बच्चों के लिए कृमि की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:34

कृमि संक्रमण से बचाने के लिए बच्चों को खिलाई एलबेंडाजोल की गोली

दवा खाने के बाद 2 की तबीयत बिगड़ी
राजपुर/सिलावद | जिले के प्रत्येक आंगनवाड़ी और सरकारी, निजी स्कूलों में बच्चों को कृमि से मुक्त करने के लिए गोलियां खिलाई। एलबेंडाजोल की दवा खाकर बच्चों के पेट के कीड़े खत्म करने का प्रयास किया।

मिडिल स्कूल क्रमांक 5 में 2 बच्चों की गोली खाने से स्वास्थ्य बिगड़ गया। नौबत यहां तक आ गई कि शिवानी निहाल चक्कर खाकर बेहोश हो गई। शिवानी के परिजनों व स्कूल स्टाफ ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। इसी तरह एक अन्य छात्रा को भी अस्पताल में भर्ती किया है।

सिलावद में बच्चों के स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए गुरुवार को कृमि दिवस पर एल्बेंडाजोल दवा खिलाई। बीएमओ राहुल वर्मा ने बताया ब्लॉक के सभी स्कूल और आंगनवाड़ी के बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाई गई। साथ ही विभाग ने बच्चों को सफाई रखने की सलाह दी। इसके साथ ही कृमिनाशक दवा से बच्चे को परेशानी नहीं होगी। साथ ही शरीर में बीमारियां नहीं होती है। जिन बच्चों के पेट में ज्यादा कीड़े होते हैं। यह दवा खाने के बाद उनके पेट में थोड़ा दर्द भी होता है। पर यह दवा पेट के कीड़े मारने के लिए जरूरी है। एल्बेंडाजोल दवा से बच्चों के पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं। इससे बच्चों की सेहत पर अच्छा असर पड़ता है।

शिविर में 145 गर्भवती महिलाओं की हुई जांच
गुरुवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व शिविर लगाया गया। प्रत्येक महीने की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व शिविर मनाया जाता है। इस महीने की 9 तारीख को भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंजड़ में शिविर लगाया गया। इसमें 145 गर्भवती महिलाओं की नि:शुल्क जांच की गई। शारीरिक रूप से कमजोर एक गर्भवती महिला को जिला अस्पताल रैफर किया।
क्षेत्र में गुरुवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया गया। इसके तहत स्कूलों और आंगनवाड़ियों में 1 से 19 साल तक के बच्चों को कृमि नियंत्रण की एलबेंडाजोल की गोली खिलाई गई। 1 से 2 साल तक के बच्चों को आधी गोली और 2 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली की खुराक दी गई। कृमि संक्रमण से बच्चाें में कमजोरी व थकावट बनी रहती है। इससे बचने के उपाय बताए। 15 फरवरी को मापअप राउंड में छूटे हुए बच्चों को दवा दी जाएगी।

कृमि संक्रमण से बच्चों में कुपोषण व खून की कमी होती है। इस कारण बच्चों में हमेशा थकावट बनी रहती है। साथ ही बच्चों में संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा आ सकती है। उन्होंने बताया सभी सरकारी और निजी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों में 1 से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमि नियंत्रण की दवाइयां नि:शुल्क खिलाई गई। गैर पंजीकृत और स्कूल न जाने वाले छोटे बच्चों को दवाई आंगनवाड़ी में दी गई, जो बच्चे अभी छूट गए हैं उन्हें 15 फरवरी मापअप दिवस को दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया इस दवा से पेट की गंदगी साफ हो जाती है। इससे बच्चा बीमार नहीं होता। जिन बच्चों के पेट में ज्यादा कीड़े होते हैं। यह दवा खाने के बाद उनके पेट में थोड़ा दर्द भी होता है। पर यह दवा पेट के कीड़े मारने के लिए जरूरी है। एल्बेंडाजोल दवा से बच्चों के पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं। बच्चों को यह दवा सालभर में एक बार जरूर खिलाना चाहिए।

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