प्रेग्नेंट महिला चावल खा सकती है क्या?pregnancytips.in

Posted on Thu 13th Oct 2022 : 14:47

गर्भावस्था में चावल खाने के फायदे, नुकसान व सावधानियां | Rice Benefits in Pregnancy in Hindi
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प्रेगनेंसी में चावल खाना चाहिए या नहीं?
प्रेगनेंसी में चावल कैसे और कितना खाएं?
प्रेगनेंसी में चावल खाने के फायदे | Pregnancy me chawal khane ke fayde
प्रेगनेंसी में चावल से होने वाले नुकसान
प्रेगनेंसी में चावल के सेवन से जुड़ी सावधानियां

किसी भी महिला के लिए गर्भावस्था उसके जीवन का सबसे सुखद पल होता है। इस समय उन्हें अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस दौरान हल्की-सी भी चूक गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है। वहीं, बात अगर खानपान से जुड़ी हो, तो महिलाओं को और भी अधिक सतर्क रहने के लिए कहा जाता है। इसी क्रम में हम प्रेगनेंसी में चावल खाने से जुड़ी जानकारी आपके साथ साझा कर रहे हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में जानिए गर्भावस्था में चावल खाना कितना सुरक्षित है। इसके फायदे और नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं, ये इस लेख में विस्तारपूर्वक बताया गया है।
सबसे पहले जान लेते हैं कि प्रेगनेंसी में चावल कितना सुरक्षित है।
प्रेगनेंसी में चावल खाना चाहिए या नहीं?

जी हां, प्रेगनेंसी के दौरान चावल का सेवन किया जा सकता है। इसमें वाइट और ब्राउन दोनों प्रकार के राइस शामिल हैं। इस बात की पुष्टि एक शोध में होती है, जिसमें गर्भवती महिलाओं के लिए तैयार किए गए आहारों की सूची में दोनों चावल को भी शामिल किया गया है (1)। दरअसल, चावल कार्बोहाइड्रेट का एक स्रोत माना जाता है। शरीर में जाने के बाद यह ऊर्जा में तब्दील हो जाता है, जो मां के साथ-साथ बच्चे के विकास के लिए भी लाभकारी हो सकता है (2)।

अब जानें, गर्भावस्था के दौरान चावल कैसे खा सकते हैं और इसकी मात्रा क्या होनी चाहिए।
प्रेगनेंसी में चावल कैसे और कितना खाएं?

गर्भावस्था के दौरान एक दिन में 9 से 11 सर्विंग चावल का सेवन किया जा सकता है (2)। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, गर्भवती महिलाएं एक दिन में आधा कप पके हुए चावल का सेवन कर सकती हैं (3)।

अगर बात आती है चावल के सेवन के तरीकों की, तो इसे निम्न प्रकार से खा सकते हैं :

चावल को उबालकर खा सकते हैं।
चावल की खिचड़ी बना कर भी खा सकते हैं।
चावल से पुलाव भी बनाकर खा सकते हैं।
चावल की खीर भी बनाई जा सकती है।

चलिए अब चावल खाने के फायदों को जान लीजिए।
प्रेगनेंसी में चावल खाने के फायदे | Pregnancy me chawal khane ke fayde

गर्भावस्था के दौरान चावल खाने के फायदे, इस प्रकार हैं :

1. एनर्जी से भरपूर : गर्भावस्था के दौरान चावल का सेवन शरीर में ऊर्जा के स्तर के बनाए रखने में मदद कर सकता है। जैसा कि हमने लेख में बताया कि चावल को कार्बोहाइड्रेट का मुख्य स्रोत माना गया है। शरीर में जाने के बाद यह एनर्जी में परिवर्तित हो जाता है, जो गर्भवती महिला के साथ-साथ भ्रूण के विकास में मददगार हो सकता है (2)। इसके अलावा, डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर भी इसे ऊर्जा का मुख्य स्रोत बताया गया है (3)। यही कारण है कि गर्भावस्था के दौरान कार्बोहाइड्रेट युक्त चावल का सेवन फायदेमंद माना जाता है।
2. मतली से आराम पाने के लिए : गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में मतली की समस्या भी शामिल हो सकती है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध की मानें, तो प्रेगनेंसी के दौरान कई प्रकार के खाद्य पदार्थ (जिनमें चावल भी शामिल है) की कमी के कारण मतली की समस्या गंभीर हो सकती है (4)। ऐसे में चावल का सेवन मतली की समस्या को कुछ हद तक कम करने में प्रभावी साबित हो सकता है।

3. प्रीटर्म बर्थ से बचाव में सहायक : अगर किसी महिला का प्रसव गर्भावस्था के 37 हफ्ते पूरे करने से पहले ही हो जाता है, तो मेडिकल भाषा में उसे प्रीटर्म बर्थ यानी समय से पहले जन्म कहा जाता है। डब्ल्यूएचओ की मानें, तो प्रीटर्म बर्थ, नवजात की मृत्यु से सबसे मुख्य कारणों में शामिल है (5)। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक रिसर्च के मुताबिक, चावल का सेवन इस समस्या के जोखिमों को कुछ हद तक कम करने में मददगार साबित हो सकता है। हालांकि, इसके साथ फलों और सब्जियों के सेवन की भी बात कही गई है (6)। वहीं, इस समस्या से बचाव के लिए अकेले चावल किस हद तक लाभकारी हो सकता है, फिलहाल इस विषय में अभी और रिसर्च किए जाने की आवश्यकता है।

4. अतिरिक्त भूख लगने की इच्छा में कमी : प्रेगनेंसी के दौरान अधिक भूख लगने की इच्छा को कम करने के लिए भी चावल खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। बताया जाता है कि चावल फाइबर से समृद्ध होता है। वहीं, फाइबर पाचन को धीमा कर पेट को अधिक समय तक भरा हुआ महसूस करने में मदद कर सकता है (7)। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान फाइबर से युक्त खाद्य पदार्थ के रूप में चावल का सेवन अतिरिक्त भूख लगने की इच्छा में कमी लाने में सहायक माना जा सकता है।

5. ताकत बढ़ाने के लिए : गर्भवती महिलाओं में ताकत बढ़ाने के लिए भी चावल का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक रिसर्च से होती है। इस शोध में बताया गया है कि कुछ गर्भवती महिलाओं का यह विश्वास है कि गर्भावस्था और प्रसव के दौरान चावल का सेवन करने से उन्हें ताकत मिलती है(8)। हालांकि, इसके पीछे इसका कौन-सा गुण काम करता है, फिलहाल इस बारे में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

6. जन्म दोष के जोखिम को कम करने के लिए : प्रेगनेंसी के दौरान चावल का सेवन जन्म दोष से जुड़े जोखिमों को भी कम करने में भी सहायक हो सकता है। दरअसल, चावल फोलेट से भरपूर होता है (9)। वहीं, एक रिसर्च में जानकारी मिलती है कि गर्भावस्था के पहले और दौरान फोलिक एसिड का सेवन करने से होने वाले बच्चे में मस्तिष्क और रीढ़ से जुड़े जन्म दोष के जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है (10)।

7. एनीमिया से बचाव में सहायक : गर्भावस्था के दौरान चावल का सेवन एनीमिया से बचाव में कुछ हद तक मददगार हो सकता है। दरअसल, चावल में फोलेट के साथ-साथ आयरन की भी मात्रा पाई जाती है (9)। वहीं, शरीर में आयरन की सही मात्रा एनीमिया से बचाव का काम कर सकती है (11)। इसके अलावा, फोलेट लाल रक्त कोशिकाओं (red blood cells) के निर्माण में सहायता करता है, जिससे एनीमिया के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है (10)।

8. कब्ज की समस्या के लिए : प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की समस्या हो सकती है। इस समस्या से राहत पाने के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है (12)। बता दें कि ब्राउन राइस फाइबर से समृद्ध होता है। इसका सेवन कब्ज की समस्या में कुछ हद तक राहत प्रदान कर सकता है (1)।

9. मधुमेह की समस्या के लिए : प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज की स्थिति गर्भावधि मधुमेह कहलाती है (13)। इस समस्या से बचाव के लिए ब्राउन राइस खाना फायदेमंद हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में बताया गया है कि ब्राउन राइस के सेवन से ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मददगार साबित हो सकता है, जिससे मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है (14)।

10. नींद की समस्या के लिए : प्रेगनेंसी के दौरान नींद की समस्या गर्भवती महिलाओं में आम मानी जाती है (15)। ऐसे में ब्राउन राइस का सेवन इस समस्या को कम करने में कारगर साबित हो सकता है। दरअसल, अंकुरित ब्राउन राइस में गामा-एमिनोब्यूटिरिक एसिड (gamma-aminobutyric acid – एक प्रकार का न्यूरोट्रांसमीटर) मौजूद होता है, जो नींद में सुधार ला सकता है और सोने की अवधि को बढ़ाने में सहायता कर सकता है (16)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि ब्राउन राइस का सेवन गर्भावस्था में होने वाली नींद की समस्या में लाभकारी साबित हो सकता है।

11. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए : गर्भावस्था के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए भी ब्राउन राइस के फायदे देखे जा सकते हैं। इससे संबंधित एक शोध में साफतौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि अंकुरित ब्राउन राइस, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दे सकता है। इसके पीछे इसमें मौजूद गामा-एमिनोब्यूटिरिक एसिड का प्रभाव देखा जा सकता है (16)। यही वजह है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए ब्राउन राइस खाना फायदेमंद माना जाता है।

12. उच्च रक्तचाप के लिए : गर्भावस्था के दौरान होने वाली जेस्टेशनल हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप की समस्या को कम करने में भी ब्राउन राइस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जैसा कि हमने लेख में बताया कि ब्राउन राइस में गामा-एमिनोब्यूटिरिक एसिड मौजूद होता है। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में बताया गया है कि गामा-एमिनोब्यूटिरिक एसिड ब्लड प्रेशर को कम करने में कुछ हद तक कारगर साबित हो सकता है (16)। ऐसे में यह माना जा सकता है कि गर्भावस्था के दौरान ब्राउन राइस का सेवन हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकता है।

चावल खाने के फायदों को जानने के बाद इससे जुड़े नुकसानों को भी जानना जरूरी है।
प्रेगनेंसी में चावल से होने वाले नुकसान

अधिक मात्रा में किसी भी चीज का सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। चावल के मामले में भी यह बात लागू होती है। इसलिए, जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं सीमित मात्रा में ही चावल का सेवन करें, नहीं तो इसके कुछ हानिकारक प्रभाव सामने आ सकते हैं, जो इस प्रकार हैं :

अधिक मात्रा में सफेद चावल का सेवन मधुमेह के जोखिम को 17 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है (17)।
इसके अलावा, सफेद चावल का अधिक मात्रा में सेवन करने से मेटाबॉलिक सिंड्रोम (हृदय रोग, स्ट्रोक, और मधुमेह को बढ़ाने वाले जोखिम कारकों का समूह) के जोखिम को बढ़ा सकता है (18)।
वहीं, ब्राउन राइस में आर्सेनिक की मात्रा अधिक होती है। ऐसे में अधिक मात्रा में इसका सेवन भ्रूण के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
हालांकि, इस विषय में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है (19)।
इसके अलावा, चावल में मौजूद आर्सेनिक मतली, उल्टी और दस्त की समस्या के साथ-साथ निर्जलीकरण और शॉक यानी सदमे को बढ़ा सकता है (20)।
इसके अलावा, अधिक मात्रा में आर्सेनिक स्किन, मूत्राशय और लंग्स कैंसर का कारण बन सकता है (21)।
यही नहीं, अधिक मात्रा में आर्सेनिक मस्सों का कारण बनने के साथ-साथ मृत्यु का कारण भी बन सकता है (22)।

लेख के अंत में हम बताएंगे गर्भावस्था के दौरान चावल के सेवन से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।
प्रेगनेंसी में चावल के सेवन से जुड़ी सावधानियां

गर्भावस्था के दौरान चावल खाने के फायदे और नुकसान के बारे में तो हम लेख में बता ही चुके हैं। चलिए, अब जरा इसके सेवन से जुड़ी सावधानियों पर भी गौर कर लेते हैं :

बाजार से चावल खरीदते समय ध्यान रखें कि वह ऑर्गेनिक हो, उसमें किसी प्रकार के कीटनाशक या रसायन का उपयोग न किया गया हो।
गर्भावस्था के दौरान हमेशा पके चावल का ही सेवन करें।
चावल को पकाने से पहले उसे अच्छे से साफ कर लें।

इस लेख को पढ़ने के बाद गर्भावस्था के दौरान चावल खाने के फायदों को अब आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे। ऐसे में अब एक गर्भवती महिला बेझिझक चावल को अपने आहार में शामिल कर सकती है और इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ हासिल कर सकती है। वहीं, चावल की मात्रा का भी ध्यान जरूर रखें, नहीं तो इससे बताए गए चावल के नुकसान सामने आ सकते हैं। गर्भावस्था से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।

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