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रात को तेज बुखार के साथ बच्चे को हो रही है ये प्रॉब्लम, तो तुरंत भागे अस्पताल
बच्चों में बुखार वायरल और बैक्टीरियल बीमारी जैसे कि फ्लू, जुकाम, कान में इंफेक्शन, ब्रोंकाइटिस और यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का एक लक्षण हो सकता है।
बुखार आना, यह बताता है कि हमारा शरीर बीमारी या इंफेक्शन से लड़ रहा है। यह सफेल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को उत्तेजित कर शरीर की रक्षा कर रहा होता है। नींद के दौरान यह फीवर रिस्पॉन्स और बेहतर हो जाता है। इसका मतलब है कि जब सोते समय बुखार बढ़ रहा होता है, तो आपका शरीर इंफेक्शन से लड़ने के लिए और ज्यादा एक्टिव होकर काम कर रहा होता है।
बच्चे को रात के समय बुखार आए तो पेरेंट्स को क्या करना चाहिए?
क्या करें
बुखार के कारण बच्चे को बहुत असहज महसूस होता है इसलिए आपको कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे उसे आराम मिले या थोड़ा अच्छा महसूस हो सके। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार शिशु या टॉडलर को बुखार आने पर पेरेंट्स कुछ उपाय कर सकते हैं। आगे जानें कि बच्चे को रात के समय बुखार चढ़ने पर आप किस तरह उसकी देखभाल कर सकते हैं।
खूब पानी पिलाएं
हो सकता है कि बुखार के कारण शरीर से फ्लूइड्स कम होने लगे और बच्चा डिहाइड्रेट हो जाए। डिहाइड्रेशन की वजह से बच्चे की हालत और बिगड़ सकती है और बुखार की स्थिति खराब भी हो सकती है। इसलिए बुखार आने पर बच्चे को हाइड्रेट रखना जरूरी है।
अगर डिहाइड्रेशन के लक्षण दिख रहे हैं तो आप बच्चे को नारियल पानी पिला सकते हैं। शिशु को ज्यादा से ज्यादा स्तनपान करवाएं।
कम कपड़े पहनाएं
रात हो या दिन जब भी बच्चे को बुखार आता है, तो अक्सर पेरेंट्स उसे मोटे या गर्म कपड़े पहना देते हैं। अगर कमरे का तापमान 70 से 74 डिग्री फारेनहाइट के बीच है तो आप बच्चे को हल्के कपड़े ही पहनाएं। बुखार के इलाज के लिए जबरदस्ती पसीना निकालना सही बात नहीं है।
बुखार कैसे कम करें
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स का कहना है कि आप बच्चे को बुखार कम करने के लिए इबूप्रोफेन दे सकते हैं। यह गोली 6 महीने से बड़े बच्चो को ही दी जाती है। दो महीने से बड़े शिशु को एसेटामिनोफेन दे सकते हैं लेकिन उससे पहले एक बार डॉक्टर से बात करना जरूरी है।
घरेलू उपाय
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की सलाह है कि आप रात के समय बुखार आने पर ऐसे किसी भी घरेलू उपाय को न आजमाएं जिसके प्रभाव का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हो। इससे फायदे की बजाय नुकसान हो सकता है। कहते हैं कि बुखार में ठंडा पानी आराम दिलाता है लेकिन दवा देने से पहले बच्चे को ठंडा स्पंज बाथ देना भी सही नहीं है क्योंकि इससे बच्चे की कंपकंपी छूट सकती है और उसकी बुखार बढ़ भी सकता है।
नींद से कब उठाएं
अगर बुखार होने पर बच्चा सो पा रहा है, तो उसे जगाएं नहीं। दवा देने या बुखार चेक करने क लिए भी न उठाएं। ठीक होने के लिए आराम और अच्छी नींद भी बहुत जरूरी है।
अग दो महीने से छोटे बच्चे का बुखार 100.4 फारेनहाइट से ज्यादा है या 3 से 6 महीने के शिशु को 101 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा फीवर है, 6 महीने से बड़े बच्चे को 102 डिग्री बुखार या दो दिन से ज्यादा हो गए हैं या बच्चे को कंपकंपी हो रही है, सांस लेने में दिक्कत आ रही है, आंखें नहीं घुमा पा रहा है, तो आप उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
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