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गर्भ में शिशु के स्वस्थ होने के लेकर हर मां के मन में कई तरह की आशंकाएं रहती हैं। प्रेगनेंसी में मिल रहे कुछ संकेतों की मदद से आप जान सकती हैं कि गर्भ में बच्चा स्वस्थ है या नहीं।
गर्भावस्था के दौरान मां को ऐसे कई संकेत मिलते हैं जो ये बताते हैं कि गर्भ के अंदर शिशु बिल्कुल स्वस्थ है। वहीं गर्भस्थ शिशु को किसी भी तरह के खतरे से बचाने के लिए यह जानना जरूरी है कि अस्वस्थ भ्रूण से अलग स्वस्थ भ्रूण के होने पर क्या संकेत मिलते हैं।यदि भ्रूण में कोई समस्या हुई तो मिसकैरेज हो सकता है। अस्वस्थ शिशु होने की स्थिति में मिसकैरेज होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है और ऐसा प्रेगनेंसी 20वें हफ्ते से पहले होता है।शिशु की मूवमेंट
गर्भावस्था के लगभग पांच महीने के आसपास शिशु गर्भ में मूव करना शुरू कर देता है। छह महीने का गर्भस्थ शिशु आवाज सुनने पर मूवमेंट या झटके वाली मूवमेंट करने लगता है जो कि शिशु को हिचकी आने का संकेत हो सकता है।
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सातवें महीने के आसपास शिशु दर्द, आवाज और रोशनी पर भी प्रतिक्रिया देना शुरू कर सकता है। आठवें महीने के बाद शिशु अक्सर अपनी पोजीशन बदल लेते हैं और ज्यादा किक मारते हैं। 9 महीने के गर्भस्थ शिशु के पास गर्भाशय में जगह कम होती है इसलिए इस समय डॉक्टर आपको शिशु की मूवमेंट जैसे कि कितनी बार किक मारता है और अन्य बदलाव नोट करने के लिए कह सकते हैं।पेट का आकार
प्रेगनेंसी के दौरान समय गुजरने के साथ साथ महिलाओं के पेट के आकार में भी बदलाव आता है। यदि महिला का पेट प्रेगनेंसी के साथ बढ़ रहा है तो यह स्वस्थ गर्भावस्था का संकेत है। पेट का आकार तभी बढ़ता है जब गर्भ के अंदर शिशु बढ़ रहा हो और उसका विकास हो रहा है।
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ब्रेस्ट में बदलाव
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं की ब्रेस्ट में कई तरह के बदलाव आते हैं जो कि हार्मोनल बदलाव की वजह से होता है। स्तनों के आकार में परिवर्तन आना इस बात का संकेत है कि शरीर में हार्मोनल बदलाव हो रहे हैं और आप हेल्दी प्रेगनेंसी की ओर हैं।
इसके अलावा प्रेगनेंसी में मॉर्निंग सिकनेस भी होती है। कुछ महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस ज्यादा होती है तो कुछ को कम। यह समस्या हेल्दी प्रेगनेंसी का संकेत होता है लेकिन अगर किसी प्रेगनेंट महिला को बिल्कुल भी मॉर्निंग सिकनेस नहीं हो रही है तो यह चिंता का विषय हो सकता है।डिलीवरी से पहले शिशु का कम मूव करना
डिलीवरी से पहले शिशु पूरी तरह से विकसित हो चुका होता है और नौवे महीने में गर्भ के अंदर मूव करने के लिए उसके पास पर्याप्त जगह नहीं होती है। ऐसे में शिशु कम मूवमेंट करता है जो कि चिंता का विषय नहीं है। इस समय शिशु स्वयं को डिलीवरी के लिए तैयार कर रहा होता है। यदि इस दौरान प्रेगनेंट महिला को शिशु की धड़कन कम महसूस हो रही है तो यह अच्छा संकेत नहीं है।प्रेगनेंसी के पांचवे हफ्ते के आसपास शिशु का दिल धड़कन शुरू कर देता है। प्रेगनेंसी की पहली तिमाही के अंत में इलेक्ट्रॉनिक फीटल मॉनिटरिंग से आसानी से बच्चे की धड़कन महसूस कर सकती हैं।
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