मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरे 3 महीने के बच्चे को पर्याप्त स्तन दूध मिल रहा है?pregnancytips.in

Posted on Wed 19th Oct 2022 : 09:23

मुझे कैसे पता चलेगा कि शिशु ने भर पेट स्तनपान कर लिया है?

आपको इस बारे में हर बार शायद ही पता चले! कभी-कभी आप इसका गलत अंदाजा भी लगा सकती हैं। आपको लगेगा कि शिशु ने पेट भरकर दूध पी लिया है, वह संतुष्ट है और उसे नींद आ रही है। मगर, जैसे ही आप उसे अपने स्तन से हटाएंगी, वह उठ जाएगा और फिर से दूध की मांग करने लगता है।

या फिर हो सकता है कि स्तनपान के बाद शिशु अपने पालने या कॉट में सो रहा हो और आपको लगता है कि उसका पेट भर गया है। मगर, थोड़ी ही देर में वह उठकर रोने लगता है। जब आप उसे दोबारा स्तनपान कराने लगती हैं, तो वह आपको सच में भूखा लगता है।

वास्तव में, इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। शिशु को कितनी देर स्तनपान कराना चाहिए, इस बारे में शिशु से बेहतर कोई नहीं बता सकता। हालांकि, शिशु समय तो नहीं बता सकता। शिशु की स्तनपान करने की अवधि का उसकी स्तनपान करने की मात्रा से कोई खास लेना-देना नहीं है। अगर, स्तनपान की अवधि और मात्रा के बीच कोई संबंध हो, तो भी हमारे पास यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि शिशु को किसी एक समय पर कितना दूध चाहिए।

अपने शिशु को पहले एक स्तन से दूध समाप्त करने दें। इसका मतलब है कि जितनी देर तक वह चाहे, उसे उतनी देर तक एक स्तन से स्तनपान करने दें। अगर, वह स्वयं ही स्तन छोड़ दे और उनींदा प्रतीत हो, तो इस समय को स्तनपान के स्वाभाविक अंतराल के रूप में इस्तेमाल करें।

शिशु को थोड़ा ऊंचा उठाकर या कंधे से लगाकर डकार दिलाने का प्रयास करें। आप उसकी पीठ भी सहला सकती हैं। वह डकार ले भी सकता है और नहीं भी, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

अगर, वह अभी भी उनींदा लगे, तो आप उसे थोड़ा जगाने के लिए उसकी लंगोट (नैपी) बदल सकती हैं। उसके बाद, उसे दूसरे स्तन से स्तनपान कराएं। जरुरी नहीं है कि वह स्तनपान करना चाहे। अगर, वह नहीं करता है, तो उसे सोने दें। अगली बार स्तनपान उस दूसरे स्तन से ही करना शुरु करें, जिससे पहले नहीं कराया था।

इस तरह अपने शिशु को स्तनपान की गति निर्धारित करने देने का मतलब है कि आप उसे स्तनपान के अंत में आने वाला वसा समृद्ध पिछला दूध पीने में मदद कर रही हैं।

आप शायद पाएंगी कि स्तनपान करते हुए अंत में शिशु का स्तन चूसने का तरीका बदल जाता है। वह ज्यादा बार तेजी से चूसता है और बीच में कभी-कभी निगलता है। वसा समृद्ध दूध गाढ़ा होता है, इसलिए निप्पल से दूध निकालने के लिए चूसने में शिशु को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। शिशु की मर्जी के बिना उसे स्तन से हटा देने का मतलब है कि उसे पर्याप्त दूध नहीं मिल पाया है।

अगर, आप अक्सर यह भूल जाती हैं कि आपने पिछली बार शिशु को कौन से स्तन से दूध पिलाया था, तो आप अंतर पता करने के लिए अपनी कलाई पर कोई खास बैंड, चूड़ी या ब्रैसलेट पहन सकती हैं। जब भी आप एक तरफ से दूध पिलाना समाप्त करें, तो वह बैंड अपनी दूसरी कलाई में पहन लें।

ध्यान रखें कि शिशु की भूख हर दिन अलग हो सकती है और उसकी भूख दूसरे शिशु से भिन्न भी हो सकती है। इसलिए मां के तौर पर यह महत्वपूर्ण है कि आप शिशु के संकेतों को पहचानें और उसके अनुसार प्रतिक्रिया दें।

कुछ दिनों में आप अपने शिशु की दिनचर्या को समझने लगेंगी और यह पता लगा पाएंगी कि कब उसका पेट भर चुका है। इस बात का निर्णय इससे न करें कि शिशु कितनी देर तक स्तनपान करता है। कुछ शिशु काफी सारा दूध तेजी से निकाल पाने में सक्षम होते हैं, वहीं दूसरों को इसमें थोड़ा समय लगता है।

ध्यान रखें कि यदि आपका शिशु पर्याप्त दूध पी रहा है, तो उसकी काफी सारी नैपी गीली होंगी। 24 घंटों में कम से कम छह गीली लंगोट होनी चाहिए। यदि आपका शिशु स्वस्थ लगे, अच्छे से सोए और उसका वजन भी लगातार बढ़ रहा है, तो चिंता वाली कोई बात नहीं होती। बेहतर है कि आप केवल एक बार के स्तनपान को लेकर न सोचें, बल्कि एक समग्र रूप में इसे देखें।

फलता-फूलता शिशु जगे होने पर काफी सचेत और प्रतिक्रिया देने वाला होता है। उनकी त्वचा का रंग और मसल टोन अच्छी होगी, वे भूख लगने पर स्तनपान की मांग करेंगे और दूध पी लेने के बाद संतुष्ट दिखाई देंगे।

इन सबके बावजूद, यदि आपको अपने शिशु के स्तनपान करने के तरीके और विकास को लेकर कुछ शंकाएं हैं, तो अपनी परख पर विश्वास रखें। आप वह इंसान हैं, जो अपने शिशु को सबसे बेहतर ढंग से जानती हैं, और उसके व्यवहार में जरा भी बदलाव आने पर आप तुरंत पहचान सकेंगी। यदि आप चिंतित हों और समझ न पा रही हों कि यह क्या है, तो शिशु के डॉक्टर से बात करें।

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