बच्चे गाय का दूध कब पी सकते हैं?pregnancytips.in

Posted on Mon 17th Oct 2022 : 12:23

शिशु के एक साल का होने से पहले उसे गाय का दूध मुख्य पेय के तौर पर नहीं दिया जाना चाहिए।

शिशु जब छह माह का हो जाए, तो उसका खाना बनाने के लिए आप थोड़ी मात्रा में गाय का दूध इस्तेमाल कर सकती हैं। दही, पनीर और हल्की चीज़ भी छह महीने के बाद से शिशु को दी जा सकती हैं। मगर, गाय का दूध मुख्य पेय के तौर पर देने से एक साल का होने से पहले उसे जरुरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।

अपने शिशु के आहार में दूध का गिलास या सिप्पी कप शुरु करने के बाद भी आप स्तनपान जारी रख सकती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह है कि शिशु के दो साल का होने तक उसे स्तनपान कराना जारी रखना चाहिए।

शिशु को गाय का दूध देने के लिए इंतजार क्यों करना चाहिए?
गाय के दूध में शिशुओं के लिए पर्याप्त आयरन नहीं होता। शिशु के एक साल का होने से पहले स्तनदूध की बजाय गाय का दूध देने से, शिशु में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इससे एनीमिया (रक्त में आयरन की कमी) भी हो सकता है।

इन्फेंट फॉर्मूला दूध में गाय के दूध की तुलना में अधिक आयरन और विटामिन होते हैं। इसलिए शिशु के पहले साल में अगर जरुरत हो, तो स्तनदूध के विकल्प के तौर पर इसका इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर है।

साथ ही, शिशु गाय का दूध पूरी तरह या स्तनदूध की तरह आसानी से नहीं पचा स​कते। गाय के दूध में प्रोटीन और खनिज की उच्च सघनता होती है, जिससे शिशु के गुर्दों पर जोर पड़ता है।

गाय के दूध से दूध के प्रति एलर्जी (मिल्क एलर्जी) भी हो सकती है। अगर, आपको संदेह हो कि शिशु को गाय के दूध से एलर्जी या इसके प्रति असहिष्णुता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।

पहले छह माह के बाद, स्तनदूध आयरन का पर्याप्त स्त्रोत नहीं रहता। इसलिए, स्तनपान कराने वाली माताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शिशु के शुरुआती ठोस आहार में पर्याप्त आयरन शामिल हो। इसका मतलब है कि शिशु के आहार में कम वसा वाला लाल मांस (लीन रेड मीट), सब्जियां और ताजे फलों या मेवों का गाढ़ा गूदा (प्यूरी) शामिल करना चाहिए।

एक साल का होने के बाद आपका शिशु गाय का दूध पचाने के लिए तैयार हो जाता है। तब संतुलित ठोस आहार जैसे कि सीरियल्स, सब्जियां, फल और मांस के साथ-साथ शिशु को गाय का दूध देना भी शुरु किया जा सकता है।

एक साल के शिशु को मुझे गाय का कितना दूध देना चाहिए?
शिशु के एक साल का होने के बाद, उसे प्रतिदिन कम से कम 350 मि.ली. और अधिकतम 400 मि.ली. गाय के दूध की आवश्यकता होती है। यह उसे जरुरी प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्निशियम और विटामिन बी12 व बी2 (राइबोफ्लेविन) प्रदान करेगा। इसमें कार्बोहाइड्रेट्स भी है जो बच्चे को दिन भर एक्टिव रहने के लिए ऊर्जा देता है।

शिशु के आहार में दूध की एक महत्वपूर्ण् भूमिका होनी चाहिए, मगर विशेषज्ञों के अनुसार इसे जरुरत से अधिक मात्रा में नहीं दिया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे उसकी ठोस आहार की भूख कम हो सकती है, जिसकी वजह से आयरन और विटामिन जैसे जरुरी पोषक तत्वों के सेवन में कमी आ सकती है।

अगर शिशु दूध नहीं पीना चाहता, तो इसके बदले उसे कैल्शियम समृद्ध भोजन के दो हिस्से खिलाइए।

आप दूध में स्वस्थ भोजन अनुपूरक मिलाने पर भी विचार कर सकते हैं ताकि दूध ज्यादा स्वास्थ्यकर हो और शिशु को अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व मिल सकें। बच्चे की उम्र और विकास को देखते हुए डॉक्टर सही अनुपूरक की सलाह देंगे।

शिशु को गाय का वसा युक्त (फुल क्रीम) दूध देना चाहिए या फिर मलाईरहित (टोंड)? दूध?
यह आपके बच्चे की बढ़त पर निर्भर करता है। आपके डॉक्टर बताएंगे कि बच्चे के लिए सबसे बेहतर क्या है।

लंबे समय तक, मलाई युक्त (फुल क्रीम) या गाय का वसा युक्त दूध ही बेहतर विकल्प माना जाता था। यह इसलिए, क्योंकि शिशु को दूध में मौजूद वसा से मिलने वाली ऊर्जा की जरुरत होती है। वसा में आवश्यक विटामिन ए और डी भी होता है।

मगर, बच्चों में मोटापे की बढ़ती दर को देखते हुए अधिक से अधिक विशेषज्ञ अब मलाईरहित (टोंड) दूध पिलाने की सलाह देने लगे हैं।

शोध भी यही संकेत देते हैं कि, अगर शिशु की जिंदगी के दूसरे साल में टोंड दूध इस्तेमाल किया जाए, तो भी उनके मस्तिष्क विकास में अवरोध या विटामिन की कमी नहीं पाई जाती है।

दूध के विभिन्न प्रकार उपलब्ध हैं और आपके पास इनमें से चुनने के लिए पर्याप्त विकल्प हैं।

अगर आप शिशु को मलाईरहित यानि टोंड दूध देती हैं, तो आपको डॉक्टर से यह सुनिश्चित करना होगा कि क्या उसे आहार में अन्य स्त्रोतों से थोड़ी मात्रा में वसा की जरुरत है या नहीं। वनस्पती तेल, घी और बिना नमक वाले मक्खन वसा के लिए बेहतर विकल्प हैं। मगर भोजन पर इनकी परत न बने या ये भोजन का मुख्य हिस्सा नहीं होना चाहिए।

ध्यान रखें कि आजकल पैकेट वाले दूध की अधिकांश वैरायटी में विटामिन डाले जाते हैं, विशेषकर विटामिन डी। साथ ही, पिछले दशकों की तुलना में अब बच्चे के आहार में वसा के स्त्रोत काफी बढ़ गए हैं।

विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि बच्चे अगर ग्रोथ चार्ट में सामान्य रेंज में हों, तो उन्हें अपनी पर्सेंटाइल रेंज के अंदर ही बढ़ना चाहिए, न कि रेंज से ऊपर बढ़ना चाहिए।

मैं शिशु को गाय का दूध पसंद करने के लिए कैसे प्रोत्साहित कर सकती हूं?
कुछ बच्चे गाय का दूध आसानी से पीने लगते हैं, मगर वही कुछ इसे पीने में आनाकानी करते हैं क्योंकि इसका टेक्सचर, स्वाद और यहां तक की तापमान भी स्तनदूध से अलग होता है।

अगर आपके शिशु को गाय के दूध का स्वाद नापसंद है, तो इसे स्तन दूध या डिब्बाबंद दूध के साथ मिलाकर दें। तीन हिस्से स्तनदूध या फॉर्मूला दूध में एक हिस्सा गाय का दूध मिलाकर देना शुरु करें। हर कुछ दिनों बाद गाय के दूध की मात्रा बढ़ाती रहें। ऐसा तब तक करें, जब तक शिशु आराम से केवल गाय का दूध ही पीने लगे। आप डॉक्टर द्वारा बताया गया कोई स्वास्थ अनुपूरक भी दूध में मिला सकती हैं।

अगर, आपके शिशु को ठंडा दूध पीना पसंद है, तो उसे गर्म दूध देने की जरुरत नहीं है। सुनिश्चित करें कि गाय का दूध अच्छी तरह उबाला और पाश्च्युरिकृत किया गया है। कच्चे दूध में हानिकारक जीवाणु जैसे ई कॉली और साल्मोनेला हो सकते है।

साथ ही, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्तर पर महत्वपूर्ण है कि शिशु की निप्पल वाली बोतल पर निर्भरता को समाप्त किया जाए। इसलिए आप शिशु को मुलायम टोंटी वाले सिप्पी कप या ढक्कन वाले कप में दूध देना शुरु कर सकती हैं।

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