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मगध ऑब्स एंड गायनी सोसाइटी (मोग्स) द्वारा आयोजित सेमिनार में धनबाद से आयी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ समीर हाज़रा ने ये बातें कहीं। शनिवार को आयोजित सेमिनार में बिहार झारखंड के दर्जनों स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों ने भाग लिया। इसमें डॉक्टरों ने अपने-अपने अनुभवों को साझा किया।
परिणामस्वरूप ओवरी में स्ट्सिस बनने लगते हैं। यह समस्या महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, मोटापा या तनाव के कारण उत्पन्न होती हैं। यह जेनेटिकली भी होती हैं। शरीर में अधिक चर्बी होने की वजह से होता है, वर्तमान में देखें तो हर दस में से एक प्रसव उम्र की महिला इसका शिकार हो रही हैं।
इसके लक्षणों में मासिक धर्म की अनियमितता, बालों की अधिकता, खान पान और मोटापा,मासिक अनियमित माहवारी, असामान्य मासिक धर्म, छोटा और हल्का मासिक धर्म, माहवारी न आना, या माहवारी में ज़्यादा रिसाव है।
तनाव घटाकर तथा लाइफस्टाइल बदलकर इससे बचा जा सकता है । इस तरह के लक्षण नजर आएं तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से जरूर परामर्श लें और जल्द से जल्द इसका उपचार कराएं।
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