प्रेगनेंसी में सिर दर्द हो तो क्या करे?pregnancytips.in

Posted on Tue 14th Jul 2020 : 19:12

प्रेगनेंसी में क्‍यों होता है सिरदर्द, कैसे महिलाएं पा सकती हैं इससे छुटकारा

हर इंसान को अपने जीवन में कभी न कभी सिरदर्द होता ही है लेकिन प्रेगनेंसी में सिरदर्द होना परेशानी की बात है। गर्भावस्था के लक्षणों से महिलाएं पहले से ही चिड़चिड़ी रहती हैं, ऊपर से सिरदर्द का होना उन्हें परेशान कर देता है।

प्रेग्‍नेंसी में सिरदर्द के घरेलू उपाय
प्रेगनेंसी में शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं जिसकी वजह से आपको लक्षणों के रूप में शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं। हार्मोन और ब्लड वॉल्यूम में में बदलाव, अधिक वजन बढ़ने के कारण खराब पोस्चर की वजह से प्रेगनेंसी के लक्षण सामने आते हैं।



इनमें से कुछ बदलावों की वजह से सिरदर्द भी हो सकता है और इससे निपटने के लिए घरेलू नुस्‍खे भी मौजूद हैं। हालांकि, तेज सिरदर्द होने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।


इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी में सिरदर्द के कारण कारणों, लक्षणों और इलाज के बारे में बता रहे हैं।

गर्भावस्था में सिर दर्द का कारण
गर्भावस्था के नौ महीनों में महिलाओं के शरीर में बहुत तेजी से बड़े बदलाव आते हैं जिसकी वजह से अलग-अलग लक्षण देखने को मिल सकते हैं। सिरदर्द प्रेगनेंसी का एक आम लक्षण है।
रिसर्च कहती हैं कि 39 फीसदी महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान या डिलीवरी के तुरंत बाद सिरदर्द की परेशानी होती है। प्रेगनेंसी में सिरदर्द के सटीक कारण के बारे में पता नहीं है लेकिन इसका कारण हर तिमाही में अलग हो सकता है। तो चलिए जानते हैं प्रेगनेंसी की तिमाही के अनुसार सिरदर्द के कारण क्या हैं।
गर्भावस्था
Gas problem in Pregnancy : गर्भावस्था में गैस क्यों बनती है?

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प्रेग्‍नेंसी की पहली तिमाही में शरीर में बहुत ज्‍यादा हार्मोनल बदलाव आते हैं। प्रोजेस्‍टेरोन और एस्‍ट्रोजन हार्मोन तेजी से बढ़ता है जिससे भ्रूण के विकास के लिए यूट्राइन लाइनिंग मोटी होती है। एस्‍ट्रोजन के बढ़ने के कारण शरीर में पानी और गैस ज्‍यादा बनती है जिससे असहज और पेट में दर्द महसूस होता है।
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प्रेग्‍नेंसी की दूसरी तिमाही और गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस और थकान जैसे लक्षण कम होने लगते हैं और गर्भाशय विकसित हो रहे भ्रूण के लिए जगह बनाने लगता है। गर्भाशय के बढ़ने पर आसपास के अंगों पर दबाव पड़ता है जिससे कब्‍ज और ज्‍यादा गैस बनने जैसी पाचन से संबंधी दिक्‍कतें होने लगती हैं।


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प्रेगनेंट महिलाओं के भी शरीर में गैस बनती है। शरीर में प्रोजेस्‍टेरोन हार्मोन का स्‍तर बढ़ने की वजह से गैस ज्‍यादा बनने लगती है। ये हार्मोन गैस्‍ट्राइंटेस्‍टाइनल मार्ग की नरम मांसपेशियों को आराम पहुंचाने का काम करता है। इन मांसपेशियों के रिलैक्‍स होने पर खाना धीमी गति से पाचन तंत्र की ओर आ सकता है।

पाचन के धीमा पड़ने पर आंतों में गैस अधिक बनने लगती है। इसकी वजह से डकार आने, गैस पास होने और पेट फूलने की दिक्‍कत भी हो सकती है।


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गर्भावस्‍था में गैस से बचना थोड़ा मुश्किल है। हालांकि, कुछ आसान तरीकों से आप प्रेग्‍नेंसी में गैस ज्‍यादा बनने से जरूर रोक सकते हैं। कुछ खाद्य पदार्थ गर्भावस्‍था में गैस बनने को बढ़ावा दे सकते हैं। ऐसे में आप नोट करें कि क्‍या खाने के बाद आपको ज्‍यादा गैस बनती है।

बींस, मटर और साबुत अनाज से गैस बन सकती है। इसके अलावा ब्रोकली, एस्‍पैरेगस, पत्तागोभी भी गैस बनाते हैं।


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अमेरिकन प्रेग्‍नेंसी एसोसिएशन के अनुसार गर्भावस्‍था के दौरान गैस बनने से रोकने, कम करने और कंट्रोल करने के लिए नीचे बताए गए टिप्‍स असरकारी साबित हो सकते हैं :
कार्बोहाइड्रेट ड्रिंक कम या बिल्‍कुल न पिएं।तली हुई और भारी चीजें खाने से बचें।हमेशा गिलास से पानी या अन्‍य कोई पेय पदार्थ पिएं।दिनभर में थोड़ा-थोड़ा कर के खाएं।कपड़े पेट पर से ज्‍यादा टाइट नहीं होने चाहिए।आर्टिफिशियल स्‍वीटनर का कम सेवन करें और खूब पानी पिएं।धीरे और चबा-चबाकर खाएं।




गर्भावस्‍था की पहली तिमाही
इन शुरुआती तीन महीनों में टेंशन से सिरदर्द होना आम बात है। इस समय शरीर कई बदलावों से गुजर रहा होता है और यही सिरदर्द का कारण हो सकता है। हार्मोनल बदलाव, वजन में उतार-चढ़ाव और ब्‍लड वॉल्‍यूम जैसे बदलावों से सिरदर्द ट्रिगर हो सकता है। गर्भावस्‍था की पहली तिमाही में सिरदर्द के प्रमुख कारणों में पानी की कमी, उल्‍टी और मतली, स्‍ट्रेस, नींद की कमी, कैफीन ज्‍यादा लेने, सही पोषण न लेने, लो ब्‍लड शुगर लेवल, शारीरिक गतिविधियां कम करने, रोशनी से आंखें चुंधियाने और आंखों की रोशनी में बदलाव आने की वजह सिरदर्द हो सकता है।

डेयरी प्रोडक्‍ट्स, चॉकलेट, चीज और टमाटर के कारण भी गर्भवती महिलाओं को सिरदर्द हो सकता है।

दूसरी और तीसरी तिमाही
गर्भावस्‍था की दूसरी और तीसरी तिमाही में हार्मोनल बदलाव के कारण सिरदर्द की शिकायत कम ही होती है क्‍योंकि इस समय शरीर बदलावों के साथ तालमेल बैठा चुका होता है।
हालांकि, कुछ महिलाओं को पूरे नौ महीनों तक टेंशन की वजह से सिरदर्द हो सकता है। अधिक वजन, हाई ब्‍लड प्रेशर, मांसपेशियों पर तनाव पड़ने, गलत पोस्‍चर, नींद की कमी और खराब डाइट के कारण इस समय सिरदर्द हो सकता है।
Gas problem in Pregnancy : गर्भावस्था में गैस क्यों बनती है?

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प्रेग्‍नेंसी की पहली तिमाही में शरीर में बहुत ज्‍यादा हार्मोनल बदलाव आते हैं। प्रोजेस्‍टेरोन और एस्‍ट्रोजन हार्मोन तेजी से बढ़ता है जिससे भ्रूण के विकास के लिए यूट्राइन लाइनिंग मोटी होती है। एस्‍ट्रोजन के बढ़ने के कारण शरीर में पानी और गैस ज्‍यादा बनती है जिससे असहज और पेट में दर्द महसूस होता है।
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प्रेग्‍नेंसी की दूसरी तिमाही और गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस और थकान जैसे लक्षण कम होने लगते हैं और गर्भाशय विकसित हो रहे भ्रूण के लिए जगह बनाने लगता है। गर्भाशय के बढ़ने पर आसपास के अंगों पर दबाव पड़ता है जिससे कब्‍ज और ज्‍यादा गैस बनने जैसी पाचन से संबंधी दिक्‍कतें होने लगती हैं।


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प्रेगनेंट महिलाओं के भी शरीर में गैस बनती है। शरीर में प्रोजेस्‍टेरोन हार्मोन का स्‍तर बढ़ने की वजह से गैस ज्‍यादा बनने लगती है। ये हार्मोन गैस्‍ट्राइंटेस्‍टाइनल मार्ग की नरम मांसपेशियों को आराम पहुंचाने का काम करता है। इन मांसपेशियों के रिलैक्‍स होने पर खाना धीमी गति से पाचन तंत्र की ओर आ सकता है।

पाचन के धीमा पड़ने पर आंतों में गैस अधिक बनने लगती है। इसकी वजह से डकार आने, गैस पास होने और पेट फूलने की दिक्‍कत भी हो सकती है।


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गर्भावस्‍था में गैस से बचना थोड़ा मुश्किल है। हालांकि, कुछ आसान तरीकों से आप प्रेग्‍नेंसी में गैस ज्‍यादा बनने से जरूर रोक सकते हैं। कुछ खाद्य पदार्थ गर्भावस्‍था में गैस बनने को बढ़ावा दे सकते हैं। ऐसे में आप नोट करें कि क्‍या खाने के बाद आपको ज्‍यादा गैस बनती है।

बींस, मटर और साबुत अनाज से गैस बन सकती है। इसके अलावा ब्रोकली, एस्‍पैरेगस, पत्तागोभी भी गैस बनाते हैं।


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अमेरिकन प्रेग्‍नेंसी एसोसिएशन के अनुसार गर्भावस्‍था के दौरान गैस बनने से रोकने, कम करने और कंट्रोल करने के लिए नीचे बताए गए टिप्‍स असरकारी साबित हो सकते हैं :
कार्बोहाइड्रेट ड्रिंक कम या बिल्‍कुल न पिएं।तली हुई और भारी चीजें खाने से बचें।हमेशा गिलास से पानी या अन्‍य कोई पेय पदार्थ पिएं।दिनभर में थोड़ा-थोड़ा कर के खाएं।कपड़े पेट पर से ज्‍यादा टाइट नहीं होने चाहिए।आर्टिफिशियल स्‍वीटनर का कम सेवन करें और खूब पानी पिएं।धीरे और चबा-चबाकर खाएं।




गर्भावस्‍था में सिरदर्द का इलाज
कुछ मामलों में सिरदर्द के घरेलू नुस्‍खों से प्रेगनेंट महिलाओं को आराम मिल सकता है। 10 मिनट तक प्रभावित हिस्‍से की गर्म या ठंडी सिकाई करें। मांसपेशियों को आराम देने के लिए गुनगुने पानी से नहाना भी फायदेमंद रहता है।
स्‍ट्रेचिंग, योग, स्‍वीमिंग, सही पोस्‍चर में बैठने या खड़े होने, दिनभर खूब पानी पीने, आराम करने और सिर की हल्‍की मालिश करने से सिरदर्द से राहत मिल सकती है।
डॉक्‍टर की सलाह के बिना सिरदर्द के उपचार के लिए कोई भी दर्द निवारक दवा न लें।

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