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प्रेग्नेंसी में इस लक्षण के दिखने का मतलब है, बेटा ही होगा, स्टडी में हुआ दावा
प्रेग्नेंसी में शिशु का जेंडर पता लगाने के लिए कई तरह के तरीके और संकेत प्रचलित हैं जैसे कि ज्यादा वजन बढ़े, तो बेटा पैदा होता है।
is there any connection between baby gender and pregnancy weight
प्रेग्नेंसी में इस लक्षण के दिखने का मतलब है, बेटा ही होगा, स्टडी में हुआ दावा
प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसी कई बातें और लक्षणों के बारे में सुनने को मिलता है, जो लड़का होगा या लड़की के बारे में आपको बता सकते हैं। इनमें से ज्यादा बातें तो बस मिथ्या होती हैं।
गर्भावस्था में वजन बढ़ने का संबंध बच्चे के जेंडर से भी बताया जाता है और एक स्टडी में इस बात पर गौर किया गया है। इस स्टडी में प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ने और बेबी के जेंडर के बीच के कनेक्शन की जांच की गई। आइए जानते हैं इसके बारे में।
क्या कहती है स्टडी
पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस द्वारा प्रकाशित एक वैज्ञानिक जरनल में छपी एक स्टडी में 25 सालों तक 70 मिलियन बच्चों का विश्लेषण किया गया। इस स्टडी का कहना था कि प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ने का संबंध बेटा पैदा होने से था।
कितना बढ़ेगा वजन
स्टडी के अनुसार जब प्रेगनेंट महिला का वजन 10 किलो के आसपास बढ़ा, तो 49 पर्सेंट महिलाओं ने बेटे को जन्म दिया। वहीं 20 किलो के आसपास वजन बढ़ने वाली 52.5 पर्सेंट महिलाओं ने बेटों को जन्म दिया। जब 30 किलो वजन बढ़ा तो 54 पर्सेंट महिलाओं के बेटा पैदा हुआ।
पता नहीं चला कारण
वैज्ञानिकों को यह पता नहीं चल पाया कि प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ने का संबंध बेबी के जेंडर से कैसे है। लेकिन इस डाटा का विश्लेषण करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि मेल भ्रूण का मेटाबोलिक रेट ज्यादा होता है और उन्हें ठीक तरह से विकसित होने के लिए ज्यादा कैलोरी की जरूरत होती है।
इस वजह से मेल बेबी होने पर प्रेगनेंट महिलाओं का वजन ज्यादा बढ़ जाता है।
कितना बढ़ना चाहिए वजन
प्रेग्नेंसी के दौरान महिला का वजन 10 से 14 किलो तक बढ़ना चाहिए। माना जाता है कि हेल्दी बेबी होने पर इतना वेट बढ़ता है और इसमें मां या बच्चे को कोई कॉम्प्लिकेशन आने का खतरा भी कम रहता है।
आमतौर पर जिन महिलाओं का कंसीव करने से पहले हेल्दी वेट होता है, उन्हें प्रेग्नेंसी के समय में 2200 से 2900 कैलोरी प्रतिदिन चाहिए होता है।
हर महीने में कितना वजन बढ़ता है
आमतौर पर गर्भावस्था की पहली तिमाही में महिलाओं का 1 से 2 किलो वजन बढ़ना चाहिए। इसके दो हफ्ते बाद एक किलो और बढ़ सकता है। कुछ महिलाओं का एक हफ्ते में आधा किलो ही वजन बढ़ता है।
वहीं अगर जुड़वा बच्चे हों तो 15 से 18 किलो वेट बढ़ सकता है। इसका मतलब है कि पहली तिमाही में नॉर्मल वजन बढ़ने के बाद आपका हर हफ्ते एक किलो वजन बढ़ेगा।
कैसे बंटता है प्रेग्नेंसी वेट
गर्भावस्था के समय में आपका जो भी वजन बढ़ता है उसमें से 3 से 3.5 किलो शिशु का वेट होता है, 1 से 1.5 किलो प्लेसेंटा, एक से डेढ़ किलो एम्निओटिक फ्लूइड, एक किलो ब्रेस्ट टिश्यू, 2 किलो ब्लड सप्लाई और 1 से 2.5 किलो यूट्रस का वजन होता है। वहीं डिलीवरी और स्तनपान के लिए स्टोर हुआ फैट 2.5 से 4 किलो तक का होता है।
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