बच्चे को कितने महीने बाद पानी पिलाया जाता है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:30

स्‍तनपान करने वाले बच्‍चों को अलग से पानी पीने की जरूरत नहीं होती है क्‍योंकि मां के दूध में ही 80 फीसदी से ज्‍यादा पानी होता है और इसी से शिशु को आवश्‍यक तरल पदार्थ मिल जाते हैं। वहीं, बोतल से दूध पीने पर फॉर्मूला मिल्‍क से शिशु का शरीर हाइड्रेट रहता है।


ये तो सभी जानते हैं कि शिशु को ठोस आहार किस उम्र से खिलाना शुरू करना चाहिए। लेकिन बच्‍चों को पानी पिलाना कब शुरू करना चाहिए? इसके बारे में लोगों को स्‍पष्‍ट जानकारी नहीं है।


शिशु की उम्र, भोजन की मात्रा और एक्टिविटीज पर निर्भर करता है कि बच्‍चों को कब और कितना पानी पिलाना है।

बच्चों को पानी कब पिलाना चाहिए
विशेषज्ञों की मानें तो ठोस आहार शुरू करने तक बच्‍चे को पानी नहीं देना चाहिए। छह महीने के बच्‍चे को ठोस आहार देना शुरू किया जाता है। पानी पिलाना शुरू करने के लिए यह समय सही होता है। बच्‍चे को पानी पिलाने के कुछ समय बाद आप उसे सिपी कप दें क्‍योंकि कप से बच्‍चे ज्‍यादा पानी नहीं पीते हैं।
लॉकडाउन में नहीं लगवा पाएं हैं बच्‍चे को वैक्‍सीन तो अब क्‍या करें

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बच्‍चे को वैक्‍सीन लगवाना बहुत जरूरी है लेकिन इस कोरोना काल में बच्‍चों के लिए सबसे सुरक्षित जगह घर है। आप अपने डॉक्‍टर से बात करें कि कैसे बच्‍चे को वैक्‍सीन लगवा सकते हैं और वैक्‍सीन मिस होने पर क्‍या समाधान हो सकता है? डॉक्‍टर आपको बताएंगे कि कब और किस समय आप अपने बच्‍चे को वैक्‍सीन लगवा सकते हैं?


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अगर आपने लॉकडाउन के दौरान कोई वैक्‍सीन मिस कर दिया है तो इससे बच्‍चे का पूरा वैक्‍सीनेशन शेड्यूल खराब हो सकता है। हालांकि, आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन वैक्‍सीन मिस होने पर नए दिशा‍ निर्देश लेकर आया है। आप अपने डॉक्‍टर से बात कर यह तय कर सकते हैं कि अब कैसे और कब बच्‍चे को मिस हुआ वैक्‍सीन लगवाना है।

अगर बच्‍चे को लॉकडाउन की वजह से समय पर वैक्‍सीन नहीं लग पाया है तो इसका ये मतलब बिल्‍कुल नहीं है कि आपका बच्‍चा कोरोना की चपेट में आ सकता है। वैक्‍सीनेशन शेड्यूल का कोविड-19 से कोई संबंध नहीं है। वैक्‍सीन सिर्फ इंफेक्‍शन से बचाती हैं।


देश के कई शहरों में अभी भी तेजी से कोरोना संक्रमित लोगों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में बच्‍चों को अस्‍पताल ले जाकर वैक्‍सीन लगवाना सुरक्षित नहीं होगा। वैसे भी अस्‍पताल में इंफेक्‍शन फैलने का खतरा ज्‍यादा होता है, इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने बच्‍चे को घर पर ही रखें।

डॉक्‍टर से बात करें और पूछें कि वैक्‍सीन लगवाना ज्‍यादा जरूरी है, तो आप किस तरह अपने बच्‍चे को टीका लगवा सकते है
जन्‍म के तुरंत बाद शिशु को बीसीजी, ओपीवी0 और हेपेटाइटिस बी का टीका लगता है। छह महीने के बच्‍चे को ओपीवी 1, रोटा 1, एफआईपीवी 1 और पेंटावेलेंट 1 का वैक्‍सीन लगवाना चाहिए।12वें हफ्ते में ओपीवी 2, रोटा 2 और पेंटावेलेंट 2 दिया जाता है।जब शिशु 14 हफ्ते का हो जाता है, तब उसे ओपीवी, रोटा 3, एफआईपीवी 2 और पेंटावेलेंट 3 का शॉट दिया जाता है। नौ महीने के बच्‍चे को एमसीवी 1 और विटामिन ए का डोज दिया जाता है।सोलह महीने से दो साल तक के बच्‍चे को डीपीटी बी, ओपीवी बी, एमसीवी 2 का वैक्‍सीन और विटामिन ए की खुराक दी जाती है।

छह से 12 महीने के बच्‍चे के लिए पानी
छह महीने के बच्‍चे को जब मां के दूध या फॉर्मूला मिल्‍क के साथ बच्‍चे को रोज 118.294 मिली से ज्‍यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। अगर आपका बच्‍चा बहुत ज्‍यादा एक्टिव रहता है तो आप उसे कभी-कभी ज्‍यादा पानी पिला सकते हैं।

12 महीने से अधिक उम्र के बच्‍चे के लिए पानी
12वें महीने में शिशु को दिन में सोलह औंस कम दूध पीता है। इस समय तक आप बच्‍चे को नाश्‍ते, लंच और डिनर में अलग अलग चीजें खिला सकते हैं। दूध कम पीने, अलग अलग तरह के फूड खाने और ज्‍यादा एक्टिविटी करने की वजह से शिशु को अब पानी पीने की जरूरत भी ज्‍यादा ही होगी।

यूनाइटेड स्‍टेटस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्‍चर के अनुसार, बच्‍चों को रोज लगभग 1.3 लीटर पानी की जरूरत होती है। इसमें दूध, फूड और अन्‍य स्रोतों से मिलने वाला पानी शामिल है।

छह महीने से पहले पानी क्‍यों न दें
इस समय शिशु के लिए संपूर्ण आहार मां का दूध ही होता है। इसके अलावा उन्‍हें किसी और चीज की जरूरत नहीं होती है। अगर आप शिशु को पानी भी पिलाते हैं, इससे हो सकता है कि वो दूध कम पिएं।
इसके कारण बच्‍चों के सही विकास में बाधा आ सकती है। कम समय में ज्‍यादा पतला फॉर्मूला मिल्‍क देने या अधिक पानी देने की वजह से भी बच्‍चे की तबियत खराब हो सकती है।

बच्‍चों को उबला पानी दे सकते हैं
जी हां, बच्‍चों के लिए उबला हुआ पानी अच्‍छा होता है। पानी को उबालने से उसमें मौजूद कीटाणु नष्‍ट हो जाते हैं और संक्रमण का खतरा भी कम होता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्‍स के अनुसार, बच्‍चों को साफ और फिल्‍टर्ड पानी ही पिलाना चाहिए। बच्‍चों को गंदा पानी पिलाने से उन्‍हें कई बीमारियों का खतरा हो सकता है, इसलिए बहुत जरूरी है कि आप अपने बच्‍चे को साफ पानी ही पिलाएं।

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