आप सो नहीं पाती या फिर जगी रहती है।
यदि आपको मिचली रहती है, तो आप पाएंगी कि 16 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद शायद स्थिति बेहतर होने लगती है। 20 सप्ताह के आसपास शायद यह पूरी तरह समाप्त हो जाए। हालांकि, यह भी हो सकता है मिचली पूरी गर्भावस्था में आती-जाती रहे या फिर तीसरी तिमाही में फिर से शुरु हो जाए।
लेटने पर मैं आराम की नींद क्यों नहीं ले पा रही?
आपके स्तनों में संवेदनशीलता की वजह से शायद आपको सोने की आरामदायक अवस्था चुनने में मुश्किल हो रही हो। यह खासकर उन महिलाओं के लिए ज्यादा परेशानी की बात है जिन्हें पेट के बल सोने की आदत होती है।
गर्भावस्था में बाईं तरफ करवट लेकर सोने की आदत डालने के लिए पहली तिमाही सबसे उचित समय है। इससे आपके गर्भस्थ शिशु तक और गर्भ में रक्त और पोषक तत्वों के प्रवाह में सुधार आता है। इस अवस्था में सोने से आपके गुर्दों को भी अपशिष्ट और तरल बाहर निकालने में आसानी होती है। आप जितना जल्दी बाईं तरफ करवट लेकर सोने की आदत बना लेंगी, उतना ही बेहतर होगा क्योंकि इससे पेट बढ़ने पर आपको सोने में आसानी रहेगी।
मुझे बार-बार पेशाब के लिए क्यों जाना पड़ता है?
आपका बढ़ता पेट मूत्राशय पर दबाव डालता है और आपको बार-बार पेशाब के लिए जाना पड़ता है।
इससे आपकी नींद में बहुत व्यवधान पड़ सकता है। यदि आप शाम के समय पेय पदार्थों का सेवन कम कर दें, तो शायद रात को ज्यादा आराम से सो पाएं। सुनिश्चित करें कि दिन के समय आप पर्याप्त मात्रा में पेय पदार्थों का सेवन करें, क्योंकि आपका जलनियोजित रहना बहुत जरुरी है।
क्या प्रेगनेंसी में नींद पूरी न होने का असर मेरे गर्भस्थ शिशु पर पड़ेगा?
नहीं। नींद पूरी न हो पाना गर्भावस्था में काफी आम है और इससे आपके शिशु को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। आप अपने शरीर के संकेतों को पहचानें और जब भी जरुरत लगे, आप आराम करें। यह बात समझ लें कि गर्भावस्था के पहले तीन महीने काफी थकान भरे रहते हैं, इसलिए जब भी मौका मिले आराम या फिर झपकी ले लें। दूसरी तिमाही में पहुंचने पर शायद आप ज्यादा ऊर्जावान महसूस करें।
यदि थकान की वजह से आपका रोजमर्रा का काम प्रभावित हो रहा हो, तो दूसरों से मदद के लिए बात कर सकती हैं। यदि आप नौकरीपेशा हैं, तो नियोक्ता से अपने काम या काम के घंटों में कुछ बदलाव करने के बारे में कह सकती हैं। यदि आपके बड़े बच्चे भी हैं, तो परिवारजनों, दोस्तों या फिर अपनी कामवाली या आया से कुछ समय उनकी देखभाल के लिए कह सकती हैं, ताकि आप आराम कर सकें।
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