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शिशुओं में गैस बनने के लक्षण और दूर करने के 4 घरेलू उपाय
शिशु जब दूध पीने के बाद आसानी से डकार नहीं ले पाते या पेट में गैस बन जाती है, तो वे बेचैनी महसूस करने लगते हैं। ऐसे में आप कुछ बातों पर गौर करके जान सकते हैं कि आपका बच्चा गैस बनने से परेशान है। इसे दूर करने के लिए आप नीचे बताए गए लक्षणों और उपायों को अपना सकते हैं।
मां का दूध पीने वाले शिशुओं में अक्सर गैस की समस्या (Gas Problem in Newborn Baby) होती है। कई बार दूध पीने के बाद वे सही से डकार नहीं ले पाते हैं, जिससे उन्हें तकलीफ होने लगती है। वे बेचैन रहते हैं, रोते हैं। गैस होने की समस्या शिशुओं (Baby Care) में कॉमन है, लेकिन बार-बार ऐसा होना उनकी सेहत के लिए सही नहीं होता है। कई बार बच्चे आसानी से गैस पास करते हैं, लेकिन जब गैस पास सही से नहीं होता है या डकार नहीं आती, तो वे रातभर बेचैनी महसूस करते हैं। शिशु के पेट में दर्द भी शुरू हो सकता है। ऐसे में आप कुछ बातों पर गौर करके जान सकते हैं कि आपका बच्चा गैस बनने से परेशान है। इसे दूर करने के लिए आप नीचे बताए गए लक्षणों और उपायों को अपना सकते हैं।
शिशुओं में गैस बनने के लक्षण
बच्चे दिन भर में 10-20 बार गैस पास कर सकते हैं। दरअसल, शिशु दिन भर में कई बार अपनी मां का दूध पीते हैं। एक से दो साल के बच्चे कुछ खाते-पीते भी हैं, जो गैस बनने का कारण हो सकता है। छोटे बच्चे कई बार छोटी-मोटी चीजें खाते भी रहते हैं। कुछ आसानी से पच जाते हैं, तो किसी भोजन को पचने में समय लगता है। ऐसे में पेट में गैस फॉर्म हो सकता है। जब यह गैस शरीर से बाहर नहीं निकलता है, तो वे परेशान होते हैं, पेट दर्द से खीजते हैं। ऐसा शिशु के पाचन क्रिया में परेशानी होने से भी होता है। गैस बनने के लक्षणों को इन बातों से पहचानें-
गैस पास नहीं कर पा रहा हो, पेट टाइट या फूला हुआ हो। असहज महसूस कर रहा हो।
बच्चा अपना पैर ऊपर-नीचे कर रहा हो, तो उसे गैस की समस्या है।
लगातार रो रहा हो, नींद ना आती हो, बेचैन महसूस करे।
गैस पास करते समय या तुरंत बाद रोना।
शिशु में गैस की समस्या को दूर करने के उपाय
1. दूध पिलाते वक्त सिर को रखें ऊंचा
बोतल से दूध पिलाते हैं, तो शिशु (Gas Problem in Newborn Baby in Hindi) का सिर पेट से थोड़ा ऊपर रखें। ऐसा करने से दूध पीने के दौरान बनने वाला गैस ऊपर की तरफ आ जाएगा। वह आसानी से डकार लेकर गैस बाहर निकल सकता है। बोतल को भी ऊपर ही रखना चाहिए, ताकि उसमें बुलबुले नहीं बन पाएं।
2. दूध पिलाने के बाद दिलाएं डकार
लगातार शिशु का पेट दर्द कर रहा है, तो उसके पेट को छूकर देखें। बहुत आधिक टाइट तो नहीं है पेट। गैस का दर्द कम करने के लिए जैसे ही बच्चे को कुछ खिलाएं, उसे सबसे पहले डकार भी कराएं। अगर उसके बाद भी उसे परेशानी हो, तो उसे पीठ के बल लिटाकर दोबारा प्रयास करें।
3. डॉक्टर से तुरंत करें बात
2-3 दिन से बच्चा परेशान है, लगातार रो रहा है तो डॉक्टर से तुरंत मिलें। शिशुओं को खट्टे फलों का जूस ना पिआएं। इनमें ऐल्कोहल, शुगर आदि अधिक होते हैं, जिस शिशु नहीं डाइजेस्ट कर सकता है।
4. बच्चे को गुनगुने पानी से नहलाएं
बच्चे का पेट फूला नजर आए, तो उसे पीठ के बल लिटाकर उसकी मालिश करें। बच्चे के पैरों को चलाएं। उसे गुनगुने पानी से नहलाएं। इससे भी पेट में बना गैस बाहर निकलने में आसानी होती है।
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