Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
शिशु की सांस तेज चलने के क्या कारण हो सकते हैं? जानें इस स्थिति में क्या करें
नए माता-पिता इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि आखिर शिशु की सांस तेज क्यों चलती है। आप भी जान लें कारण।
शिशु को लेकर माता-पिता के मन में कई सवाल होते हैं। कई लोग ये जानना चाहते हैं कि शिशु के तेज सांस लेने की पीछे क्या कारण है। आपको शिशु के सांस लेने की गति पर नजर रखना जरूरी है। नवजात शिशु का तेजी से सांस लेना चिंता का विषय बन सकता है। शिशुओं की फेफड़े छोटे होते हैं इसलिए उनकी सांस तेज हो सकती है। जैसे-जैसे शिशु बड़े होते जाते हैं उनके फेफड़ों का विकास होने लगता है और उनके फेफड़ों की क्षमता बढ़ जाती है। इस लेख में हम शिशु की सांस तेज चलने का कारण और इलाज बताएंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
शिशु के तेज सांस लेने के कारण
जब शिशु की सांस तेज चलने लगे और पेट की मांसपेशियों में ज्यादा हलचल महसूस हो, तो डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करवाएं। कई बार ऑक्सीजन अंदर न पहुंच पाने के कारण सांस लेने में तकलीफ महसूस हो सकती है।
फेफड़ों से जुड़े रोगों में भी शिशु को सांस लेने की तकलीफ महसूस हो सकती है।
नाक में म्यूकस जमा होने के कारण भी शिशु को सांस लेने में समस्या या तेज सांस लेने की समस्या हो सकती है।
गले में संक्रमण (throat infection) के कारण शिशु की सांस तेज चल सकती है।
सर्दी-जुकाम (cold) होने पर भी शिशु की सांस तेज चल सकती है।
शिशु की सांस तेज चलने पर क्या करें?
तेज सांस लेने की समस्या होने पर डॉक्टर शिशु को एंटीबायोटिक दे सकते हैं। इंफेक्शन के कारण तेज सांस लेने की समस्या (breathing problem) हो सकती है। शिशु के जन्म के 5 से 6 घंटे के भीतर ही उसकी जांच करनी चाहिए। अगर शिशु की श्वसन दर को लेकर चिंता हो रही है, तो आप डॉक्टर की सलाह लें और जांच करवाएं। कई बार शिशु को दूध पिलाने के बाद अपच की सस्या हो जाती है। इस कारण से भी शिशु तेज सांस ले सकता है। तेज सांस लेने के लक्षण नजर आने पर आप शिशु की पीठ थपथपाएं और शिशु को सही पोजिशन में रखें। इससे शिशु का ब्रीदिंग पैर्टन नॉर्मल हो जाएगा।
शिशु का पल्स रेट चेक करें
नवजात शिशुओं की बीट्स एक मिनट में 160 होती है। एक्टिव होने पर बीट्स थोड़ी बढ़ सकती हैं। आपको लग रहा है कि शिशु तेज सांस ले रहा है, तो शिशु का पल्स रेट (pulse rate) चेक करें। अगर शिशु का पल्स रेट अनियमित है, तो बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जाएं। आप बच्चे की कलाई पर उंगली रखकर एक मिनट में उसकी पल्स रेट चेक कर सकते हैं।
शिशु की श्वसन दर चेक करें
आपको इस बात पर गौर करना चाहिए कि शिशु की छाती एक मिनट में कितनी बार उठ रही है। इसे चेक करने के लिए आप अपने हाथ को हल्के से शिशु की छाती पर रखें। इससे आपको पता चलेगा कि शिशु कितनी बार सांस ले रहा है। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि शिशु की छाती पर तेज हाथ न रखें।
शिशु का तेज सांस लेना कई बार सामान्य होता है पर ये समस्या ज्यादा देर तक होने पर आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। शिशु को बिना डॉक्टर की सलाह लिए कोई दवा न दें।
--------------------------- | --------------------------- |