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जब बच्चे को आएं डरावने सपने तो ऐसे करें हैंडल
बच्चे सोते वक्त कितने अच्छे और मासूम लगते हैं। लेकिन, जब अचानक से रात में डरावने सपनों (Nightmare) के कारण वे रोने लगते हैं तो माता-पिता काफी परेशान हो जाते हैं। 2 से 13 साल तक ज्यादातर बच्चों को डरावने सपने (Scary dreams) आते हैं और यह एक आम बात है। लेकिन, छोटे बच्चे के डरावने सपने से लगे डर को माता-पिता कैसे कम करें? आप कुछ बेहद आसान तरीकों से बच्चे को आने वाले डरावने सपनों से निजात दिला सकते हैं।
बच्चे को क्यों आते हैं डरावने सपने (Scary dreams)?
बच्चे हो या बड़े को सपने वही आते हैं जो वे दिनभर में सोचते हैं या अपने आसपास घटित होता देखते हैं। बच्चों का मस्तिष्क बहुत कल्पनाशील होता है। इसलिए उनके सपने भी उनकी कल्पनाओं से प्रेरित होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चे को सुबह चार से छह के बीच में सबसे ज्यादा सपने आते हैं। अमूमन हर कोई सुबह की गहरी नींद में रहता है। गहरी नींद में हमारे मस्तिष्क का एमिग्डेला (Amygdala) भाग सही तरह से मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है। जिससे मानसिक भावनाएं बेहद प्रबल हे जाती हैं। ऐसे में इंसान को सपने आते हैं। बच्चे की कल्पनाओं के आधार पर उन्हें डरावने और हिंसक सपने आते हैं।
बच्चे के डरावने सपने आने के कारण (Cause of Scary dreams)
बच्चे को डरावने सपने (Scary dreams) आने के कई कारण हैं। लेकिन, सबसे बड़ा कारण है बच्चे का कल्पनाशीलता। बच्चे किसी भी चीज के बारे में अपनी कल्पनाशीलता के कारण बड़ा-चढ़ा कर सोच लेते हैं। इसी कारण से बच्चों को बुरे सपने (Scary dreams) आते हैं।
बच्चे के साथ हुई दुर्घटना भी बुरे सपने आने का कारण है। बच्चे के साथ दिन में या कभी भी कोई दुर्घटना हुई रहती है तो वह बच्चे के मन पर असर डालती है। ऐसे में बच्चे को उससे संबंधित सपने आना स्वाभाविक सी बात है।
आजकल बच्चे एक साल के होते ही टीवी देखना पसंद करने लगते हैं। अगर बच्चे ने कोई डरावना सीरियल या फिल्म देख ली है तो उसके पात्र उसके बाल मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं। जिससे उन्हें रात में जरावने सपने आते हैं।
बच्चे को डरावने सपने (Scary dreams) आने का कारण तनाव (Tension) या चिंता भी हो सकती हैं। अब आप बोलेंगे कि बच्चे को तनाव कैसे हो सकता है? दो साल के ऊपर के बच्चों में तनाव और चिंता (Anxiety) सबसे ज्यादा होती है। बच्चे को यह तनाव माता-पिता के झगड़े, घर में क्लेश, बच्चे को नजरअंदाज करने आदि से हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में भी बच्चे को सपने आते हैं।
दो से तेरह साल तक के बच्चे को नौ से बारह घंटे की नींद जरूरी होती है। अगर बच्चे की नींद पूरी नहीं होगी तो वह थक जाएगा। ऐसे में बुरी भावनाएं बच्चे पर हावी हो जाती हैं। जिससे उसे डरावने सपने (Scary dreams) आने लगे हैं।
बच्चे को डरावने सपने (Scary dreams) आए तो क्या करें
बच्चा जब डरावने सपने (Scary dreams) के कारण रात में डर जाते हैं तो रोने लगते हैं। ऐसे में उन्हें संभालने और समझाने में आपको दिक्कत होती है। कुछ आसान टिप्स को मान कर आप बच्चे को संभाल सकती हैं।
बच्चा जब अचानक से उठकर रोने लगे तो उससे इसका कारण पूछें। बच्चे के पास तब तक रहें जब तक वह फिर से सो न जाएं।
बच्चे को गले से लगा लें और उसे भरोसा दिलाएं कि आप उसके पास हैं। इस दौरान आप उसे थपकी दे कर या लोरी सुना कर फिर से सुलाने का प्रयास करें।
बच्चे को समझाएं कि उसके डरावने सपने (Scary dreams) का असर वास्तविक जीवन पर नहीं पड़ेगा। बच्चे को बताएं कि डरना बुरी बात नहीं है। अब सब ठीक है बेफिक्र हो कर सो जाओ।
अगर बच्चा आपसे बात करना चाहता है तो उसकी बात को ध्यान से सुनें। उसके सपने के बारे में जानने की कोशिश करें, इससे आपको बच्चे की कल्पना के बारे में पता चलेगा।
बच्चे जादू, परियों और राजा-रानी में बहुत विश्वास करते हैं। ऐसे में बच्चे का ध्यान भटकाने के लिए उसे कहानियां सुना सकती है। जिसे सुनते हुए बच्चे को नींद आ जाएगी। ऐसा करने से सपने से डरना कम हो सकता है।
बच्चा अगर सोना ना चाहे तो उसके साथ कुछ एक्टिविटी करने का प्रयास करें। जैसे उसे ड्रॉइंग करने के लिए कहें। ड्रॉइंग करने के बाद बच्चे की तारीफ करें। ऐसा करने से उसे अच्छा लगेगा।
बच्चे के कमरे में एक धीमी रोशनी का बल्ब जलता हुआ छोड़ दें। इसके साथ ही बच्चे के कमरे के बाहर एक अन्य बल्ब को जलता हुआ छोड़ दें। बच्चे को उजाला दिखेगा तो डर भी कम लगेगा। सप
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