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रेगनेंसी के दौरान गर्भाशय में शिशु की स्थिति में कई बदलाव आते हैं जिनमें से एक गर्भ में बच्चे का घूमना या उल्टा होना भी शामिल है। गर्भावस्था में कुछ स्थितियों में बच्चा उल्टा हो जाता है जिसकी वजह से डिलीवरी में दिक्कत आती है।
breech pregnancy
गर्भावस्था एक बहुत ही मुश्किल और महत्वपूर्ण समय होता है। इस दौरान कई तरह की परेशानियां आने की संभावना रहती है, जिसमें से एक गर्भ में बच्चा उल्टा होना भी शामिल है। लगभग 3 से 4 फीसदी महिलाओं में प्रेगनेंसी (Pregnancy) के दौरान गर्भ में बच्चा उल्टा होने की समस्या देखी जाती है।
इस स्थिति में गर्भाशय के अंदर शिशु का सिर ऊपर की तरफ और पैर नीचे बर्थ कैनाल की ओर आ जाते हैं। नॉर्मल प्रेगनेंसी में डिलीवरी से पहले अपने आप ही शिशु का सिर नीचे की ओर आ जाता है। नॉर्मल डिलीवरी के लिए इस स्थिति को सबसे सही माना जाता है। वहीं जब शिशु का सिर ऊपर और पैर नीचे आते हैं तो इस स्थिति को 'ब्रीच बर्थ' कहा जाता है।
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गर्भ में बच्चा उल्टा होने के प्रकार
ब्रीच प्रेग्नेंसी के तीन प्रकार होते हैं (Type Of Pregnancy) - फ्रैंक, कंप्लीट और फुटलिंग ब्रीच। फ्रैंक बीच में शिशु का सिर और पैर ऊपर की ओर जबकि कूल्हे नीचे की ओर आ जाते हैं। वहीं, कंप्लीट ब्रीच में शिशु के पैर और कूल्हे नीचे की ओर रहते हैं और दोनों घुटने मुड़े रहते हैं। फुटलिंग ब्रीच में शिशु क्रॉस कर के बैठा होता है।
Pregnancy: जानें प्रेग्नेंसी में सीढ़ी चढ़ना कब है सुरक्षित और कब बन सकता है मुसीबत
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गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में बॉडी बैलेंस रहती है तो इस दौरान सीढ़ी चढ़ना सुरक्षित माना जाता है। लेकिन जब भ्रूण का विकास तेजी से होने लगता है तो शरीर का गुरुत्वाकर्षण भी बढ़ने लगता है और सीढ़ियां चढ़ते समय गिरने या फिसलने का जोखिम भी बढ़ सकता है। गर्भावस्था के 37वें हफ्ते में बच्चा पेल्विक में आ जाता है जिससे सांस लेने में परेशानी नहीं होती है। हालांकि अगर जरूरी हो तो रेलिंग का सहारा लेकर धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़नी चाहिए।
सीढ़ियां चढ़ना एक फिजिकल एक्टिविटी है और इससे शरीर एक्टिव रहता है। इसके अलावा भी सीढ़ी चढ़ने के कई फायदे होते हैं जैसे...
ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में
एक रिसर्च में पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान सीढ़ियां चढ़ने से महिलाओं को प्रीक्लेम्पसिया यानी उच्च रक्तचाप की समस्या नहीं होती है।
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गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में सीढ़ियां चढ़ने से जेस्टेशनल डायबिटीज की संभावना कम हो जाती है। इससे प्रेग्नेंसी हेल्दी होती है।
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गर्भावस्था के दौरान सीढ़ियां चढ़ते या उतरते समय एक हाथ से रेलिंग पकड़ें और दूसरा हाथ खाली रखें।यह ध्यान रखें की सीढ़ियों पर पर्याप्त रोशनी हो। अंधेरे में सीढ़ी चढ़ने से बचें।यदि सीढ़ियों पर कारपेट बिछा हो तो यह ध्यान रखें कि किसी भी सीढ़ी पर कारपेट मुड़ा हुआ न हो।धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़ें और कोई जल्दबाजी न करें।अगर सीढ़ी चढ़ते समय सांस लेने में तकलीफ हो तो रुककर आराम करें।सीढ़ी गीली या फिसलन भरी नहीं होनी चाहिए।ढीले कपड़े पहनकर सीढ़ियां चढ़ने से बचें।
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यदि आपकी प्रेग्नेंसी हेल्दी है तो गर्भावस्था की पहली तिमाही तक सीढ़ी चढ़ना सुरक्षित है। लेकिन निम्न लक्षणों के सामने आने पर सीढ़ी चढ़ने से बचना चाहिए:
ब्लीडिंगउच्च या निम्न रक्तचापकोई बीमारी या ब्लड शुगर में उतार चढ़ाव
इस प्रकार जब तक आपको सीढ़ियां चढ़ने में कोई परेशानी नहीं महसूस होती है तब तक आप प्रेग्नेंसी के दौरान सीढ़ियां चढ़ सकती हैं। हालांकि हमेशा रेलिंग पकड़कर ही सीढ़ी चढ़ने की कोशिश करनी चाहिए।
गर्भ में बच्चा उल्टा होने के कारण
डॉक्टरों को ब्रीच प्रेग्नेंसी के सही कारण का पता नहीं चल पाया है, लेकिन अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के अनुसार पहले कई बार गर्भवती होने, जुड़वा बच्चे होने और पहले प्रेग्नेंसी में 9 महीने से पहले डिलीवरी होने के कारण ब्रीच प्रेग्नेंसी होती है। इसके अलावा गर्भाशय में अधिक या कम एमनियोटिक फ्लूइड होने, गर्भाशय का आकार असामान्य होने या गर्भाशय में रसौली होने और प्लेसेंटा प्रिविआ की स्थिति में भी ऐसा हो सकता है।
प्रेगनेंसी में बच्चा उल्टा हो तो क्या करना चाहिए
गर्भ में बच्चा उल्टा हो जाए तो इस स्थिति में ऑपरेशन से ही डिलीवरी करवानी पड़ती है। उल्टे बच्चे का प्रसव करवाना आसान नहीं होता है लेकिन फिर भी आज के चिकित्सा युग में ऑपरेशन की इसका इलाज रह गया है। पुराजे जमाने में दाई बच्चे के उल्टा होने पर भी बिना ऑपरेशन के सुरक्षित प्रसव करवा देती थीं। हालांकि, प्रशिक्षित गायनेकोलॉजिस्ट की देख रेख में पूरी प्लानिंग के साथ नॉर्मल डिलीवरी करवाई जा सकती है।
Pregnancy: जानें प्रेग्नेंसी में सीढ़ी चढ़ना कब है सुरक्षित और कब बन सकता है मुसीबत
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गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में बॉडी बैलेंस रहती है तो इस दौरान सीढ़ी चढ़ना सुरक्षित माना जाता है। लेकिन जब भ्रूण का विकास तेजी से होने लगता है तो शरीर का गुरुत्वाकर्षण भी बढ़ने लगता है और सीढ़ियां चढ़ते समय गिरने या फिसलने का जोखिम भी बढ़ सकता है। गर्भावस्था के 37वें हफ्ते में बच्चा पेल्विक में आ जाता है जिससे सांस लेने में परेशानी नहीं होती है। हालांकि अगर जरूरी हो तो रेलिंग का सहारा लेकर धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़नी चाहिए।
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सीढ़ियां चढ़ना एक फिजिकल एक्टिविटी है और इससे शरीर एक्टिव रहता है। इसके अलावा भी सीढ़ी चढ़ने के कई फायदे होते हैं जैसे...
ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में
एक रिसर्च में पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान सीढ़ियां चढ़ने से महिलाओं को प्रीक्लेम्पसिया यानी उच्च रक्तचाप की समस्या नहीं होती है।
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गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में सीढ़ियां चढ़ने से जेस्टेशनल डायबिटीज की संभावना कम हो जाती है। इससे प्रेग्नेंसी हेल्दी होती है।
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गर्भावस्था के दौरान सीढ़ियां चढ़ते या उतरते समय एक हाथ से रेलिंग पकड़ें और दूसरा हाथ खाली रखें।यह ध्यान रखें की सीढ़ियों पर पर्याप्त रोशनी हो। अंधेरे में सीढ़ी चढ़ने से बचें।यदि सीढ़ियों पर कारपेट बिछा हो तो यह ध्यान रखें कि किसी भी सीढ़ी पर कारपेट मुड़ा हुआ न हो।धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़ें और कोई जल्दबाजी न करें।अगर सीढ़ी चढ़ते समय सांस लेने में तकलीफ हो तो रुककर आराम करें।सीढ़ी गीली या फिसलन भरी नहीं होनी चाहिए।ढीले कपड़े पहनकर सीढ़ियां चढ़ने से बचें।
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यदि आपकी प्रेग्नेंसी हेल्दी है तो गर्भावस्था की पहली तिमाही तक सीढ़ी चढ़ना सुरक्षित है। लेकिन निम्न लक्षणों के सामने आने पर सीढ़ी चढ़ने से बचना चाहिए:
ब्लीडिंगउच्च या निम्न रक्तचापकोई बीमारी या ब्लड शुगर में उतार चढ़ाव
इस प्रकार जब तक आपको सीढ़ियां चढ़ने में कोई परेशानी नहीं महसूस होती है तब तक आप प्रेग्नेंसी के दौरान सीढ़ियां चढ़ सकती हैं। हालांकि हमेशा रेलिंग पकड़कर ही सीढ़ी चढ़ने की कोशिश करनी चाहिए।
गर्भ में बच्चा उल्टा हो तो सीधा कैसे करें
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चा उल्टा हो गया है तो बच्चे की स्थिति को ठीक किया जा सकता है। अब यह कोशिश कितनी सफल होगी, ये इस बात पर निर्भर करती है कि ब्रीच प्रेग्नेंसी का कारण क्या है। गर्भ में बच्चा उल्टा होने की स्थिति में अगर आप ऑपरेशन नहीं करवाना चाहती हैं तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें और इस मामले में किसी भी तरह की जिद करना सही बात नहीं है।
हालांकि, कुछ माओं ने यह दावा किया है कि एसेंशियल ऑयल जैसे कि पुदीने के तेल से पेट की मालिश करने से बच्चा खुद ही गर्भ में घूमकर सही स्थिति में आ जाता है। एसेंशियल ऑयल के इस्तेमाल से पहले गर्भवती महिला को डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए क्योंकि सभी एसेंशियल ऑयल प्रेग्नेंसी में सुरक्षित नहीं होते हैं।
इसके अलावा ब्रीच प्रेग्नेंसी में कुछ व्यायाम और पोजीशन भी बच्चे को सही स्थिति में लाने में मदद करते हैं। इसमें लिफ्ट की जगह सीढियों का इस्तेमाल करने से भी फायदा हो सकता है।
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