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Female Infertility: महिलाएं क्यों होती हैं बांझपन का शिकार, डॉ. ने बताया 'पत्ते-जड़ और बीज' से कैसे करें आयुर्वेदिक इलाज
बांझपन एक ऐसी बीमारी है, जिसमें एक महिला के गर्भवती होने और बच्चे को जन्म देने की क्षमता सीमित हो जाती है। आयुर्वेद में इंफर्टिलिटी को वायु जनित रोग माना गया है। आयुर्वेद में कुछ ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो बांझपन की समस्या को दूर कर सकती हैं।
Female Infertility: महिलाएं क्यों होती हैं बांझपन का शिकार, डॉ. ने बताया 'पत्ते-जड़ और बीज' से कैसे करें आयुर्वेदिक इलाज
इंफर्टिलिटी की समस्या महिला और पुरूष दोनों में पाई जाती है। लेकिन ज्यादातर महिलाओ में इंफर्टिलिटी एक आम समस्या है। विश्वभर में इंफर्टिलिटी से जूझ रही महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। किसी महिला के गर्भधारण करने में अक्षमता को महिला बांझपन या फीमेल इंफर्टिलिटी कहा जाता है। अगर एक साल तक यौन संबंधों के प्रयास के बाद भी महिला गर्भवती नहीं होती, तो इसका मतलब है कि महिला में इंफर्टिलिटी की समस्या है। यानी की महिला की प्रजनन क्षमता में कमी आने के कारण उन्हें कंसीव करने में दिक्कत आ सकती है।
यूं तो इंफर्टिलिटी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कई इलाज और उपाय मौजूद हैं, लेकिन आयुर्वेद में बच्चा न होने की समस्या को दूर करने के कई दावे किए जाते हैं। बता दें कि आयुर्वेद में इंफर्टिलिटी को वायु जनित रोग माना गया है। वेदास क्योर के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. विकास चावला कहते हैं कि आमतौर पर इंफर्टिलिटी एक ऐसी समस्या है, जिसमें एक महिला प्रेग्नेंट नहीं हो पाती या फिर गर्भपात होने की संभावना भी बहुत ज्यादा होती है। लेकिन आयुर्वेद में कुछ जड़ी-बूटियों की मदद से इस समस्या से काफी हद तक निजात पाई जा सकती है।
महिला बांझपन के कारण
महिला बांझपन के कई कारण हैं। हालांकि एक सटीक कारण बताना मुश्किल है, लेकिन कुछ सामान्य कारण हैं, जिनके बारे में जानना चाहिए।
यूट्रस के साथ परेशानी होना-
यदि किसी महिला के यूट्रस या गर्भाशय में पोलिप, फाइब्रॉइड या सेप्टम जैसी समस्याएं हैं, तो यह उनके गर्भवती होने में बाधा पैदा कर सकती हैं। पोलिप और सैप्टम यूट्रस में किसी भी समय अपने आप बन सकते हैं। जबकि अन्य असामान्यताएं जन्म के साथ मौजूद होती हैं।
ब्लॉक फैलोपियन ट्यूब -
यह महिला बांझपन के सामान्य कारणों में से एक है। फैलोपियन ट्यूब गर्भधारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ब्लॉक फैलोपियन ट्यूब के कारण निषेचन की प्रक्रिया में बाधा आ सकती है।
ओव्यूलेशन डिसऑर्डर-
एक महिला में ओव्यूलेट न कर पाने के कई कारण हैं। हार्मोनल असंतुलन, थायराॅइड कंडीशन, स्ट्रेस और पिच्यूरी ट्यूमर ऐसे उदाहरण हैं, जो ओव्यूलेशन को प्रभावित करने के लिए जिम्मेदार हैं।
शराब या ड्रग का सेवन करना-
ज्यादा मात्रा में ड्रग या शराब का सेवन करने से फर्टिलिटी कम हो सकती है। इसके साथ में ये दोनों ही चीजें भ्रूण बनने की स्थिति को प्रभावित करती हैं।
आयुर्वेद में महिला बांझपन का इलाज-
कचनार गुग्गुल- आयुर्वेद में कचनार गुग्गुल कई औषधियों से मिलकर बनता है। इस औषणि का उपयोग हार्मोनल संतुलन के लिए होता है। पीसीओएस की समस्या हार्मोनल असंतुलन से जुड़ी हुई है। यह एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जो हार्मोनल संतुलन बनाने और साइकल को नियमित रखने में मदद करती है। इंफर्टिलिटी वाली महिलाओं के लिए यह वरदान है।
गंभारी फल-
जिन महिलाओं को गर्भधारण करने में समस्या होती है, आयुर्वेद के अनुसार इस जड़ी-बूटी का सेवन से प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में मदद मिलती है।
चंद्रप्रभा वटी-
चंद्रप्रभा वटी के इस्तेमाल से महिलाओं में इंफर्टिलिटी की समस्या को दूर किया जा सकता है। दरअसल , आयुर्वेद में इस जड़ी-बूटी का उपयोग ओव्यूलेशन डिसऑर्डर को दूर करने के लिए होता है। यूट्रस से संबंधित अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भी यह जड़ी-बूटी बहुत फायदेमंद है।
लाजवंती-
इस जड़ी-बूटी का सेवन से गर्भधारण न कर पाने की समस्या को प्राकृतिक रूप से ठीक किया जा सकता है।
पुत्रजीवक बीज- पुत्रजीवक बीज से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी हो सकती है। इस बीज से महिलाओं के बांझपन की समस्या का उपचार किया जा सकता है। इस बीजह के सेवन से गर्भाशय मजबूत होता है , इस प्रकार संतान प्राप्ति की क्षमता बढ़ जाती है।
इंफर्टिलिटी तनावपूर्ण समस्या हो सकती है। यदि आप बिना सफलता के 12 महीने से गर्भवती होने की कोशिश कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क तो करना ही चाहिए साथ ही यहां बताए आयुर्वेदिक नुस्खे भी आपकी मदद कर सकते हैं।
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