बच्चा घुटनों के बल कब चलता है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:30

शिशु घुटनों के बल चलना कब शुरु करते है?

आपका शिशु छह और नौ माह की उम्र के बीच घुटनों के बल चलना शुरु कर सकता है। एक साल का होने तक वह शायद काफी अच्छी तरह से घुटनों के बल चल रहा होगा और अपने आसपास की चीजों को देख व समझ रहा होगा।

यह ध्यान रखें कि कुछ शिशु घुटनों के बल कभी नहीं चलते, इसकी बजाय वे नितंबों से घिसटना शुरु करते हैं। कुछ अन्य शिशु सीधे ही खड़े होने के प्रयास करने लगते हैं, खड़े हो जाते हैं और चलना शुरु कर देते हैं। महत्वपूर्ण यह है कि आपका शिशु चलने-फिरने लगे, चाहे वह किसी भी तरीके से हो।
बच्चे घुटनों के बल चलना कैसे सीखते हैं?
छह से सात महीने का शिशु
पेट के बल लेटे रहने से शिशु की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं और इसके बाद ही वह घुटनों के बल चलना सीखता है। छह महीने का हो जाने तक वह छोटे पुश-अप करने में सक्षम होगा। वह पेट के बल लेटकर अपनी बाजुओं के सहारे से सिर और छाती ऊपर उठा सकेगा।

आपका शिशु घुटनों के बल चलने की शुरुआत कमांडो की तरह घिसटकर (कमांडो क्रॉलिंग) कर सकता है। इसमें वह पेट के बल लेटे हुए अग्र बाजू के सहारे खुद को आगे घसीटता है। इसके बाद वह अपने हाथों और घुटनों के बल आकर आगे और पीछे की ओर हिलना शुरु कर सकता है। इस स्थिति में उसकी बाजू एकदम सीधी होंगी और उसका शरीर फर्श के समानांतर होगा।

आठ महीने से 10 महीने का शिशु
करीब आठ माह का होने तक आपका शिशु शायद बिना किसी सहारे के स्वयं अच्छे से बैठ सकेगा। बैठी अवस्था से ही वह हाथों और घुटनों के बल वाली मुद्रा में आने का प्रयास करेगा। उसकी बाजू, टांग और पीठ की मांसपेशियां इतनी मजबूत हो चुकी होंगी, कि वह फर्श पर गिरने से बच सके।

इसके बाद शिशु यह जानेगा कि घुटनों के बल थोड़ा सा आगे बढ़ने से वह आसानी से और आगे चल सकता है। शुरुआत में हो सकता है कि वह आगे बढ़ने की बजाय पहले पीछे की ओर जाने लगे। इस तरह वह जिस खिलौने को लेने के लिए आगे बढ़ना चाहता है, उससे और दूर हो जाता है। जल्दी ही वह घुटनों के बल वाली स्थिति से फिर से बैठने वाली स्थिति में आना सीख लेगा।

आपका शिशु आगे बढ़ने के लिए क्रॉस-क्रॉलिंग करना भी सीख सकता है। इसका मतलब है कि वह एक तरफ की बाजू और दूसरी तरफ की टांग को एक साथ आगे बढ़ाकर चलेगा।

एक साल का शिशु
अभ्यास से ही कुशलता आती है और एक साल का होने तक आपका शिशु पूरे आत्मविश्वास के साथ घुटनों के बल चलना शुरु कर सकता है। वह किसी भी चुनौती का सामना करने का तैयार होगा, चाहे वह सीढ़ीयों पर चढ़ना ही क्यों न हो।
शिशु को घुटनों के बल चलने के लिए कैसे प्रेरित कर सकती हूं?
घुटनों के बल चलने में शिशु की मदद के लिए उसे कुछ समय पेट के बल रहने के लिए प्रोत्साहित करें। इस बात के कुछ प्रमाण हैं कि जो शिशु अपने पेट के बल लेटे हुए ज्यादा समय बिताते हैं, वे घुटनों चलना जल्दी सीख लेते हैं।

शिशु के जन्म के बाद से ही आप उसे पेट के बल लिटाना शुरु कर सकती हैं। शुरुआत में बिस्तर पर लिटाने की बजाय उसे अपनी बाजुओं में ही पेट के बल रखें। उसे रग्बी होल्ड की तरह थामें, जिसमें शिशु आपकी अग्रबाजू पर मुंह नीचे की तरफ करके पेट के बल लेटा होता है।

आप खुद थोड़ा पीछे की तरफ होकर शिशु को अपनी छाती पर पेट के बल लिटा सकती हैं। शुरुआत में केवल एक या दो मिनट तक ही उसे पेट के बल लिटाएं और फिर धीरे-धीरे यह समय बढ़ाएं।

जब आपका शिशु तीन से चार महीने का हो, तो आप उसे जमीन पर पेट के बल ज्यादा समय तक रहने दे सकती हैं। उसे अपनी बाजुओं से उपर उठने के लिए प्रोत्साहित करें, क्योंकि इससे वे मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जिनकी जरुरत उसे घुटनों के बल चलने के लिए होती है। शिशु के उपर उसका कोई पसंदीदा खिलौना हिलाएं, ताकि उस तक पहुंचने के लिए शिशु को घुटनों के बल चलने के लिए प्रेरित किया जा सके।

शिशु को ज्यादा समय गोद में न उठाए। अधिकांश घरों में शिशु को माता-पिता, दादा-दादी या फिर आया द्वारा ज्यादातर समय गोद में उठाए रखना आम है। मगर इसका मतलब यह भी है कि आपका शिशु जमीन पर कम समय बिताएगा। अपने परिवार के सदस्यों और जो भी शिशु की देखभाल करता हो, उनसे बात करें। शिशु को नई चीजों को देखने-समझने और नए कौशल सीखने का पर्याप्त समय दें, मगर हमेशा शिशु के आसपास रहकर उसपर नजर रखें।

जब आपका शिशु घुटनों चलना शुरु कर देता है, तो उसे उसकी इच्छानुसार जमीन पर घूमने दें। वह ऊर्जा से भरपूर होगा और नई चीजों को देखना-खोजना चाहेगा। काफी देर घुटनों के बल चलना अच्छा व्यायाम है, और इससे थककर शायद वह अच्छी नींद सोए!

खेल के समय को और अधिक मजेदार बनाने और घुटनों के बल चलने में शिशु की मदद के लिए आप कमरे में कुछ बाधा या अवरोध भी लगा सकती हैं, जिसे शिशु को पार करना हो। इसके लिए आप तकिये, डिब्बे और सोफे के कुशन का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे शिशु के आत्मविश्वास, गति और फुर्ती में सुधार होगा। हमेशा अपने शिशु के साथ रहें, ताकि यदि वह किसी मुश्किल में फंसे तो आप उसे देख सकें।
घुटनों के बल चलते शिशु को सुरक्षित कैसे रखा जाए?
घुटनों के बल चलने वाला शिशु काफी शैतानी कर सकता है। ​सुनिश्चित करें कि आपका घर बच्चे के चलने-फिरने के लिए सुरक्षित हो।

यहां कुछ एहतियातों के बारे में दिया गया है, जिन्हें आप घर को शिशु के लिए सुरक्षित बनाने के समय अपना सकती हैं:

सुनिश्चित करें कि फर्श साफ हो। आप नहीं चाहेंगी कि घुटनों के बल चलते हुए शिशु को इधर-उधर पड़े कांच के टुकड़ों, घर के अंदर रखे पौधों की मिट्टी, किरच (स्प्लिंटर) या छोटे खिलौनों से चोट लगे। साथ ही, सुनिश्चित करें कि फर्श में पानी या कोई और तरल पदार्थ न फैला हो, वरना आपका शिशु फिसल सकता है।
शिशु को सीढ़ियों से दूर रखें। आपका शिशु सीढ़ियों की तरफ अवश्य आकर्षित होगा, जैसे कि कोई पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना चाहता हो। मगर सीढ़ियों जितनी अधिक लुभावनी लगती हैं, उतनी ही खतरनाक होती हैं। बेहतर है कि जब तक शिशु अच्छे से चलने नहीं लगे, करीब 18 माह तक, तब तक बेहतर है कि सीढ़ियों के सुरक्षा द्वार बंद रखे जाएं। इसके बाद भी सीढ़ियों पर चढ़ते समय शिशु पर हमेशा नजर बनाए रखें।
शिशु को अन्य खतरनाक जगहों से दूर रखें, जैसे कि ऊंची जगह, पानी की बाल्टी, खुली हुई खिड़की और छज्जे (बाल्कनी) आदि।
जैसे ही शिशु घुटनों के बल चलना या खड़े होने के प्रयास करना शुरु करता है, तो उसके कॉट में रखे खिलौनों और बम्पर को हटा दें। शिशु उनके सहारे खड़ा हो सकता है और कॉट से गिर सकता है।
फर्श पर घुटनों के बल चलने के बाद शिशु के हाथ और पैर अवश्य धोएं। इस समय तक बहुत से शिशुओं के दांत निकल रहे होते हैं और वे बार-बार अपने हाथ मुंह में लेते हैं।
बिजली के सॉकेट को उनके कवर या मोटी टेप से ढक दें। साथ ही अगर घर में बिजली की कोई ढीली तारें हों, तो इन्हें बंधवा लें और शिशु की पहुंच से दूर कर दें।
मच्छर निरोधक (मॉस्किटो रेपेलेंट) उत्पादों या कीटाणुओं को मारने वाले अन्य जहरीले उत्पादों को शिशु की पहुंच से दूर रखें।
प्राथमिक चिकित्सा किट हमेशा तैयार रखें और उसमें सभी जरुरी सामान होना चाहिए। साथ ही आपातकाल संपर्क सूची भी तैयार करके ऐसी जगह रखें, ​जो आसानी से मिल सके।

क्या शिशु को जूते पहनने की जरुरत है?
आपको अभी अपने शिशु के लिए जूते खरीदने की आवश्यकता नहीं है। जब तक वह आत्मविश्वास के साथ चलना शुरु नहीं कर देता या नियमित तौर पर बाहर जाने नहीं लग जाता, तब तक उसे अपने पहले जूतों की जरुरत नहीं है।

घर में शिशु को नंगे पैर घूमने दें। नंगे पैर चलने से शिशु के पैरों की चाप और टांगों की मांसपेशियां मजबूत होने में मदद मिलती है। यह शिशु के लिए संतुलन बनाने में भी आसान रहेगा, क्योंकि नंगे पैर होने से वह फर्श की संरचना को महसूस कर सकेगा।
घुटनों के बल चलने के बाद शिशु की अगली उपलब्धि क्या होगी?
घुटनों के बल चलना सीख जाने के बाद शिशु सीधे खड़े होने और चलने के प्रयास करता है। शुरुआत में वह किसी भी चीज के सहारे से खुद खड़े होने का प्रयास करता है, फिर चाहे वह मेज हो या आपकी टांग।

एक बार जब शिशु अपने पैरों पर संतुलन बनाना सीख जाता है, तो वह अपने आप खड़े होने और फर्नीचर पकड़कर चलने (क्रूजिंग) के लिए तैयार हो जाता है। यह कला सीखने के बाद, वह जल्द ही चलना, दौड़ना, कूदना और छलांग लगाना सीख लेगा।
मेरे 11 माह के शिशु ने अभी तक घुटनों से चलना शुरु नहीं किया है। क्या यह चिंता की बात है?
शिशु अपना कौशल अलग-अलग ढंग से विकसित करते हैं। कुछ काफी जल्दी ऐसा कर लेतें हैं, वहीं कुछ को इसमें समय लगता है। जब आपका शिशु 12 महीने का हो जाए, तो निम्नांकित स्थितियां में डॉक्टर से बात करें, जैसे कि:

आपके शिशु ने चलने-फिरने में अभी तक कोई भी रुचि नहीं दर्शाई है। फिर चाहे वह नितंबों से हिलना हो, घुटनों के बल चलना हो या पलटना हो।
आपका शिशु अभी तक नहीं समझ पाया है कि बाजुओं और टांगों को एक साथ समन्वित तरीके से किस तरह आगे बढ़ाया जाए।
वह अपनी दोनों बाजूओं और दोनों टांगो को समान रूप से इस्तेमाल नहीं कर पाता है।

अगर, आपके शिशु का जन्म समय से पहले हुआ है (37 सप्ताह से पहले), तो ध्यान रखें कि उसे यह सिद्धि या अन्य सिद्धियां हासिल करने में अन्य शिशुओं के मुकाबले अधिक समय लग सकता है।

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