बच्चेदानी का बाहर आना?pregnancytips.in

Posted on Thu 9th Aug 2018 : 07:46

बच्चेदानी (uterus) महिलाओं के कुछ सेंसिटिव अंगों में से एक है। ये पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज से भी जुड़ी हुई है। इसलिए महिलाओं के लिए यूटरेस के स्वास्थ्य का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है। ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही होने पर बच्चेदानी में इंफेक्शन, सूजन, सिस्ट और कैंसर होने का खतरा हो सकता है। हालाही में, सेलिब्रेटी न्यूट्रिशनिस्ट और वेलनेस कॉच ने बच्चेदानी (यूटरस) को हेल्दी रखने के कुछ खास टिप्स बताएं। साथ ही उन्होंने बाताया कि कैसे शुरुआत से ही बच्चेदानी को स्वस्थ ना रख पाने के कारण महिलाओं में बच्चेदानी बाहर खिसकने (uterus prolapse) की समस्या होती है। साथ ही बच्चेदानी बाहर खिसकने के कारणों के साथ शरीर को उससे होने वाली परेशानियों से भी रूबरू करवाया। तो, आइए जानते हैं कि बच्चेदानी को स्वस्थ रखने को लेकर रुजुता दिवेकर ने क्या कहा।
बच्चेदानी का बाहर खिसकना (uterus prolapse)
बच्चेदानी आपकी ब्लैडर (bladder) और रेक्टम (rectum) जिससे कि आपको पॉटी बाहर आती है, उसके बीच में होता है। बच्चेदानी इन दोनों को विभाजित करता है। इन दोनों के बारे में जानना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जब आपकी बच्चेदानी बाहर की ओर खिसकने लगती है तो, सबसे ज्यादा परेशानियां हमें ब्लैडर और रेक्टम से जुड़ी ही होती है। बच्चेदानी का बाहर खिसकना शरीर को कई परेशानियां हो सकती हैं। जैसे कि

-कब्ज की समस्या
-पेशाब करने में परेशानी
-हंसने, खांसने और कूदते समय हल्का पेशाब हो जाना
-पेट के नीचे यानी कि वजाइना के पास बहुत भारीपन महसूस होता है
-नीचे बैठने में परेशानी
-नीचे बैठने में भारी प्रैशर लगना

बच्चेदानी का बाहर खिसकने का कारण क्या है-
तो बच्चेदानी खिसकने का कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि उम्र बढ़ने के साथ शरीर का कमजोर होना, बच्चे पैदा करने की वजह से और मेनोपॉज की वजह से। होता ये है कि उम्र बढ़ने के साथ हमारा निचला शरीर कमजोर होता जाता है, जैसे कि हमारा पेल्विक एरिया, हमारे पांव और पीठ। तो, ऐसे में ये मासंपेशियां कमजोर होने लगती है और आपकी बच्चेदानी नीचे आने लगती है, जिससे पेशाब और पॉटी से जुड़ी परेशानियां बढ़ जाती हैं।
1. अपना पोश्चर सही करें

आपने कई बार महिलाओं को देखा होगा कि उनका हीप पीछे की ओर से ऊपर उठने लगता है और आगे से वो झुकी हुई नजर आती हैं। ये आपको बच्चेदानी वाले एरिया को कमजोर करता है। इसके अलावा जब हम हिल्स पहनते हैं तो, फिर से हम उसी बॉडी पोश्चर में आ जाते हैं। यानी कि हीप ऊंचा और उभरा हुआ सा दिखना और बाकी शरीर का पोश्चर आगे की ओर। ऐसे में सीधा चलने और सही तरीके से खड़े होना सीखें। इसे चेक करने के लिए सीधे खड़े हों और अपने एक हाथ को वजाइना पर आगे रखें और दूसरे को हीप पर। देखें कि आपके दोनों हाथ बराबर दूरी पर सीधे है या नहीं। या एक सीधा और दूसरा निकला हुआ सा है।
2. कीगल एक्सरसाइज करें

कीगल एक्सरसाइज (kegel exercise) करने से आप अपने बच्चेदानी को मजबूत बना सकती हैं।कीगल एक्सरसाइज करने का सबसे आसान तरीका ये है कि एक जगह बैठ जाएं और अपने पेल्विक एरिया को खोलते हुए एक बार पैर फैलाएं और फिर से एक बार पैर चिपका लें। इस तरह लगातार ये करने से आप अपने यूटरेस को मजबूत कर पाएंगे। इसे हर रोज दिन में 10 बार करें।

kegel_exercise_inside
3. स्क्वाट करें

स्क्वाट एक्सरसाइज करने से आप अपने पोश्चर को सही कर सकते हैं जिससे कि आपकी मसल्स और पेल्विक एरिया को मजबूती मिल सकती है। इसलिए रोज 5 से 10 बार स्क्वाट एक्सरसाइज जरूर करें और इस दौरान हाथ बाहर करते हुए सीधे खड़े हो और सीधे बैठ जाएं। ध्यान रहे कि बैठते समय आपका हीप बाहर की ओर ना निकला हो।
4. पॉटी और पेशाब करते समय शरीर पर प्रैशर ना डालें

दरअसल, जब भी हमें कब्ज बनता है या फिर पेशाब बहुत तेज लगी होती है, तो हम अपने पेल्विक एरिया पर जोड़ डालते हुए पॉटी और पेशाब निकालने की कोशिश करते हैं। जो कि सेहत के लिहाज से लगत है और इससे आपकी बच्चेदानी पर जोड़ पड़ता है और आपकी बच्चेदानी बाहर की ओर आने लगती है। इसलिए पॉटी और पेशाब करते समय भी बॉडी पॉश्चर सही रखने की कोशिश करें।

5. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और साइकलिंग करें

यूटरेस को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है कि आप हफ्ते में दो बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और दो बार साइकलिंग जरूर करें। इन दोनों को करने से आपके पैर मजबूत होते हैं और आपकी प्लेविक एरिया में भी मजबूती आती है। इससे आपका पॉश्चर भी सही रहता है जिससे कि आपकी मांसपेशियां आपके यूटरेस को सही जगह पर बनाए रखते हैं। इसके अलावा आप योगा भी कर सकते हैं। जैसे कि ब्रिज पोज योगा और डोग पोज योगा जिसमें कि आपका शरीर आपके बाकी शरीर से ऊपर हो।

6. हेल्दी डाइट

यूटरेस को मजबूती देने के लिए जरूरी है कि आप अपनी डाइट (foods for healthy uterus) सही करें। इसके लिए आपको अपने खाने में रागी और राजगीरा को शामिल करना चाहिए। इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर होता है जो कि कब्ज की समस्या को दूर कर सकता है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम होता है जो कि हड्डियों को मजबूत बना सकता है। साथ ही इनमें पोटेशियम और मैगनेशियम भी होते हैं जो कि बाकी स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इसके अलावा अपने खाने में

-आंवला के मौसम में आंवला शामिल करें।
-शहतूत खाएं
-करौंदा खाएं।
-दही बनाने के बाद इसे रात को एक मलमल के कपड़े में बांध कर टांग दीजिए। इसे रात भर रहने दीजिए और सुबह चटनी या श्रीखंड
-खरवस खाएं यानी कि गाय का पहला दूध से बना हुआ खाद्य पदार्थ

ये सभी फोलिक एसिड, विटामिन सी, फाइबर, मिनरल्स और कैल्शियम सभी से भरपूर हैं। इसलिए आपको इन्हें खाना चाहिए। खाने के अलावा एक चीज का खास ध्यान रखें कि हर दोपहर अपने लिए कम से कम 20 मिनट का समय निकालें और एक नींद लें। ये आराम आपके शरीर के लिए बेहद जरूरी है। ये आपको हार्मोनल हेल्थ को बेहतर बनाएगा, आपके शरीर को आराम देगा और आपके शरीर के हीलिंग पावर्स को भी बढ़ाएगा।

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