प्लेसेंटा क्या होता है?pregnancytips.in

Posted on Wed 8th Jun 2022 : 11:35

प्लेसेंटा क्या है और इसका काम क्या है? - What is the placenta and what is its role in Hindi
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प्रेगनेंसी के दौरान प्लेसेंटा की अहम भूमिका होती है. यह एक प्रकार का अस्थाई अंग होता है, जो सिर्फ प्रेगनेंसी के दौरान ही बनता है. गर्भ में शिशु के पालन-पोषण के लिए इसका होना जरूरी है. यह शिशु को हेल्दी रखने और उसे हर तरह से सपोर्ट करने का काम करता है. अगर यह कहा जाए कि प्लेसेंटा होने वाले शिशु के लिए लाइफ लाइन है, तो गलत नहीं होगा.
प्लेसेंटा क्या है?
प्लेसेंटा किस तरह काम करता है?
प्लेसेंटा कब बनता है?
प्लेसेंटा कब काम शुरू करता है?
क्या प्लेसेंटा अपनी जगह से हिल सकता है?
प्लेसेंटा का निर्माण किस जगह होता है?
प्लेसेंटा कैसा नजर आता है?
सारांश

प्लेसेंटा क्या है और इसका काम क्या है? के डॉक्टर
प्लेसेंटा क्या है?

जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसके यूट्रस में एक अन्य अंग का निर्माण होता है, जिसे प्लेसेंटा कहा जाता है. यह एक प्रकार से अस्थाई अंग होता है, जो सिर्फ प्रेगनेंसी तक ही रहता है. आइए, प्लेसेंटा के बारे में विस्तार से जानते हैं -

यह पैनकेक आकार का एक ऑर्गन होता है, जो यूट्रस की दीवारों के अंदर विकसित होता है. यह ऑर्गन यूट्रस के टॉप, साइड, सामने या पीछे अटैच रहता है.
प्रेगनेंसी के अंतिम चरण में यह 9 इंच डायमीटर का हो जाता है.
यही ऑर्गन बच्चे को अंबिलिकल कॉर्ड के जरिए जोड़ता है.
प्लेसेंटा की दो साइड होती हैं. मां के तरफ की साइट गहरे लाल रंग का होती है, जबकि शिशु के तरफ से प्लेसेंटा चमकदार और लगभग पारदर्शी होता है.


प्लेसेंटा किस तरह काम करता है?

प्लेसेंटा अंबिलिकल कॉर्ड के जरिए कनेक्ट होकर काम करता है और बच्चे को हर तरह से सपोर्ट करने का काम करता है. आइए, विस्तार से जानते हैं कि प्लेसेंटा किस तरह काम करता है -

प्लेसेंटा हानिकारक पदार्थों व कार्बन-डाई-ऑक्साइड को शिशु के पास से हटाता है.
गर्भ में पर रहे शिशु को प्लेसेंटा के जरिए ही जरूरी ऑक्सीजन व पोषक तत्व मिलते हैं.
प्लेसेंटा के जरिए एस्ट्रोजन, प्रोजेस्ट्रोन, ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन हार्मोन का निर्माण होता है, जो शिशु के विकास में फायदेमंद साबित होते हैं.
कुछ मामलों में प्लेसेंटा यूट्रस के निचले हिस्से से अटैच हो सकता है. जब ऐसा होता है, तो इसे लो लाइंग प्लेसेंटा कहा जाता है.
प्लेसेंटा मां के रक्तप्रवाह से एंटीबॉडी को लेकर गर्भ में पल रहे शिशु तक पहुंचाता है, जो उसे उसका पहला टीकाकरण होने तक तमाम इंफेक्शन से सुरक्षित रखता है.
बच्चे की हर तरह से सुरक्षा करने में प्लेसेंटा ही मदद करता है.


प्लेसेंटा कब बनता है?

गर्भधारण करने के लगभग 7 से 10 दिन के बाद गर्भवती महिला के गर्भाशय में निषेचित अंडे के प्रत्यारोपण होने के बाद प्लेसेंटा बनना शुरू हो जाता है. यह भ्रूण को सहारा देने के लिए पूरी गर्भावस्था के दौरान बढ़ता रहता है. शुरुआत में प्लेसेंटा कुछ कोशिकाओं के रूप में शुरू होता है और गर्भावस्था के अंत तक कई इंच लंबा हो जाता है.


प्लेसेंटा कब काम शुरू करता है?

प्लेसेंटा पहली तिमाही (गर्भावस्था के 12वं सप्ताह) के अंत तक हार्मोन का उत्पादन शुरू कर देता है. इस समय तक कॉर्पस ल्यूटियम ही हार्मोन का उत्पादन करता है. प्लेसेंटा के हार्मोन उत्पादन की प्रक्रिया शुरू कर देने के बाद अधिकतर गर्भवती महिलाओं के मतली और थकान के लक्षण कम होने लगते हैं.


क्या प्लेसेंटा अपनी जगह से हिल सकता है?

प्लेसेंटा सिर्फ इसलिए हिलता हुआ प्रतीत होता है, क्योंकि प्रेगनेंसी और भ्रूण के बढ़ने के साथ-साथ गर्भाशय का आकार भी बढ़ता जाता है. डॉक्टर गर्भावस्था के 20वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड के जरिए प्लेसेंटा की जगह चेक करते हैं और यह जानने का प्रयास करते हैं कि कहीं प्लेसेंटा में कोई समस्या तो नहीं है. अधिकतर मामलों में गर्भावस्था के 32वें सप्ताह तक प्लेसेंटा गर्भाशय के ऊपर या बगल में चले जाते हैं.


प्लेसेंटा का निर्माण किस जगह होता है?

प्लेसेंटा महिला के गर्भाशय में कहीं भी बन सकता है. गर्भाशय की लाइनिंग में जिस जगह निषेचित अंडा प्रत्यारोपित होता है, प्लेसेंटा वहीं विकसित होने लगता है. प्लेसेंटा की मुख्य पोजीशन निम्न प्रकार से हैं -

पोस्टीरियर प्लेसेंटा - ये प्लेसेंटा गर्भाशय की पिछली लाइनिंग पर बढ़ता है.
एंटीरियर प्लेसेंटा - जब प्लेसेंटा पेट के सबसे करीब गर्भाशय की सामने की लाइनिंग पर बढ़ता है.
फंडल प्लेसेंटा - ये प्लेसेंटा गर्भवती महिला के गर्भाशय के शीर्ष पर बढ़ता है.
लेटरल प्लेसेंटा - जब प्लेसेंटा अंडा फर्टिलाइजेशन के बाद गर्भाशय की दाईं या बाईं लाइनिंग के साथ जुड़ता है, तो प्लेसेंटा भी वहीं बनता है. इस अवस्था को लेटरल प्लेसेंटा कहते हैं.

गर्भावस्था के लगभग 32वें सप्ताह तक प्लेसेंटा ऊपर की ओर बढ़ सकता है. जैसे-जैसे शिशु बड़ा होता जाता है, वैसे-वैसे प्लेसेंटा का गर्भाशय ग्रीवा से ऊपर और दूर जाना सामान्य है.


प्लेसेंटा कैसा नजर आता है?

प्लेसेंटा रक्त वाहिकाओं से भरपूर उभरे हुए टिश्यू की एक डिस्क की तरह नजर आता है, जिस कारण ये गहरे लाल रंग का दिखाई देता है. अधिकांश मैच्योर हो चुके प्लेसेंटा टिश्यू रक्त वाहिकाओं से बने होते हैं. ये गर्भनाल के माध्यम से बच्चे के साथ जुड़ते हैं.


सारांश

प्रेगनेंसी के दौरान यूट्रस में एक अस्थाई अंग बन जाता है, जिसे प्लेसेंटा कहा जाता है. यह गर्भ में पल रहे बच्चे को हर तरह से सपोर्ट करता है. कई बार बच्चे या उसकी मां को बुखार या अन्य कोई बीमारी होने पर डॉक्टर पैथोलॉजिस्ट से प्लेसेंटा का टेस्ट करने के लिए कह सकता है. यदि शिशु प्रीमैच्योर पैदा हुआ है या अपनी उम्र के अनुसार छोटा है, तो भी प्लेसेंटा का टेस्ट कराया जा सकता है.

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