प्रेगनेंसी में पीठ दर्द के कारण?pregnancytips.in

Posted on Sat 21st May 2022 : 21:03

प्रेगनेंसी में पीठ दर्द कर रहा है परेशान, तो एक्सपर्ट से जानिए इससे राहत पाने के उपाय
यदि आप गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द से पीड़ित हैं, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। हमारे विशेषज्ञ बता रहे हैं इसके कारण और इससे राहत पाने के कुछ उपाय।

गर्भावस्था में बहुत सारे शारीरिक और मानसिक बदलावों का सामना करना पड़ता है।

गर्भावस्था एक खूबसूरत समय है। पर इस स्थिति में आपको बहुत सारे शारीरिक और मानसिक बदलावों का सामना करना पड़ता है। कुछ शारीरिक समस्याएं आपको लगातार थकाती हैं। ऐसी ही एक समस्या है पीठ में दर्द रहने की। अगर आप भी इसे लेकर परेशान हैं, तो हेल्थशॉट्स पर विशेषज्ञ से जानिए पीठ दर्द का कारण और उससे बचने के कुछ आसान उपाय।

गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द काफी सामान्य माना जाता है। जब शिशु का विकास हो रहा होता है, तब आपका शरीर कई बदलावों से गुजरता है। पीठ भी इन्हीं में से एक है। खासकर दूसरी तिमाही के बाद।

प्रेगनेंसी के दौरान अत्यधिक पीठ दर्द के कारणों में से एक रिलैक्सिन हार्मोन है। आपका शरीर इस हार्मोन को रिलीज करता है, जो आपके शिशु के जन्म के लिए तैयार करता है। रिलैक्सिन आपके श्रोणि के जोड़ों में स्नायुबंधन को ढीला, नरम और रिलैक्स कर सकता है, जो आपको गर्भावस्था के दौरान कम स्थिर बना सकता है। इसलिए, महिलाओं को पीठ में चोट और दर्द होने का खतरा अधिक हो जाता है।
यहां जानिए गर्भावस्था में पीठ दर्द के अन्य कारण
तनाव ( Stress )

चाहे आप गर्भवती हों या नहीं, तनाव से पीठ दर्द हो सकता है। स्वस्थ शिशु, गर्भावस्था, काम या परिवार के बारे में अत्यधिक चिंता करने से तनाव हो सकता है। जो मांसपेशियों में जकड़न और कमजोर होने का कारण बनता है।

प्रेगनेंसी के दौरान वजन बढ़ने के कारण, आपकी पीठ को स्थिर रखने में कठिनाई हो सकती है। जिससे मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। इससे पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है।
शरीर की मुद्रा ( Body posture )

जैसे-जैसे आपका पेट बड़ा होगा, आपके पोस्चर में बदलाव होगा। इससे बैठने, चलने या सोने के दौरान आपकी मुद्रा भी बदल सकती है। इससे पीठ दर्द की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
मसल सेपरेशन ( muscle Separation )

जब गर्भाशय बढ़ता है, रेक्टस एब्डोमिनिस मांसपेशियां, अलग हो सकती हैं। यह अलगाव पीठ दर्द को और खराब कर सकता है। यह मांसपेशियां रिब केज से प्यूबिक बोन तक जाता है।
गर्भावस्था के दौरान राउंड लिगामेंट का दर्द सामान्य है

चूंकि गर्भाशय (Uterus) और आसपास के स्नायुबंधन (ligaments) शिशु के लिए जगह बनाने के लिए खिंचाव करते हैं, जिससे छोटी, दर्दनाक ऐंठन हो सकती है। इस दर्द में आराम और अन्य घरेलू उपचार मदद कर सकते हैं। लेकिन अगर दर्द दूर नहीं होता है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
तो अब जानिए प्रेगनेंसी में पीठ दर्द से आप कैसे राहत पा सकती हैं
1 पोस्चर पर ध्यान दें

अपने पोस्चर में सुधार करने के लिए, आपको सीधे और लंबा खड़े होने का प्रयास करना चाहिए। बैठते समय, आप सपोर्ट के लिए अपनी पीठ के पीछे कपड़ा या तौलिया रख सकते हैं। अपने कंधों और पीठ का पोस्चर सही रखने की कोशिश करें यदि आप खड़े हैं, तो अपने कूल्हों को आगे की ओर खींचने की कोशिश करें।
4 पीठ की मालिश करें

असल में पीठ दर्द की स्थिति में आप हीटिंग पैड या आइस पैक लगाकर मालिश कर सकते हैं। अपने चिकित्सक से परामर्श करने के बाद, आप कुछ मिनटों के लिए अपनी पीठ पर कोल्ड कंप्रेशन डाल सकते हैं। 2-3 दिनों के बाद, आप हीटिंग पैड पर स्विच कर सकते हैं।
5 शारीरिक रूप से सक्रिय रहें

कुछ हल्की शारीरिक गतिविधियां करें, लेकिन अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही। कुछ गर्भावस्था-सुरक्षित स्ट्रेचिंग व्यायाम करने की कोशिश करें जो आपको पीठ दर्द से राहत दे सकें। अपनी पीठ के निचले हिस्से को भी स्ट्रेच करें।
6 अच्छी नींद लें

हमेशा याद रखें कि करवट लेकर सोएं न कि पीठ के बल। आपको अपने घुटनों को मोड़कर रखना चाहिए और सहारे के लिए अपने घुटनों के बीच तकिए रखना चाहिए।
pregnancy ke shuruaati dino mein ho sakta hai kabj
प्रेगनेंसी में अच्छी नींद लेना बहुत ज़रूरी है।
7 चीजों को सही तरीके से उठाएं

किसी भी भारी वस्तु को उठाने से बचें। अगर आप कुछ उठाना चाहते हैं तो कमर के बल न झुकें। इसके बजाय, नीचे बैठें और वस्तु को अपने पैरों के बलबूते उठाए, न कि पीठ के बल से।
यहां हैं कुछ और भी सुझाव हैं

बिना आर्च सपोर्ट के हाई हील्स पहनने से बचें। आपको बैठते समय अपने पैरों को भी ऊपर उठाना चाहिए और सपोर्टिव तकिए ( lumbar pillow) के साथ अपनी पीठ को अतिरिक्त सहारा देना चाहिए। अपने चिकित्सक से परामर्श के बिना किसी भी दर्द की दवा लेने से बचें।

ध्यान रखें कि अत्यधिक पीठ दर्द, जो दो सप्ताह से अधिक समय तक रहता है, एक अंतर्निहित स्थिति का संकेत हो सकता है। आपको अपने डॉक्टर से चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।

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