Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
पीरियड्स (Periods) यानी मासिक धर्म इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. पीरियड्स (Periods) के दौरान महिलाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पेट दर्द, कमर में दर्द सिर्फ इतना ही नहीं पीरियड्स के दौरान महिलाओं को चिड़चिड़ापन और गुस्सा बहुत ज्यादा आता हैं. इस दौरान एक महिला को सबसे ज्यादा अपना ध्यान रखने की आवश्यकता होती हैं.
लोगों के मन में मासिक धर्म को लेकर कई तरह के सवाल आते हैं. एक ऐसा ही सवाल है कि क्या पीरियड्स के दौरान महिलाओं के लिए अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाना सही है? या गलत.
शादीशुदा महिलाएं इस बात को लेकर ज्यादा कंफ्यूज रहती हैं कि इस दौरान संबंध बनाना चाहिए या नहीं. पहले के समय में लड़कियों को इस दौरान अशुद्ध बताकर अलग कमरे में बंद कर दिया जाता था. हालांकि अब समय बदल चुका है. लोगों की सोच में भी बदलाव आया हैं. चलिए आपको बताते हैं कि पीरियड्स में संबंध बनाना सेफ है या नहीं.
पीरियड्स (Periods) के दौरान शारीरिक संबंध (Physical Relation) बनाने को लेकर किसी स्टडी में साबित नहीं हुआ है कि ये हानिकारक है. हालांकि, इसे फायदेमंद भी नहीं बताया गया है. ऐसे में इसके नुकसान और फायदे दोनों हैं.
संबंध बनाना चाहिए या नहीं?
पीरियड्स में यौन संबंध बनाने में कभी-कभी गड़बड़ हो सकती है. संबंध बनाने से यौन इंफेक्शन का भी खतरा होता है. जैसे- एचआईवी, हर्प्स या हेपेटाइटिस की समस्या हो सकती है. ऐसे में पीरियड्स (Periods) के दौरान शारीरिक संबंध बनाना जोखिम भरा हो सकता है.
इंफेक्शन का जोखिम ज्यादा
एक्सपर्ट की मानें तो इस दौरान संबंध बनाने में कोई बुराई नहीं है लेकिन इससे संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा होता है. आमतौर पर योनि का pH स्तर 3.8 से 4.5 होता है लेकिन पीरियड्स में pH स्तर बढ़ जाता है। इससे यीस्ट इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है. पीरियड्स में संबंध बनाने से कुछ महिलाओं में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है.
पीरियड्स में संबंध बनाने के फायदे
एक्सपर्ट की मानें तो इस दौरान संबंध बनाने से मासिक धर्म के लक्षणों जैसे ऐंठन, माइग्रेन और सिरदर्द को कम किया जा सकता है.
आमतौर पर ओव्यूलेशन के 14 दिन (माहवारी के बाद व पहले के 7-7 दिन) कंसीव करने की संभावना अधिक होती है लेकिन पीरियड्स में गर्भधारण का रिस्क कम होता है.
सिर्फ शारीरिक सुख नहीं, एक व्यायाम भी
कहा जाता है कि इस दौरान पार्टनर से संबंध बनाने से कैलोरी बर्न होती है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है. साथ ही इससे महिलाओं की एक्सरसाइज भी हो जाती है, जिससे ब्लड फ्लो सही रहता है.
--------------------------- | --------------------------- |