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प्रेगन्नेसी के दौरान कौन से टीके लगवाने हैं जरूरी? डॉक्टर से जानें पूरी जानकारी
प्रेगन्नेसी के दौरान शरीर में कई बदलाव होते हैं, शरीर को संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा देने के लिए टीकाकरण जरूरी है, टीका लगने से मां और गर्भस्थ शिशु का शरीर एंटीबॉडी बना लेता है जो बीमारियों से लड़ने का काम करता है। प्रेगन्नेसी के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और मां व शिशु बीमार हो सकते हैं जिससे बचने का आसान तरीका है आप जरूरी टीके लगवाएं। प्रेगन्नेसी के दौरान टीके लगवाने से पहले डॉक्टर की सलाह पर ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए, इससे आपको इम्यूनिटी का पता चलेगा और बीमारी का पता समय पर चलने से डॉक्टर आपको जरूरी वैक्सीन लगवाने की सलाह दे सकते हैं। टीकाकरण से गर्भवती महिला और भ्रूण को एंटीबॉडी मिलती है। इस लेख में हम गर्भवती महिलाओं के लिए प्रेगन्नेसी के दौरान जरूरी टीकों की जानकारी आपको देंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
1. टिटनेस का टीका (Tetanus vaccine during pregnancy)
अगर आप पूछेंगे कि क्या प्रेगन्नेसी के दौरान टिटनेस का इंजेक्शन लेना जरूरी है? तो इसका जवाब है हां आपको प्रेगन्नेसी के दौरान टिटनेस का इंजेक्शन लेना अनिवार्य होता है क्योंकि ये आपको और बच्चे को क्लोस्ट्रीडियम टेटानी नाम के बैक्टीरिया से होने वाले इंफेक्शन के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। प्रेगन्नेसी के शुरूआती स्टेज में टीटी-1 टीका लगाया जाता है, इसके 4 हफ्ते बाद टीटी-2 डोज लगाया जाता है और अगर अगले तीन साले के अंदर गर्भवती महिला फिर से गर्भवती होती है तो उसे फिर से बूस्टर शॉट लगाया जाता है। तीनों डोज बांह के ऊपर लगाया जाता है।
2. इंफ्लुएंजा का टीका (Influenza vaccine during pregnancy)
प्रेगन्नेसी के दो सप्ताह के बाद फ्लू से हार्ट, इम्यूनिटी, फेफड़े प्रभावित हो सकते हैं, इससे बचने के लिए गर्भवती महिला को इंफ्लुएंजा का टीका भी लगवाना चाहिए। एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रेगन्नेसी में गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाला टीका, 6 महीने की आयु तक के बच्चों को इंफ्लुएंजा बीमारी से बचाने में 63 प्रतिशत कामियाब हो सकता है।
3. टीडैप वैक्सीन (Tdap vaccine during pregnancy)
निमोनिया, दिमाग में सूजन जैसी गंभीर समस्याओं का कारण काली खांसी यानी व्हूपिंग कफ हो सकता है जिससे बचने के लिए आपको तीसरी तिमाही यानी प्रेगन्नेसी के 27 से 36 हफ्ते के बीच में टीकाकरण लेना चाहिए। टीडैप Tdap (Tetanus, Diphtheria, Pertussis) vaccine वैक्सीन भी इसमें शामिल होती है, इसके जरिए मां और होने वाले बच्चे को टिटनेस, पर्टुसिस और डिप्थीरिया जैसी गंभीर बीमारियां से बचाया जा सकता है।
4. प्रेगन्नेसी के दौरान अन्य जरूरी वैक्सीन (Other important vaccines during pregnancy)
प्रेगन्नेसी के दौरान आप अगर हेपेटाइटिस-बी जैसे संक्रमण से पीड़ित हो जाती हैं तो जन्म के बाद शिशु को भी इस बीमारी का खतरा हो सकता है जिससे बचने के लिए आपको हिपेटाइटिस-बी टीका (Hepatitis B vaccine) भी लगवाना चाहिए। इसके अलावा आपको खसरा, मम्प्स, रूबेला जैसी बीमारियों से बचने के लिए एमएमआर टीका (MMR vaccine) भी लगवाना चाहिए।
बच्चे और मां की बेहतर सेहत के लिए टीकाकरण जरूरी है। अगर आप समय पर टीकाकरण नहीं करवाएंगे तो ये आपके और होने वाले बच्चे की सेहत के लिए खतरा हो सकता है। मां और बच्चे की बेहतर सेहत के लिए समय पर टीकाकरण करवाएं। प्रेगन्नेसी में टीकाकरण के अलावा होने वाली मां को कम से कम तीन बार जांच, आयरन की जांच, बूस्टर चेकअप, गर्भस्थ शिशु की जांच, ब्लड प्रेशर, बच्चे की धड़कन, वजन आदि चेक करवाना चाहिए। प्रेगन्नेसी के दौरान मां और होने वाले बच्चे को कई तरह के संक्रमण और रोग होने के खतरा रहता है जिससे बचने के लिए आपको समय पर टीका लगवाना चाहिए। आज के समय में कोविड को देखते हुए कोविड की दोनों डोज लेना भी जरूरी है।
टीकाकरण में बरते जाने वाली सावधानियां (Precautions during vaccination in pregnancy)
टीकाकरण करवाने से पहले एक बार आपको डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
जो महिलाएं पहली बार मां बनने जा रही हैं उन्हें टिटनेस टॉक्साइड के दो डोज जरूर लगवाने चाहिए।
अगर वैक्सीन लगवाने के बाद आपकी मांसपेशियों में दर्द, थकान, बुखार, इंजेक्शन वाली जगह सूजन या दर्द हो तो डॉक्टर को बताएं। अक्सर वैक्सीन लगने के बाद ऐसे लक्षण आम माने जाते हैं।
प्रेगन्नेसी का पता चलते ही अस्पताल जाकर जांच व वैक्सीन कार्ड बनवा लें इससे हॉस्पिटल में आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा और आपके व अस्पताल के पास ये जानकारी भी रहेगी कि आपको कौनसे डोज़ लग चुके हैं या कौनसे बाकि हैं।
हां अगर आप वैक्सीन सरकारी अस्पताल, बाल महिला चिकित्सालय बीएमसी या कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर यानी सीएचसी पर लगवाने जा रही हैं तो आपको और शिशु को सारी वैक्सीन मुफ्त में लगाई जाएगी, ऐसा नहीं है कि मुफ्त वैक्सीन लगवाने के लिए आपको किसी प्रकार के जोखिम में डाला जाता है, सरकारी अस्पताल भी पूरी तरह से सेफ होते हैं वहीं आप प्राइवेट अस्पताल में जाकर भी वैक्सीन लगवा सकते हैं पर वहां आपको वैक्सीन फ्री में नहीं लगाई जाती है।
वैक्सीन के लिए एनसी पंजीकरण जरूरी है?
अगर आप सरकारी अस्पताल में टीकाकरण करवा रही हैं तो ये जरूरी है नहीं कि एनसी यानी एंटीनेटल जांच के बिना टीकाकरण नहीं किया जाएगा। अगर आपने गर्भावस्था के दौरान किसी तरह की कोई जांच या कार्ड नहीं भी बनवाया है तो भी आप अस्पताल में जाकर जांच के पश्चात टीका लगवा सकती हैं।
वैक्सीन से शरीर पर किसी तरह का नुकसान होता है?
वैक्सीन लगवाने के बाद आपको हल्का बुखार आ सकता है, वो इस बात का संकेत है कि वैक्सीन से शारीरिक तंत्र पर सामान्य असर छोड़ा है, बुखार दो से तीन दिनों में ठीक हो जाएगा। अगर वैक्सीन लगने के बाद उस एरिया में पस जमे या अन्य गंभीर लक्षण नजर आए तो डॉक्टर के पाए आएं।
गर्भवती महिला और जन्म के बाद बच्चे का टीकाकरण कहां-कहां करवा सकते हैं?
नर्सिंग होम्स, प्राइवेट अस्पताल, सरकारी अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, मेडीकल कॉलेज, शहरी डिस्पेंसरियां, आंगनबाडी केन्द्र आदि।
प्रेगन्नेसी के दौरान टीटनेस, इंफ्लुएंजा या अन्य जरूरी वैक्सीन लगवाएं, इससे आपको और होने वाले बच्चे को बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा मिलेगी।
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