Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
गर्भावस्था में कितना वजन बढ़ेगा?
औसतन, अधिकांश महिलाओं का वजन गर्भावस्था के अंत तक 10 से 12.5 किलोग्राम तब बढ़ जाता है।
हालांकि, गर्भावस्था में वजन वृद्धि की दर हर महिला में अलग हो सकती है और यह कई बातों पर निर्भर करती है। आप हमारे प्रेगनेंसी वेट गेन कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर देख सकती हैं कि आपकी वजन वृद्धि सही दर से हो रही है या नहीं। यह अमेरिकी सलाह पर आधारित है और आपके कद और गर्भावस्था से पहले के वजन के आधार पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन करता है।
गर्भावस्था में वजन बढ़ना स्वाभाविक है और स्वस्थ संकेत है। गर्भ में शिशु के उचित विकास और उसे जिंदगी की सही शुरुआत देने के लिए के लिए शरीर में बदलाव आने जरुरी होते हैं।
जब आप प्रसव की अनुमानित तिथि (ड्यू डेट) के करीब पहुंचती हैं, तो आपके बढ़े हुए अतिरिक्त वजन का करीब एक तिहाई हिस्सा शिशु, प्लेसेंटा और एमनियोटिक द्रव का होता है। हर माँ और हर शिशु अलग होते हैं, मगर यहां कुछ औसत आंकड़ें दिए गए हैं:
पूर्ण अवधि पर जन्मे एक औसत भारतीय शिशु का जन्म के समय वजन 2500 ग्राम (2.5 किलो) से 2900 ग्राम (2.9 किलो) के बीच होता है।
शिशु को पोषण देने वाली अपरा (प्लेसेंटा) का वजन 0.7 किलोग्राम होता है।
शिशु को सहारा और सुरक्षा प्रदान करने वाले एमनियोटिक द्रव का वजन 0.8 किलोग्राम होता है।
बढ़े हुए अतिरिक्त वजन में अन्य दो-तिहाई हिस्सा गर्भावस्था के दौरान शरीर में आए बदलावों का होता है। औसत आंकड़ों के अनुसार:
गर्भावस्था के दौरान, आपके गर्भाशय की मांसपेशीय परत तेजी से बढ़ती है और इसका वजन अतिरिक्त 0.9 किलोग्राम बढ़ जाता है।
रक्त की मात्रा भी बढ़ जाती है और शरीर में अतिरिक्त 1.2 किलोग्राम वजन बढ़ जाता है।
शरीर में अतिरिक्त तरल होता है, जिसका वजन करीब 1.2 किलोग्राम होता हैं
आपके स्तनों का वजन अतिरिक्त 0.4 किलोग्राम बढ़ जाता है।
गर्भावस्था के दौरान संग्रहित अतिरिक्त चर्बी का वजन करीब 4 किलोग्राम होता है, ताकि स्तनपान के दौरान अतिरिक्त ऊर्जा मिल सके।
गर्भावस्था में आपका वजन वास्तव में कितना बढ़ेगा यह कई कारणों पर निर्भर करता है। आपकी बीएमआई और खानपान इन्हीं कारणों में से दो कारण हैं।
अगले नौ महीनों में आपके शरीर में किस तरह बदलाव आएगा यह आपकी उम्र, नस्ल और एक्सरसाइज के स्तर पर भी निर्भर करता है।
गर्भावस्था में मैं अपने वजन पर नियंत्रण कैसे रख सकती हूं?
अपने वजन को नियंत्रण में रखने का सबसे अच्छा तरीका है स्वस्थ, संतुलित आहार का सेवन और सक्रिय रहना।
गर्भावस्था में वजन वृद्धि के निर्देशों का पालन करना मुश्किल हो सकता है, विशेषकर यदि आपने पहले कभी इतने कार्बोहाइड्रेट्स नहीं खाए हैं और अब हर कोई आपको शायद दो लोगों के लिए खाने की सलाह दे रहा होगा।
दो लोगों के लिए खाने का मतलब सामान्य से दोगुना खाना नहीं है। याद रखें कि आप नन्हे शिशु के लिए खा रही हैं, किसी वयस्क के लिए नहीं!
पहली तिमाही में तो आपको अतिरिक्त कैलोरी की जरुरत भी नहीं होती है। अधिकांश डॉक्टर दूसरी और तीसरी तिमाही में 300 अतिरिक्त कैलोरी के सेवन की सलाह देते हैं।
मगर निम्न स्थितियों में आपके कैलोरी सेवन की मात्रा कम या ज्यादा हो सकती है, जैसे:
गर्भावस्था से पहले आपका वजन सामान्य से कम था
गर्भावस्था से पहले आपका वजन सामान्य से ज्यादा था
आपके गर्भ में एक से ज्यादा शिशु पल रहे हैं
यहां जानें कि गर्भावस्था में आपको कितनी कैलोरी की जरुरत होती है। सेहतमंद आहार के लिए आपको विभिन्न तरह के भोजन खाने चाहिए, जैसे:
चावल, चपाती, ब्रेड, पास्ता, आलू और सीरियल्स (कार्बोहाइड्रेट्स)। जटिल (कॉम्प्लेक्स) कार्बोहाइड्रेट्स चुनें जेसे - भूरे चावल (ब्राउन राइस), किनोआ और साबुत अनाज और मल्टीग्रेन वैरायटी। साबुत आनाज के उत्पाद मैदा से बेहतर रहते हैं। ये भोजन आपके रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखेंगे और लंबे समय तक आपका पेट भरा रहेगा। इस तरह दिन में आपको गैर पौष्टिक भोजन खाने की इच्छा शायद नहीं होगी। आपको शायद लगे कि इन भोजनों से मोटापा बढ़ सकता है, मगर आपके दैनिक आहार में एक तिहाई हिस्सा इनका होना चाहिए।
रोजाना पांच हिस्से फल और सब्जियां। ये भी आपके दैनिक आहार का एक तिहाई हिस्सा होना चाहिए।
प्रोटीन जैसे कि मांस (मगर कलेजी नहीं), मछली, अंडें और दाल-दलहन।
डेयरी उत्पाद जैसे दूध, पनीर, दही, योगर्ट और चीज़। यदि आपका वजन सामान्य से ज्यादा है तो इनका कम वसा वाला विकल्प चुनें।
एक साथ अधिक मात्रा में भोजन न खाएं। अपने पॉर्शन साइज को कम करने के लिए आप छोटी प्लेट ले सकती हैं। कम मात्रा में मगर बार-बार खाने से आपका एसिडिटी और सीने में जलन (हार्टबर्न) से बचाव होगा।
चाट, स्ट्रीट फूड, बिस्किट, केक, आइसक्रीम या सोडायुक्त पयों का सेवन कभी-कभार ही करें।
पारंपरिक तौर पर गर्भवती महिला को घी और पूर्ण वसा वाला दूध लेने की सलाह दी जाती थी, ताकि पर्याप्त कैलोरी मिल सकें। मगर, यदि आप संतुलित आहार खा रही हैं, तो इनसे आपको जरुरी कैलोरी मिल जाएगी।
गर्भावस्था के दौरान जलनियोजित रहना जरुरी है। पर्याप्त पानी पीने से यह फायदा भी है कि आपको एक भोजन से दूसरे भोजन के बीच और स्नैक्स के बीच संतुष्टि रहती है।
यदि आपको स्वस्थ आहार के विकल्प चाहिए हों तो हमारी तिमाही-दर-तिमाही आहार योजना देखें। इसमें आपको कई स्वादिष्ट और सेहतमंद विकल्प मिलेंगे।
--------------------------- | --------------------------- |