प्रेगनेंसी में संकुचन क्या होता है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:23

मुझे प्रसव के संकुचन किस तरह महसूस होंगे?

संकुचन कैसे महसूस होते हैं, इसे शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है, क्योंकि इनके दर्द की स्थिति अलग-अलग होती है। साथ ही हर महिला का प्रसव और शिशु के जन्म का अनुभव अलग होता है।

कुछ महिलाएं इन संकुचनों को ऐसा बताती हैं जैसे कि माहवारी के समय होने वाले मरोड़, दबाव, कसाव, दर्दभरे स्पंदन, गैस का दर्द, और पीठ दर्द जो धीरे-धीरे पेट की तरफ भी होने लगे। मगर अधिकांश महिलाएं यह मानती हैं कि ये संकुचन लहर की तरह आते हैं और अत्याधिक तीव्र, प्रबल और बहुत थका देने वाले हो सकते हैं।

आपको संकुचन कैसे महसूस होंगे, यह बहुत सी चीजों पर निर्भर करता है, जैसे कि:

आपके शिशु की अवस्था
आपका प्रसव कितना तेज या प्रबल है
शिशु को जन्म देने की तैयारी में आप शारीरिक और भावनात्मक तौर पर कैसा महसूस कर रही हैं
आप में दर्द को सहने की कितनी क्षमता है।

आप किस तरह के माहौल में शिशु को जन्म दे रही हैं और डिलीवरी के समय आपके पास अच्छा सहयोग है या नहीं, इस बात का भी बहुत असर पड़ता है।

कुछ महिलाओं का मानना है कि संकुचनों का दर्द सामान्य दर्द से काफी अलग होता है। चोट लगने के समय जो दर्द होता है, वह यह बताता है कि शरीर में कहीं कुछ गड़बड़ है। वहीं, संकुचनों का दर्द आमतौर पर इस बात का संकेत होता है कि आपका शरीर सही चीज कर रहा है।

आपका ​शरीर एंडोर्फिन जारी करके स्वत: आपको प्रसव का सामना करने में मदद करता है, जिससे आपकी दर्द के प्रति धारणा बदल सकती है।
प्रसव के संकुचनों के दौरान क्या होता है?
जब आपको संकुचन होता है तो गर्भाशय की मजबूत मांसपेशीय दीवार कसती है, और फिर ढीली होती है।

अगर, आप संकुचन के दौरान अपने पेट पर हाथ रखेंगी, तो पाएंगी कि मांसपेशियों के कसने के समय आपका गर्भाशय काफी ठोस हो जाता है। आपको हरेक संकुचन शायद एक लहर की तरह महसूस होगा, जो कि खत्म होने से पहले प्रबलता के शीर्ष पर पहुंच र​​हा है।

जैसे-जैसे आपके संकुचन की अवधि बढ़ती है, प्रबलता का चरम भी लंबा होता जाता है। आपको तेज मरोड़ या पीड़ा ज्यादा देर सहनी होगी, और फिर ये प्रबलता कम होनी शुरु हो जाती है।

हरेक संकुचन के साथ आपका शिशु श्रोणि क्षेत्र में और नीचे की तरफ खिसकता जाता है। आपको हर संकुचन के साथ शायद महसूस होगा कि प्रसव नलिका खुल रही है और शिशु के लिए जगह बना रही है। अंततः शिशु का सिर ग्रीवा से बाहर आना शुरु हो जाता है।

संकुचनों का काम इस बात पर निर्भर करेगा कि आप प्रसव के किस चरण पर पहुंची हैंः :

प्रसव के पहले चरण में, आपके संकुचन धीरे-धीरे ग्रीवा को खोलते हैं, 0 से 10 सेंमी. तक चैड़ी। हर संकुचन ग्रीवा को थोड़ा खोलता है। ग्रीवा थोड़ी खुलती है, फिर पहले वाली स्थिति में चली जाती है और फिर अगले संकुचन के साथ थोड़ी और खुलती है। जब ग्रीवा पूरी तरह विस्फारित हो जाती है तो जोर लगाने वाला चरण शुरु होता है।
प्रसव के दूसरे चरण में ये आपके शिशु के लिए योनि (प्रसव नलिका) में नीचे की तरफ आना और बाहर निकलना आसान बनाते हैं।
प्रसव के तीसरे चरण में ये अपरा (प्लेसेंटा) को हटाते हैं और रक्तवाहिकाओं को बंद कर देते हैं और गर्भाशय भी सिकुड़ने होने लगता है।

गर्भाशय के संकुचन शुरू होने पर कैसा अहसास होता है?
शुरुआती संकुचन पीरियड के दर्द जैसे महसूस हो सकते हैं। हो सकता है आपको मरोड़ या पीठ दर्द या फिर दोनों ही महसूस हों। या फिर यह भी संभव है कि आपको केवल पेट में नीचे की तरफ ही दर्द या भारीपन महसूस हो। आपको मल त्याग की इच्छा भी हो सकती है। संभव है कि आप असहजता महसूस करें, और ऐसा होने की वजह न समझ पाएं।

आपको पूरे गर्भाशय में दर्द महसूस हो सकता है या फिर संभव है कि यह केवल एक या दो क्षेत्र में ही हो। आपको पीठ, योनि व भगोष्ठ या फिर पेट में नीचे की तरफ दर्द या भारीपन लग सकता है।

आपको अतिरिक्त लक्षण जैसे योनिस्त्राव या रक्तस्त्राव, पानी की थैली फटना, मिचली और उल्टी भी महसूस हो सकते हैं।

कई बार प्रसव के शुरुआती संकुचनों और अनियमित ब्रेक्सटन हिक्स संकुचनों (नकली प्रसव संकुचन) में अंतर कर पाना मुश्किल हो जाता है। प्रसव के वास्तविक संकुचन समय के साथ-साथ जल्दी-जल्दी होते जाते हैं और ये ब्रेक्सटन हिक्स संकुचनों की तुलना में अधिक नियमित और प्रबल होते हैं।

ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन अक्सर अवस्था बदलने पर ठीक हो जाते हैं। इसलिए अगर आप बैठी हैं तो खड़ी होकर चलने-फिरने लगें और खड़ी हों तो बैठ जाएं और देखें कि इससे क्या असर पड़ा।

अगर आप निश्चित नहीं हों कि आपको हो रहे संकुचन वास्तविक हैं या ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन तो अपनी डाॅक्टर से बात करने में न हिचकिचाएं।

अगर आपको 37 सप्ताह की गर्भावस्था से पहले नियमित संकुचन होने लगें जो कि ग्रीवा को खोलना शुरु कर दें तो आपका समय से पहले प्रसव हो सकता है।

ऐसे में अगर आपको प्रीमैच्योर लेबर शुरु होने के लक्षण महसूस हों तो तुरंत डाॅक्टर से बात करें। इन लक्षणों में शामिल हैं रक्तस्त्राव, मरोड़, संकुचन और पानी की थैली फटना। आपको अस्पताल में भर्ती करके आप पर निगरानी रखी जा सकती है।
प्रसव के पहले चरण में गर्भाशय संकुचन कैसे महसूस होते हैं?
ग्रीवा विस्फारित होने के साथ-साथ शुरुआत से ही कई महिलाओं को नियमित और दर्दभरे संकुचन महसूस होते हैं। वहीं, कुछ महिलाओं को पता भी नहीं चलता कि उनका प्रसव शुरु हो चुका है। कुछ को प्रसव के दौरान अत्याधिक तेज पीठ दर्द होता है और उन्हें बिल्कुल भी आराम नहीं मिल पाता।

जैसे-जैसे प्रसव आगे बढ़ता है और आप सक्रिय प्रसव में होती हैं तो संकुचन भी और मजबूत व जल्दी-जल्दी होते जाते हैं। आपको एक के बाद एक संकुचन महसूस हो सकते हैं, इससे आपको बीच में ज्यादा आराम नहीं मिल पाता।

आप पाएंगी कि संकुचन अब दोगुने तेज व प्रबल हो गए हैं। जब ऐसा होता है, तो मांसपेशियों का कसना एकदम चरम पर होता है, और फिर धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। लेकिन, पूरी तरह खत्म होने से पहले दर्द दोबारा शुरु होता है।

आपको शायद ऐसे दोगुने तेज संकुचन तब महसूस होंगे जब आप उस चरण् पर पहुंच जाएं जब ग्रीवा पूरी तरह खुल जाती है। इसे परिवर्ती चरण (ट्रांज़िंशनल फेज) कहा जाता है, क्योंकि इसमें प्रसव का पहला चरण समाप्त होता है, और दूसरे चरण की शुरुआत होती है।
प्रसव के दूसरे चरण में गर्भाशय संकुचन कैसे महसूस हाते हैं?
दूसरे चरण के दौरान आपके शिशु का जन्म होगा, आमतौर पर संकुचनों और आपके जोर लगाने की वजह से। इससे शिशु योनि में नीचे की तरफ और फिर बाहर इस दुनिया में आता है।

प्रसव के दूसरे चरण के संकुचन कुछ अलग तरह के महसूस होते हैं क्योंकि उनका उद्देश्य अलग होता है।

जैसे-जैसे आपका शिशु नीचे आता है आपको और ज्यादा प्रबल संकुचन महसूस होने लगेंगे, साथ ही आपको जोर लगाने की तीव्र इच्छा होगी। हालांकि, अगर आपको जोर लगाने की इच्छा न हो, तो भी चिंता न करें। डॉक्टर बता सकती हैं कि आपको कब जोर लगाना है और कितनी देर तक।
प्रसव के तीसरे चरण में गर्भाशय संकुचन कैसे महसूस होते है?
आपके शिशु के जन्म के बाद आपके पास आराम करने और अपने शिशु से मिलने के शायद कुछ मिनट होंगे, क्योंकि इसके बाद संकुचन फिर से शुरु होने लगेंगे।

प्रसव के तीसरे चरण में संकुचन अपरा को गर्भाशय की दीवार से अलग करते हैं, ताकि इसे बाहर निकाला जा सके। ये संकुचन प्रसव के संकुचनों की तुलना में कम मजबूत होंगे। मगर, आप इन्हें महसूस कर पाएंगी। अपरा की डिलीवरी से पहले आपको शायद कुछ ही संकुचन महसूस होंगे।
प्रसव के दौरान संकुचनों के दर्द का सामना मैं किस तरह करूं?
यदि आप संकुचनों के बारे में चिंतित हो रही हैं और सोच रही हैं कि उनका सामना आप कैसे करेंगी तो नीचे बताई गई कुछ बातों पर ध्यान देंः

हमेशा याद रखें कि वहां डॉक्टर आप की मदद के लिए होंगी। वे आपकी दर्द का सामना करने में मदद करेंगी और जरुरी दर्द निवारक भी देंगी।
प्रसव के दौरान आरामदायक अवस्था ढूंढ़े। डाॅक्टर आपको बता सकती हैं कि कौन सी अवस्थाएं सही रहेंगी।
धीरे-धीरे लयबद्ध श्वसन व्यायाम और रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करें ।
यदि आपके अस्पताल में प्रसव के समय अपने साथ किसी को (बर्थ पार्टनर) ले जाने की अनुमति है, तो उनसे आपको अतिरिक्त सहयोग मिलेगा और वे आपका ढांढ़स बंधाएंगे।
हल्के गर्म पानी से नहाएं या संभव हो तो किसी से मालिश करवा लें।
प्रसव पीड़ा से राहत के इन 10 प्राकृतिक उपायों को आजमाकर देखें।

यह जानने से मदद मिलती है कि जब संकुचन हो रहे होते हैं और नाॅर्मल डिलीवरी के दौरान आपका शरीर शिशु को जन्म दिलाने का कितना बेहतरीन काम कर रहा होता है। इसके लिए आप गर्भावस्था के दौरान कोई एंटेनेटल क्लास में शामिल हो सकती हैं।

शिशु के जन्म के बाद संकुचन की वो भयावह यादें शायद शिशु को पहली बार गोद में लेने के साथ ही दूर हो जाएंगी। यह अनुभव शायद आपको शक्ति और सफलता की भावना महसूस कराएगा और साथ ही माँ बनने की अपार खुशी भी होगी।

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