प्रेगनेंसी में सोने का सही तरीका क्या है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:26

गर्भावस्था (pregnancy) में जिस तरह से महिलाओं को अपने खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए, उसी तरह से भरपूर आराम, नींद लेने के बारे में भी सोचना चाहिए. खासकर, प्रेग्नेंसी में सोने का सही तरीका, पोजीशन क्या हो, यह हर गर्भवती महिला को जानना चाहिए. इससे आपको रात में सोने में कोई तकलीफ, दर्द महसूस नहीं होगा और सुकून और आरामदायक नींद भी आएगी. प्रेग्नेंसी के पहले और आखिरी महीने में खासकर के महिलाओं को बेड पर सही पोजीशन में सोने की जानकारी होनी चाहिए, ताकि गर्भ में पल रहे शिशु को कोई समस्या ना हो. प्रेग्नेंसी में सोने का सही तरीका क्या होना चाहिए (right way to sleep during pregnancy), आइए जानते हैं यहां.

प्रेग्नेंसी में सोने का सही तरीका क्या है
मॉमजंक्शन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य रूप से सोने के लिए तीन स्लीपिंग पोजीशन होते हैं बायीं या दायीं करवट में सोना, पीठ और पेट के बल सोना, लेकिन गर्भावस्था की सभी तिमाही (Trimester) में इन तीनों स्लीपिंग पोजीशन में से बेस्ट और कंफर्टेबल कौन सा होता है, यह जानना जरूरी है.

पहली तिमाही में सोने का सही तरीका
चूंकि, प्रेग्नेंसी के पहली तिमाही में यूटरस का आकार अधिक बड़ा नहीं होता है, इसलिए इन तीनों पोजीशन में सोया जा सकता है. अधिक परेशानी भी महसूस नहीं होती है. हालांकि, आप दायीं तरफ होकर सोएंगी तो अधिक आराम महसूस होगा.

दूसरी तिमाही में सोने का सही तरीका
प्रेग्नेंसी के 4-6 महीने के बीच पेट के बल सोने से बचना चाहिए. यदि आपको पेट के बल सोने का मन भी करता है, तो आप ऐसा 16 सप्ताह तक सो सकती हैं, लेकिन उसके बाद आप भूलकर भी इस स्लीपिंग पोजीशन में ना सोएं. चौथे महीने में पेट का आकार बढ़ जाता है, जिससे पेट के बल सोने से यूटरस और ब्लड वेसल्स पर दबाव पड़ता है. साथ ही पीठ के बाल सोना भी दूसरी तिमाही से बंद कर दें. इससे यूटरस शरीर में ऑक्सीजनेटेड ब्लड को पहुंचाने वाले मुख्य ब्लड वेसल्स को ब्लॉक कर सकता है. इस स्थिति में शिशु और प्लेसेंटा में भी रक्त सप्लाई बाधित हो सकती है. इससे आपको चक्कर, मतली, उल्टी, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. प्रेग्नेंसी के दूसरी तिमाही में सबसे बेस्ट पोजीशन है एक साइड होकर सोना. खासकर, 20वें सप्ताह से इस पोजीशन में सोना शुरू कर देना चाहिए.

तीसरी तिमाही में सोने का सही तरीका
तीसरी तिमाही में आपको सिर्फ एक साइड (बायीं तरफ) होकर ही सोना चाहिए, क्योंकि इस दौरान पेट का आकार भी बढ़ जाता है. आपको पेट या पीठ के बल सोने से असहज महसूस हो सकता है. इससे प्लेसेंटा, किडनी, धड़ (torso) आदि में रक्त की आपूर्ति सही से होती है. तो आप प्रेग्नेंसी के तीनों तिमाही में अपने सोने की स्थिति का खास ध्यान रखें. प्रत्येक दिन प्रॉपर नींद लें. कम से कम 8 घंटे की नींद एक गर्भवती महिला को जरूर लेनी चाहिए.

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