मैं अपने बच्चे को अकेला कैसे खड़ा कर सकती हूं?pregnancytips.in

Posted on Fri 21st Oct 2022 : 11:14

चलना सीखना शिशु की जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है। यह उसकी आजादी की तरफ एक बड़ा कदम है।
मेरा शिशु चलना कब शुरु करेगा?
शिशु अपने पहले साल में धीरे-धीरे तालमेल और मांपेशियों की ताकत हासिल करेगा। वह बैठना, पलटना और घुटनों के बल चलना सीखेगा।

इसके बाद आपका शिशु शायद खुद खड़े होने का प्रयास करेगा। वह शायद छह से 10 महीनों के बीच किसी चीज का सहारा लेकर खड़ा होना शुरु कर देगा।

इसके बाद से यह केवल आत्मविश्वास और संतुलन की बात रह जाती है। अधिकांश शिशु अपने पहले जन्मदिन तक चलना शुरु कर देते हैं। 15 महीने का होने तक अधिकांश बच्चे बिना किसी सहारे के टेढ़े-मेढ़े कदमों से चलने लगते हैं।

अगर आपके शिशु ने अभी तक चलना शुरु नहीं किया है, तो भी चिंतित न हों। कुछ बच्चे 17 या 18 महीनों के होने पर भी नहीं चलते हैं। घुटनों के बल चलने वाले बच्चों की तुलना में नितंबों को घिसटने वाले बच्चे देर से चलना शुरु करते हैं।
मेरा शिशु चलना कैसे सीखेगा?
नवजात से लेकर दो महीने का शिशु
जन्म से ही शिशु की प्रवृत्ति होती है कि वह अपने पैरों के नीचे महसूस होने वाली सतह पर अपनी टांगें टिकाता है।

अगर, आप नवजात शिशु के सिर को सहारा देते हुए उसे अपनी गोद में सीधा खड़ा करेंगी, तो आप महसूस करेंगी कि वह अपनी टांगों के इस्तेमाल का प्रयास करता है। वह चलने का प्रयास नहीं कर रहा, मगर यह उसकी प्रवृत्ति ही है। अभी के लिए, उसकी टांगें इतनी मजबूत नहीं हैं कि वह खड़ा हो सके। यह प्रवृत्ति कुछ महीनों बाद खत्म हो जाएगी।

पांच से 10 महीने का शिशु
शिशु के पांच महीने का होने पर यदि आप उसे अपनी जांघों पर खड़ा करके पैरों का संतुलन बनाने दें, तो वह ऊपर-नीचे उछलेगा। इस तरह उछलना अगले कुछ महीनों तक उसका पसंदीदा कार्यकलाप होगा।

बहुत से शिशुओं को बाउंसर झूले में ऊपर-नीचे उछलना अच्छा लगता है। बहरहाल, अगर आप भी दरवाजे पर लगने वाले बाउंसर झूले का इस्तेमाल करती हैं, तो शिशु को सीमित समय के लिए ही उस पर बिठाएं। अपनी निगरानी में एक दिन में तीन बार 15-15 मिनट के लिए शिशु को बाउंसर पर बिठाना काफी है।

आपका शिशु जैसे-जैसे पलटना, बैठना और घुटनों चलना सीखता है, वैसे-वैसे उसकी मांसपेशियां भी मजबूत होती जाती हैं।

आठ और 10 माह की उम्र में वह शायद किसी फर्नीचर को पकड़कर खड़े होने के लिए खुद को उठाने का प्रयास शुरु करेगा। अगर आप उसे सोफे के साथ खड़ा करेंगी, तो वह सहारे के लिए सोफे को पकड़ने का प्रयास करेगा।

अगले कुछ हफ्तों में जब आपका शिशु ठीक से खड़ा होना सीख लेता है, तो वह फर्नीचर को पकड़कर चलना (क्रूज) शुरु करेगा। इसके बाद वह शायद इतना आत्मविश्वास हासिल कर लेगा कि वह सहारे को छोड़कर खुद खड़ा हो सके।

आपका शिशु जब फर्नीचर छोड़कर खड़ा होने को तैयार हो जाता है, तो वह शायद आपका हाथ पकड़कर कुछ कदम चल सकता है। आपका शिशु खड़े होते हुए किसी खिलौने को उठाने के लिए नीचे भी झुक सकता है।

नौ या 10 महीने का बच्चा खड़े होने के बाद यह सीखता है कि वह अपने घुटनों को मोड़कर किस तरह बैठ सकता है। ऐसा करना जितना आसान लगता है, उतना है नहीं!

11 से 13 महीने का शिशु
11 महीनों का होने तक आपका शिशु शायद बिना किसी सहारे के खड़ा होने लगेगा, झुक सकेगा और उकड़ू बैठ सकेगा। 12 महीने का होने तक वह आपका हाथ पकड़कर चलना शुरु कर सकता है। हालांकि, अभी उसे खुद अपने पहले कदम उठाने में थोड़ा और समय लग सकता है।

अधिकांश बच्चे शुरुआती कदम पैरों के पंजों के बल उंगलियों को बाहर की तरफ मोड़कर ही उठाते हैं।

13 महीने का होने पर आपका शिशु संभवतया खुद चलना शुरु कर सकता है, मगर शायद थोड़ा लड़खड़ाते हुए। अगर, आपके शिशु ने अभी तक फर्नीचर का सहारा लेकर चलना नहीं छोड़ा है, तो इसका मतलब है कि उसे अभी अपने आप चलने में थोड़ा समय और लगेगा। कुछ बच्चे 17 या 18 महीने का हो जाने पर चलना शुरु करते हैं।
चलना सीखने में मैं बच्चे की किस तरह मदद कर सकती हूं?
आपका शिशु जब खड़ा होना सीखता है, तो उसे वापिस बैठने के लिए आपकी मदद की जरुरत हो सकती है। अगर, वह ऐसा न कर पाए और रोना शुरु कर दे, तो उसे उठाकर सीधे बिठा न दें। इसकी बजाय, उसे दिखाएं कि घुटनों की मोड़कर किस तरह बैठा जाए, ताकि वह बिना लुढ़के बैठ सके। उसे खुद ही इसका प्रयास करने दें।

आप शिशु के सामने खड़े होकर या घुटनों पर बैठकर उसके दोनों हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ चलने के लिए प्रेरित कर सकती हैं।

आप उसके लिए टॉडल ट्रक या इसी तरह का कोई और खिलौना भी खरीद सकती हैं, जिसे वह पकड़कर आगे धकेल सकता है। ऐसे खिलौनों का चयन करें, जो स्थिर हों और जिनका आधार चौड़ा हो। बेबी वॉकर से दुर्घटना हो सकती है। ये शिशु को अतिरिक्त गति, अतिरिक्त लंबाई और कई खतरनाक चीजों तक पहुंचने का रास्ता दे देता है। साथ ही असमतल जगहो पर ये अस्थिर हो सकता है। इसलिए बेहतर है कि उनका इस्तेमाल न किया जाए।

जब आपका शिशु चलना सीख रहा होता है, तो बेहतर है कि शिशु के पांवों को जितना हो सके खुला रखें। हो सके तो उसे नंगे पैर रहने दें। नंगे पैर चलने से उसका संतुलन और समन्वय बेहतर होता है। तंग जूतों या जुराबों में बंधे होने की वजह से शिशु का पैर सीधा नहीं हो पाता और उचित ढंग से विकसित नहीं हो पाता।

यदि आपको लगे कि शिशु के पैरों का बचाव करने या गर्माहट देने के लिए उसे कुछ पहनाने की जरुरत है, तो मुलायम तले और न​ फिसलने वाली बूटी या जुराबें पहनाएं। जब तक शिशु घर से बाहर या खुरदरी या ठंडी सतहों पर चलना शुरु नहीं करता, तब तक आपको उसके लिए जूते खरीदने की जरुरत नहीं है।

जब आप शिशु के लिए जूते खरीदें तो अच्छी गुणवत्ता और उचित माप के जूते लें। दुकान पर मौजूद सेल्समैन आपको सही माप चुनने में दद कर सकते है, जिसमें शिशु का पैर बढ़ने के लिए भी उचित जगह हो।

जूतों में पैरों के हिलने-डुलने की पर्याप्त जगह होनी चाहिए, मगर ये बहुत बड़े नहीं होने चाहिए। क्योंकि शिशु के नन्हें पैर बहुत जल्दी बढ़ते हैं, इस​लिए हर महीने यह देख लें कि शिशु के जूते उसे सही फिट हो रहे हैं या नहीं। जब आपका शिशु खड़ा हो, तो उसके जूते में इतनी जगह होने की चाहिए कि आप शिशु की एड़ी और जूते की एड़ी के बीच अपनी छोटी उंगली डाल सकें। साथ ही पैर की सबसे बड़ी उंगली और जूते के आगे के स्थान के बीच भी एक पूरे अंगूठे की चौड़ाई जितनी जगह होनी चाहिए।

निस्संदेह सबसे जरुरी चीजों में से एक यह है कि शिशु को हमेशा गोद में उठाए न रखें। जब वह जगा हुआ हो उसे खुद घुटनों के बल या फिर फर्नीचर पकड़कर चलने दें। इससे उसके चलने के कौशल का अभ्यास हो सकेगा।

यह भी सुनिश्चित करें कि शिशु के चलने के लिए सुरक्षित माहौल हो। फर्श पर कोई भी अवरोध न हो, ताकि वह आसानी से चल सके। घर को शिशु के चलने के लिए सुरक्षित (चाइल्डप्रूफ) बनाएं। कभी भी अपने शिशु को अकेला न छोड़े, वह गिर भी सकता है या उसे आपकी मदद की जरुरत हो सकती है।

यह ध्यान रखें कि शिशु के पैर अभी विकसित हो रहे हैं, वे दिखने और कार्यशैली में वयस्कों जैसे नहीं है। यदि आपके बच्चे के पैर में बीच के उठे हुए स्थान पर बेबी-फैट पैडिंग है, उदाहरण के तौर पर उसका पैर थोड़ा समतल सा लग सकता है। या फिर हो सकता है उसे चलते समय अपने पैरों की उंगलियों को अंदर की तरफ मोड़ने की आदत हो, जिसे अंग्रेजी में इन-टोइंग या टोइंग इन कहा जाता है।

जब आपका शिशु चलना शुरु करता है, उसके टांगों की हड्डियों में भी बदलाव आता है। पुरानी हड्डियां टूटती हैं और अलग-अलग उन जगहों पर नई हड्डियां आती हैं, जहां शिशु के वजन को संभालने के लिए इनकी जरुरत है। जब शिशु छोटा था तो उसकी टांगे घुमावदार या धनुष के आकार की हो सकती हैं, मगर अब ये भी ठीक हो जाती हैं। चलना शुरु करने के छह से नौ महीनों में आमतौर पर शिशु की टांगें सीधी हो जाती हैं।

शिशु किस तरह हिलता-डुलता है और चलता है, इस पर नजर रखें। यदि आपको लगे कि वह एक ही तरफ या फिर कुछ अंगो की तरफ ज्यादा ध्यान देता है या फिर पैर उठाने में उसे परेशानी होती है, तो इस बारे में डॉक्टर को बताएं। छोटी उम्र में पैरों से जुड़ी समस्याओं को ठीक करना आसान होता है।

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wordpress 1 year ago 5 Answer
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