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इन कारणों से बच्चों को नहीं लगती भूख, अपनाएं ये उपाय झटपट खाना हो जाएगा फिनिश
कई बार पेट में कीड़े होने के कारण भी बच्चों को भूख कम लगती है.
कई बार पेट में कीड़े होने के कारण भी बच्चों को भूख कम लगती है.
अक्सर बढ़ते बच्चे खाने-पीने में बहुत नखरे दिखाते हैं. कुछ भी उन्हें बनाकर दिया जाए, खाने से मना कर देते हैं. कई बार कुछ शारीरिक समस्याओं के कारण भी बच्चों की भूख खत्म हो जाती है. जानें उन कारणों के बारे में यहां.
अक्सर बढ़ते बच्चे खाने-पीने में बहुत नखरे दिखाते हैं. कुछ भी मांएं बनाकर दें, खाने से मना कर देते हैं. भूख ना लगने की समस्या सबसे ज्यादा 2 से 5 वर्ष के बच्चों के बीच नजर आती है. हालांकि, कभी-कभार बच्चा ना खाए तो ठीक है, लेकिन ऐसा लगातार हो, तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें. बच्चों के नखरों से परेशान होकर अक्सर पेरेंट्स उनकी मर्जी की चीजें खाने के लिए दे देते हैं. सभी जानते हैं कि बच्चों को क्या खाना ज्यादा पसंद (Kids Eating Habits) होता है. चिप्स, बर्गर, पिज्जा, जंक फूड्स, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स खाने-पीने में उन्हें मिनट भी नहीं लगता. हालांकि, इन चीजों के अधिक सेवन से बच्चे को भरपूर पोषण नहीं मिलता, उनके शरीर में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी हो जाती है. जंक फूड्स, पैक्ड फूड्स के अधिक सेवन से भी कई बार भूख भी मर जाती है. इसके अलावा भी बच्चों को भूख (Loss of Appetite) न लगने के कई कारण हो सकते हैं, जानें यहां.
बच्चों को भूख न लगने के कारण
जब बच्चों का समय पर शारीरिक विकास ना हो रहा हो, तो ध्यान देना जरूरी हो जाता है. पहले वर्ष में बच्चे तेजी से बढ़ते हैं, लेकिन उसके बाद विकास धीमी हो जाती है और वे कम खाने लगते हैं. हालांकि, इस पीरियड में भूख में कमी आना नॉर्मल होता है. लेकिन बिल्कुल ही खाना ना खाए, तो आपको अलर्ट हो जाना चाहिए.
कोई बीमारी होने पर भी भूख मर जाती है. यदि बच्चे को गले में खराश, स्टमक फ्लू, डायरिया, सिरदर्द, बुखार या कोई अन्य लक्षण नजर आए, तो हो सकता है वे पहले की तुलना में कम खाना खाएं. हालांकि, इन समस्याओं के खत्म होते ही बच्चे की डाइट और भूख पहले की ही तरह अच्छी हो जाती है. यदि ऐसा ना हो, तो डॉक्टर से जरूर मिलें.
कुछ बड़े बच्चों में स्ट्रेस भी भूख ना लगने का कारण बनता है. यदि आपका बच्चा कम खा रहा है, भरपूर नींद नहीं ले रहा, तो हो सकता है उसे स्ट्रेस की समस्या हो. स्ट्रेस के कारणों को पहचानना जरूरी है. बच्चों में स्ट्रेस के कॉमन कारण पालतू जानवर की मौत, किसी परिवार के सदस्य की मृत्यु, बुलिइंग, स्टडी में नंबर कम आना, पढ़ाई का प्रेशर, पेरेंट्स का दबाव आदि.
कुछ दवाओं जैसे एंटीबायोटिक्स लेने से भी भूख प्रभावित हो सकती है. कई अन्य दवाओं के नियमित सेवन से भी भूख कम लग सकती है. साथ ही कब्ज होने पर कई बार पेट फूला हुआ रहने से खाने की इच्छा नहीं होती है.
अक्सर बच्चे खाने-पीने में बहुत नखरे दिखाते हैं. छोटे बच्चों को कई बार पेट में कीड़े होने के कारण भी खाने की इच्छा नहीं होती है. यदि वे कुछ दिनों से पेट दर्द के साथ नहीं खाने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं, तो डॉक्टर से दिखा लें. कई बार पेट में कीड़े होने से भी भूख मर जाती है.
बच्चा एक से डेढ़ साल का है और कुछ भी खा नहीं रहा है, तो हो सकता है उसके दांत निकल रहे हों. दांत निकलने के समय मसूड़ों के आसपास इर्रिटेशन, खुजली, दर्द होने से भी बच्चा खाना नहीं चाहता. उसे खीझ, चिड़चिड़पन महसूस होता है.
कुछ बच्चों के शरीर में आयरन की कमी होती है, जो पेरेंट्स को पता नहीं चल पाता है. यदि बच्चा खाना देर से खाए, बहुत कम खाए, फेवरेट फूड खाने में भी दिलचस्पी ना दिखाए, तो हो सकता है उसके शरीर में आयरन की कमी हो गई हो. इससे डॉक्टर से जरूर दिखा लें.
यूं बढ़ाएं बच्चों की भूख
बच्चों को स्नैक्स बहुत पसंद होता है, लेकिन आप उन्हें हेल्दी स्नैक्स खाने के लिए दें. आप रोस्टेड मूंगफली दें ना कि चिप्स. सैंडविच या बेक्ड वेजिटेबल, सूप, नट्स दें ना की मैदे से बने बिस्किट, कुकीज.
जब भोजन करने का समय हो, तो स्नैक्स बिल्कुल खाने ना दें. स्नैक्स और भोजन में पर्याप्त गैप रखें.
मूंगफली से भूख बढ़ती है. इसमें प्रोटीन भी काफी होता है, इसलिए बच्चे की डाइट में मूंगफली अधिक शामिल करें.
यदि बच्चा दूध नहीं पीना चाहता, तो कैल्शियम की जरूरत को पूरा करने के लिए उन्हें कॉटेज चीज, दही, क्रीम, पनीर आदि खिलाएं.
हेल्दी फैट और कैलोरी से भरपूर फूड्स खाने के लिए दें ताकि, वजन भी बढ़े.
बच्चों को हर तरह के रंगों वाले फल, सब्जियां खिलाने की कोशिश करें.
स्ट्रॉबेरी, शहद, केला, दही, आम या अन्य फेवरेट फल से स्मूदी, मिल्क शेक बनाकर पिलाएं.
जब बच्चा खाए, तो उस समय डांटें ना, उसे आराम से खाने दें.
तरह-तरह के हेल्दी तरीके से स्नैक्स बनाएं, जिसे देखकर बच्चा खुद ही खाने में दिलचस्पी दिखाए.
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