बच्चे सिर नीचे मोड़ के लक्षण?pregnancytips.in

Posted on Thu 15th Apr 2021 : 11:48

गर्भावस्था के दौरान बच्चा हेड डाउन पोजीशन में कब आता है
In this Article
डिलीवरी के दौरान गर्भ में पल रहा बच्चा हेड डाउन पोजीशन में क्यों होना जरूरी है?
हेड डाउन पोजीशन क्या है?
बच्चा हेड डाउन पोजीशन में कब आता है?
आपको कैसे पता चलता है कि बच्चा हेड डाउन पोजीशन में है?
गर्भावस्था के दौरान बच्चे का सिर बर्थ कैनाल की ओर कैसे किया जा सकता है?
यदि आपका बच्चा हेड डाउन पोजीशन में नहीं है तो क्या होगा?

तीसरी तिमाही के अंत तक गर्भ में पल रहे बच्चे का सिर अक्सर प्राकृतिक रूप से नीचे बर्थ कैनाल की तरफ घूम जाता है। यह गर्भावस्था के 32वें और 36वें सप्ताह में होता है। बच्चे का सिर नीचे की तरफ घूमने से डिलीवरी में कम समय लगता है और उसका जन्म सुरक्षित तरीके व आसानी से होता है। डिलीवरी के समय पर बच्चे का सिर नीचे की ओर घूमना या हेड डाउन पोजीशन में होना क्यों जरूरी है और गर्भावस्था में बच्चे की हेड डाउन पोजीशन से संबंधित कुछ टिप्स जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
डिलीवरी के दौरान गर्भ में पल रहा बच्चा हेड डाउन पोजीशन में क्यों होना जरूरी है?

जन्म के दौरान एक बच्चा माँ के पेल्विस के एंगल में ही आगे बढ़ता है। इससे माँ को बच्चा बाहर निकालने में मदद मिलती है। यदि डिलीवरी से पहले बच्चा हेड डाउन पोजीशन में है तो जन्म के दौरान कॉम्प्लीकेशंस होने का खतरा कम हो जाता है। बच्चे के इस पोजीशन में होने से डिलीवरी में कम समय लगता है और माँ को दर्द भी कम होता है इसलिए बच्चे की इस पोजीशन को लेबर के लिए सबसे सही और सुरक्षित माना जाता है।
यदि बच्चा हेड डाउन पोजीशन में है तो उसका सिर माँ के गर्भाशय ग्रीवा या सर्विक्स में दबाव डालता है। इससे सर्विक्स को फैलने में मदद मिलती है और साथ ही कुछ हॉर्मोन्स भी उत्पन्न होते हैं जो माँ की गर्भाशय ग्रीवा के लिए जरूरी हैं। नॉर्मल डिलीवरी के दौरान हेड डाउन पोजीशन होने से बच्चा माँ के पेल्विस के निचले हिस्से में पहुँचने तक अपना सिर प्राकृतिक रूप से घुमाता है। इससे बच्चे का सिर माँ के पेल्विस में चौड़ी जगह पर होता है जिसके कारण जन्म के दौरान बच्चे का सिर प्यूबिक बोन में सरलता से चला जाता है।
हेड डाउन पोजीशन क्या है?
हेड डाउन पोजीशन को | ऑक्सिपिटो एंटीरियर | पोजीशन या | सेफैलिक प्रेजेंटेशन | भी कहते हैं। यह पोजीशन तब होती है जब बच्चे का सिर महिला के वजाइना की तरफ होता है और उसका चेहरा व उसका शरीर महिला के पीठ की तरफ होता है। जब बच्चा हेड डाउन पोजीशन में होता है तो उसकी रीढ़ माँ के पेट की तरफ होती है। इस प्रकार से बच्चे के जन्म के दौरान नॉर्मल डिलीवरी की मदद से सबसे पहले उसका सिर बाहर निकाला जाता है।
बच्चा हेड डाउन पोजीशन में कब आता है?
कई बच्चों का सिर बर्थ कैनाल की ओर या हेड डाउन पोजीशन में गर्भावस्था के 32वें या 36वें सप्ताह में ही आ जाता है। कुछ बच्चों का सिर नीचे की ओर 37वें सप्ताह में आता है और अन्य बच्चे लेबर की शुरूआत में हेड डाउन पोजीशन में आते हैं। हालांकि गर्भ में पल रहे बच्चे की हेड डाउन पोजीशन में आने का सही समय गर्भावस्था का 32वां या 36वां सप्ताह है।
When Does the Foetus Come Into the Head-Down Position?
आपको कैसे पता चलता है कि बच्चा हेड डाउन पोजीशन में है?
गर्भावस्था के दौरान बच्चा हेड डाउन पोजीशन में है या नहीं यह जानने के लिए कई तरीके हैं, आइए जानते हैं;
डॉक्टर डॉप्लर का उपयोग करके या अल्ट्रासाउंड करके गर्भ में पल रहे बच्चे की पोजीशन को निर्धारित कर सकते हैं।
आप बेली मैपिंग भी कर सकती हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आप अपने बच्चे के सिर की पोजीशन को निर्धारित करने के लिए अपने पेट और बच्चे की गतिविधियों को 3 स्टेप प्रोसेस में महसूस कर सकती हैं।
यदि आप अपनी प्यूबिक बोन को आराम से छूती हैं और आपको वहाँ पर कुछ सख्त व गोल महसूस होता है तो यह बच्चे का सिर हो सकता है। परंतु कई महिलाएं सिर के ऊपरी हिस्से को समझने में गलती भी कर देती हैं। आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि सिर का ऊपरी हिस्सा सिर के अन्य भाग से मुलायम होता है।
आप अपने साथी से बच्चे के दिल की धड़कन सुनने को कहें। यदि वह आपके पेट के निचले हिस्से में सुनाई देती है तो बच्चे का सिर बर्थ कैनाल की तरफ हो सकता है।
यदि आपको पेट के निचले हिस्से में हल्की गुदगुदी, हिचकियां या ऊपर की ओर तेजी से लात मारने जैसा कुछ महसूस होता है तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका बच्चा हेड डाउन पोजीशन में है। इस दौरान आपके पेट में गुदगुदी बच्चे के हाथ व उंगलियों से होती है और वह अपने पैरों से किक मारता है।
गर्भावस्था के दौरान बच्चे का सिर बर्थ कैनाल की ओर कैसे किया जा सकता है?
यदि गर्भावस्था के 36वें सप्ताह में आपके गर्भ में पल रहे बच्चे की हेड डाउन पोजीशन नहीं है तो यहाँ कुछ स्टेप्स दिए हैं जिनकी मदद से आप बच्चे को सिर नीचे की ओर घुमाने के लिए प्रेरित कर सकती हैं पर यह आप डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करें। यदि डॉक्टर आपको ऐसा करने के लिए कह देते हैं तो निम्नलिखित स्टेप्स करके देखें;
आप अपने दोनों हाथ और दोनों पैरों को जमीन में टिका कर क्रॉलिंग की पोजीशन में थोड़ी देर के लिए रह सकती हैं। यह आप रोजाना कुछ समय के लिए जरूर करें। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को आसानी से हेड डाउन पोजीशन में जाने में मदद मिलेगी।
आप रोजाना लगभग 20 मिनट के लिए टहलें। गर्भावस्था में कोई साधारण एक्टिविटी करने से आपके पेल्विस में मूवमेंट आती है जिससे बच्चे को हेड डाउन पोजीशन में जाने में मदद मिल सकती है।
इस बात का ध्यान रखें कि बैठने की पोजीशन में घुटने आपके हिप्स से ऊंचे न हों। इस दौरान आप हमेशा अपने पेल्विस को आगे की तरफ थोड़ा सा टेढ़ा करके बैठें। इससे भी बच्चा आसानी से हेड डाउन पोजीशन में जा सकता है।
आप चाहें तो एक्सरसाइज बॉल पर बैठकर या एक्सरसाइज बॉल के सहारे आधा लेट कर भी टीवी देख सकती हैं। इससे भी बच्चा हेड डाउन पोजीशन में जा सकता है।
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में बच्चे को हेड डाउन पोजीशन में लाने के लिए आप घुटनों को जमीन में टिका कर सोफे के सहारे भी खड़ी हो सकती हैं। इस पोजीशन के लिए आप जमीन पर घुटनों के बल खड़ी हो जाएं और सोफे पर अपना सिर झुकाते हुए दोनों हाथों को सीधे जमीन की ओर रखें। आप अपने शरीर के पिछले हिस्से को हल्का सा फैलाएं और हिप्स को थोड़ा ऊंचा रखें। इस पोजीशन को थोड़ी देर के लिए ऐसे ही बनाए रखें और फिर उठ जाएं।
आप अपने पैरों को ऊपर करके पीठ के बल लेटने से बचें। इससे बच्चा पोस्टीरियर पोजीशन में चला जाता है जिससे लेबर का समय बढ़ सकता है और जन्म के दौरान माँ को बहुत ज्यादा दर्द होता है। रात में पीठ के बल लेटने के बजाय हमेशा बाएं तरफ करवट करके लेटें। आपके लेटने की यह पोजीशन बच्चे के लिए अच्छी होती है और इससे बच्चा आसानी से हेड पोजीशन में चला जाता है।
यदि आपका बच्चा हेड डाउन पोजीशन में नहीं है तो क्या होगा?
हर एक कोशिश करने के बाद भी यदि आपका बच्चा हेड डाउन पोजीशन में नहीं आता है और वह ब्रीच पोजीशन में ही रहता है तो इसके लिए आप डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपको प्रोफेशनल काइरोप्रेक्टर से मिलने की सलाह देते हैं जो इसमें आपकी मदद कर सकता है। डॉक्टर आपको कई एक्सरसाइज करने की सलाह भी दे सकते हैं जिससे आपके बच्चे का सिर नीचे की तरफ आ सकता है। इसके अलावा डॉक्टर आपके पेट पर बाहर से दबाव देकर बच्चे का सिर नीचे बर्थ कैनाल की तरफ करने का प्रयास कर सकते हैं।
हर गर्भावस्था अलग होती है और कुछ महिलाओं की पहली गर्भावस्था में बच्चे की एंटीरियर पोजीशन होती है। इसलिए उन्हें दूसरी गर्भावस्था में बच्चे की हेड डाउन पोजीशन का पता नहीं चल पाता है। यदि गर्भ में पल रहे बच्चे की हेड डाउन पोजीशन नहीं होती है तो ऐसे में महिलाएं सी-सेक्शन सर्जरी करवाती हैं। यह ब्रीच पोजीशन के कारण बच्चे को होने वाले खतरे से बचाने के लिए किया जाता है।
हेड डाउन पोजीशन माँ और बच्चे, दोनों के लिए सुरक्षित होती है और इससे बच्चे का जन्म भी सरलता से होता है। यदि आपके गर्भ में पल रहे बच्चे का सिर 36वें सप्ताह तक नीचे की तरफ या हेड डाउन पोजीशन में नहीं आया है तो आप यह एक्सरसाइज की मदद से कर सकती हैं।

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wordpress 3 years ago 5 Answer
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