Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
छह माह तक के बच्चों को ज्यादातर महिलाएं लेटकर दूध पिलाती है। इससे बच्चों के कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है। इलाज में लापरवाही से उसकी सुनने की शक्ति कम हो सकती है। इस बात की जानकारी सेक्रेड हार्ट अस्पताल की नाक, कान व गले के रोगों की माहिर डा. सपना भारद्वाज ने जालंधर अकादमी आफ पीडियाट्रिक्स की ओर से आयोजित सेमिनार के दौरान दी। डा. सपना ने बताया कि बच्चो मे कान से संबंधित ज्यादातर बीमारियां लेटकर दूध पिलाने से ही होती है। इसके साथ गले की इंफेक्शन का भी खतरा बना रहता हैं। उन्होंने बताया कि पहले छह माह के लिए मां का दूध ही उपयोगी हैं व बच्चे को गोद में लेकर सिर ऊंचा रख दूध पिलाना चाहिए। लेट कर दूध पिलाना एक गलत तरीका हैं। लगातार ऐसे करने से दिमाग भी नुकसान पहुंचने का खतरा बना रहता है। इसके उपरांत आइएमए स्पोर्ट्स मीट में विजेता रही क्रिकेट टीम को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया। टीम के कप्तान रोहित चोपड़ा व टीम के सदस्यों को डा. एमएस भूटानी ने गोल्ड मेडल भेंट किया।
छह माह तक के बच्चों को ज्यादातर महिलाएं लेटकर दूध पिलाती है। इससे बच्चों के कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है। इलाज में लापरवाही से उसकी सुनने की शक्ति कम हो सकती है। छह माह तक के बच्चों को ज्यादातर महिलाएं लेटकर दूध पिलाती है। इससे बच्चों के कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है। इलाज में लापरवाही से उसकी सुनने की शक्ति कम हो सकती है। छह माह तक के बच्चों को ज्यादातर महिलाएं लेटकर दूध पिलाती है। इससे बच्चों के कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है। इलाज में लापरवाही से उसकी सुनने की शक्ति कम हो सकती है। छह माह तक के बच्चों को ज्यादातर महिलाएं लेटकर दूध पिलाती है। इससे बच्चों के कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है। इलाज में लापरवाही से उसकी सुनने की शक्ति कम हो सकती है। छह माह तक के बच्चों को ज्यादातर महिलाएं लेटकर दूध पिलाती है। इससे बच्चों के कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है। इलाज में लापरवाही से उसकी सुनने की शक्ति कम हो सकती है। छह माह तक के बच्चों को ज्यादातर महिलाएं लेटकर दूध पिलाती है। इससे बच्चों के कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है। इलाज में लापरवाही से उसकी सुनने की शक्ति कम हो सकती है। छह माह तक के बच्चों को ज्यादातर महिलाएं लेटकर दूध पिलाती है। इससे बच्चों के कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है। इलाज में लापरवाही से उसकी सुनने की शक्ति कम हो सकती है।
--------------------------- | --------------------------- |