यदि बच्चा केवल एक स्तन लेता है तो क्या होता है?pregnancytips.in

Posted on Mon 17th Oct 2022 : 12:07

अगर आपको स्वाभाविक रूप से स्तनपान कराने में कुछ कठिनाई हो रही है, तो चिंता न करें। बहुत सी नई माताओं को स्तनपान कराने में माहिर होने के लिए अभ्यास और दृढता की जरुरत पड़ती है।
क्या यह सच है कि माँ का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम है?
हां। माँ का दूध शिशु के लिए सर्वश्रेष्ठ आहार है। शिशु को आहार देने का सबसे स्वास्थ्यवर्धक तरीका उसे स्तनपान कराना है।

स्तन दूध एक संपूर्ण आहार है। इसमें कम से कम 400 पोषक तत्व होते हैं। साथ ही इसमें हार्मोन और बीमारियों से लड़ने वाले यौगिक पदार्थ भी शामिल होते हैं, जो फॉर्मूला दूध में नहीं ​पाए जाते। जैसे-जैसे शिशु बढ़ता और विकसित होता है, तो उसकी जरुरत के अनुसार मां के दूध की पौष्टिक मात्रा भी व्यवस्थित होती जाती है।

अपने शिशु को विशेषकर छह महीनों तक केवल स्तनदूध पिलाना (एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग) उसके लिए बहुत अच्छा है। यह शिशु का बौद्धिक विकास बेहतर करता है। इसलिए, स्तनपान शिशु को बुद्धिमान भी बना सकता है।

जिन शिशुओं को जन्म से स्तनपान कराया जाता है, उनकी जीवन के पहले वर्ष में बीमार पड़ने की संभावना बहुत कम होती है। स्तनपान से आपके शिशु को निम्नांकित बीमारियों से बचाव में मदद मिल सकती हैः

जठरान्त्रशोथ (गैस्ट्रोएन्टराइटिस)
निमोनिया और श्वासनलिकाशोथ (ब्रोंकियोलाइटिस)
कान में इनफेक्शन


हम यह नहीं कह सकते कि अनन्य स्तनपान करने से बच्चों में एग्जिमा होने का खतरा कम हो जाता है। मगर, जिन शिशुओं ने स्तनपान किया है, चाहे कितनी भी समयावधि के लिए, उन्हें गंभीर एग्जिमा होने की दर फॉर्मूला दूध पीने वाले शिशुओं की तुलना में कम होती है। यह भी संभव है कि स्तनपान की वजह से बच्चे में पहली बार एग्जिमा संभावित समय से काफी देर बाद हो।

स्तनपान से आपके और शिशु के बीच विशेष बंधन बनाने में मदद मिलती है। लंबी अवधि के परिपेक्ष्य में देखा जाए, तो स्तनपान शिशु को स्वस्थ बने रहने में मदद करता है। अध्ययनों में, बचपन में माँ का दूध पीने वाले और फॉर्मूला दूध पीने वालों का तुलनात्मक अध्ययन दर्शाया गया है। इसमें पाया गया कि स्तनपान करने वालों का:

रक्तचाप कम था
कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम था
उनमें सामान्य से अधिक मोटापा होने की संभावना कम थी
उनमें टाइप 2 मधुमेह होने की भी संभावना कम थी

स्तनपान करवाना आपके लिए भी अच्छा है और वजन कम करने में आपकी मदद कर सकता है। दीर्घकालीन परिपेक्ष्य में देखा जाए तो, यह निम्न तरीकों से मददगार है:

स्तन कैंसर के जोखिम को कम करता है
रजोनिवतृति पर पहुंचने से पहले डिम्बग्रंथि कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है
टाइप 2 मधुमेह विकसित होने के खतरे को कम करता है

मुझे कब तक स्तनपान करवाना चाहिए?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) और स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह है कि बच्चों को उनके पहले छह महीनों में सिर्फ माँ का दूध दिया जाए। इसे अनन्य स्तनपान (एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग) कहते है। वे यह भी कहते हैं कि ठोस आहार शुरू करने के बाद भी शिशु के पहले साल के अंत तक स्तनपान जारी रखना चाहिए। अगर आप चाहें, तो इसे आगे भी जारी रख सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन शिशुओं को दो साल तक स्तनपान कराने की सलाह देता है।

ठोस आहार का सेवन शुरु करवाने के बाद भी स्तनपान जारी रखने से शिशु की प्रतिरक्षण प्रणाली को फायदा पहुंच सकता है। उसकी सीलिएक डिजीज़ और टाइप 1 मधुमेह जैसी स्वास्थ्य समस्याएं विकसित होने की संभावना काफी कम हो सकती है।

अधिकांश माएं शिशु को छह से 12 महीनों तक स्तनपान कराती हैं, वहीं कुछ शिशु के एक साल का हो जाने के बाद भी स्तनपान जारी रखती हैं (एक्सटेंडेड ब्रेस्टफीडिंग)। काफी कुछ आपकी व्यक्तिगत स्थिति और स्तनपान को लेकर आपकी सोच पर निर्भर करता है।
मैं स्तनपान के लिए कैसे तैयारी कर सकती हूं?
अपने शरीर को स्तनपान के लिए तैयार करने के लिए आपको स्वस्थ रहना होगा और पौष्टिक भोजन खाना होगा। शिशु के जन्म से पहले आप जितना ज्यादा स्तनपान के बारे में जानकारी ले सकें उतना ही अच्छा होगा, क्योंकि समय आने पर यह जानकारी काफी मददगार साबित होगी।

अपने पति को भी स्तनपान के बारे में जानकारी लेने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि वे आपकी मदद कर सकें।
मैं स्तनपान की शुरुआत कैसे करुं?

चूंकि स्तनपान करवाने में पांच से लेकर 40 मिनट तक लग सकते हैं, इसलिए शुरु करने से पहले एक आरामदायक स्थान चुनें। माहौल बहुत अहम है, खासतौर पर स्तनपान करवाने के शुरुआती दिनों में, जब आप इस पर अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही हों।

अगर, घर-बाहर के शोरगुल के कारण आपका ध्यान आसानी से विचलित हो जाता है, तो किसी शांत जगह को ढूढ़िए। अगर आप जल्दी ऊब जाती हैं, तो हो सकता है आप रेडियो, स्टीरियो या टेलीविजन के सामने स्तनपान करवाना चाहें। लेकिन, ऐसा केवल तभी करें, जब आपके और आपके शिशु के लिए स्तनपान बढ़िया चल रहा हो। अलग-अलग जगहों पर स्तनपान करा कर देखें कि आपके लिए कौन सा स्थान उचित रहेगा।

हमेशा यह सुनिश्चित करें कि स्तनपान के दौरान आप और शिशु दोनों ही आरामदायक स्थिति में रहें। अपने बच्चे को एक ऐसी अवस्था में थामें, जिससे आपकी बाँहों और पीठ में दर्द नहीं हो। शिशु को सहारा देने के लिए गद्दियां या तकिये पास रखें। अर्ध-लेटी अवस्था में स्तनपान करवाने के लिए आपको पीठ के बल लेटना होगा, ताकि शिशु आपके शरीर पर आराम से लेट सके और आपके हाथ उसे सहारा देने के लिए खाली हों। या ​आप शिशु को गोद में लेकर दूध पिला सकती हैं, इसमें शिशु को अपनी छाती के पार झुलाने की स्थिति में पकड़कर ऊंची गद्दी या तकिए पर रखकर स्तनपान कराना होता है। आप अपने आराम के लिए पैरों को स्टूल पर भी रख सकती हैं।

स्तनपान कराना शुरू करने से पहले खुद को और अपने शिशु को एक विश्रामदायक अवस्था में लाएं। इस बात पर ध्यान दें कि जब आपका बच्चा स्तनों को मुँह में लेता है (लैचिंग), तब आपके स्तनों पर कैसा महसूस होता है। उसे स्तनाग्र का एक बड़ा हिस्सा मुँह में भर लेना चाहिए।

यदि आपके स्तन बड़े हैं, तो आपको करवट लेकर लेटे हुए स्तनपान करवाना आरामदायक लग सकता है या फिर आप शिशु को रग्बी बॉल की तरह अपनी बाजू के नीचे से पकड़ सकती हैंं।

अगर शिशु द्वारा स्तन चूसने से आपको दर्द हो रहा हो, तो अपनी छोटी उंगली शिशु के मुंह में किनारे से उसके मसूड़ों और आपके निप्पल के बीच डाल कर चुसाव रोक दीजिए। दोबारा फिर प्रयास करें। जब एक बार आपका बच्चा स्तन को सही प्रकार से थाम लेगा, तो वह बाकी काम खुद करने में समर्थ हो जाएगा।


अपने बच्चे को बारी-बारी से दोनों स्तनों की बजाय एक स्तन से ही पूरी तरह स्तनपान करने दीजिए। स्तनपान के बीच स्तन बदलने से बच्चे को ढेर सारा पानीदार अग्रदूध मिल सकता है, लेकिन वसा समृद्ध पिछला दूध पर्याप्त नहीं मिल पाएगा। इसके कारण बच्चा चिड़चिड़ा होकर बार-बार स्तनपान की मांग कर सकता है।

एक स्तन का दूध पीने के बाद भी अगर आपका शिशु भूखा लग रहा है, तो उसे दूसरा स्तन पेश करें। मगर, दूसरे स्तन से दूध पिलाना शुरू करने से पहले उसे डकार दिलवाना जरूर याद रखें।
क्या स्तनपान कराना आसान है?
कुछ महिलाएं आसानी से स्तनपान के साथ अपना तालमेल बिठा लेती हैं। परंतु कई नई माँओं को शुरुआती दिनों में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए, अगर आप हताश महसूस कर रही हैं, तो याद रखिए कि आप अकेली नहीं हैं, जिसे परेशानी हो रही है।

अपनी माँ या सास से इस बारे में बात करने से कुछ मदद मिल सकती है। परिवार के ऐसे सदस्य और दोस्त भी आपको सलाह और सुझाव दे सकते हैं, जो हाल ही में माँ-बाप बने हों। स्तनपान करवाने वाली अन्य माँओं से सहायता के लिए आप बेबीसेंटर कम्युनिटी के ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट एंड हेल्प ग्रुप में शामिल हो सकती हैं।

यदि आपको समस्याएं हो रही हों, तो आप अपनी डॉक्टर से भी बात कर सकती हैं या फिर उनसे स्तनपान विशेषज्ञ के बारे में जानकारी ले सकती हैं। डॉक्टर आपका शिशु को स्तनपान कराने का तरीका देखकर, आप दोनों के लिए स्तनपान आसान बनाने के सुझाव दे सकती हैं।

स्तनपान कराने के लिए अभ्यास की जरूरत है। यह एक ऐसा हुनर है, जो आपको और आपके शिशु को बिल्कुल शुरुआत से सीखना है। इस कला में महारथ हासिल करने के लिए स्वयं को अधिक से अधिक समय दीजिए। हो सकता है इसमें एक दिन, एक सप्ताह लगे या या फिर एक बार में बस एक फीड में हो जाए।

अगर एक दिन स्तनपान का अनुभव अच्छा नहीं रहा हो, तो खुद को ढांढस दीजिए कि कल बेहतर होगा। इस बात को ध्यान में रखिए कि आप को जो दिक्कतें हो रही हैं, वे जल्द ही खत्म हो जाएंगी।

प्रसव के बाद वाले चेक-अप के समय तक आप शायद बेहिचक स्तनपान करवा रही होंगी। यदि ऐसा नहीं हो, तो डॉक्टर से मदद मांगने में संकोच नहीं कीजिए।
क्या मैं सार्वजनिक स्थानों में स्तनपान करवा सकती हूँ?
बहुत सी नई माएं यह सवाल पूछती हैं। और काफी सा​री महिलाएं घूमने-फिरने जाने पर या फिर घर पर परिवार के सदस्यों या दोस्तों के आने पर स्तनपान करवाने में हिचकिचाहट व शर्म सी महसूस करती हैं।

शिशु जब भूखा हो, तो उसे स्तनपान करवाना आपकी पहली प्राथमिकता है। इसमें संकोच वाली कोई बात नहीं है। आप वही कर रहीं हैं, जो आपके शिशु के लिए अच्छा है।

समय और अभ्यास के साथ आप खुद अपनी तकनीक विकसित कर लेंगी और बिना किसी संकोच के सार्वजानिक स्थानों में अपने शिशु को दूध पिला पाएंगी।

आप स्तनपान कराते समय अपने कंधे या छाती पर एक स्कार्फ, दुपट्टा या साड़ी का पल्लू डालकर ढक सकती हैं। इससे आप गोपनीयता से शिशु को स्तनपान करा पाएंगी। बाजार में बड़ी संख्या में स्तनपान आवरण और गले में टांगने वाले आच्छादन भी उपलब्ध हैं। अगर, आप स्तनपान कराते समय आवरण करती हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि शिशु को अधिक गर्मी न लगे और वह आराम से सांस ले सके।
स्तनपान के लिए मुझे क्या कुछ खरीदने की आवश्यकता है?
आरामदायक स्तनपान या नर्सिंग ब्रा खरीदना आपके लिए सबसे जरुरी होगा। आपको कम से कम ऐसी दो ब्रा चाहिए होंगी, ताकि आपके स्तनों को उचित सहारा मिल सके। इनमें हुक या जिप लगी होती है, जिनको आप स्तनपान करवाते समय आसानी से खोल सकती हैं।

सुनिश्चित कीजिए कि ये ब्रा सही नाप की है और इसमें लगे आवरक ( फ्लैप) पूरी तरह से खुल जाते हैं। अगर आवरक खोलने से स्तन का केवल एक छोटा हिस्सा खुलता या अनावरित होता है, तो ब्रा से स्तनों पर दबाव पड़ सकता है। परिणामस्वरूप नसें अवरुद्ध हो सकती हैं या मेस्टाइटिस हो सकता है।

आप ब्रा की यह खरीदारी करने के लिए शिशु के जन्म तक इंतजार कर सकती हैं, ताकि एकदम सही नाप की ब्रा ली जा सके। मगर यह भी ध्यान में रखें कि शिशु के जन्म के बाद आपको एकांतवास का पालन करना हो सकता है। आप यदि एकांतवास की परंपरा को न भी मानती हों, तो भी नवजात शिशु के साथ घर से बाहर निकलना आसान नहीं होगा। इसलिए संभव हो, तो गर्भावस्था के अंतिम चरण पर यह खरीदारी कर लें।

हालांकि, कुछ बड़ी दुकानों में ऐसे कर्मचारी होते हैं, जो गर्भावस्था के 36वें सप्ताह के बाद की नर्सिंग ब्रा के सही नाप के बारे में प्रशिक्षित होते हैं। आप अपनी पसंद की ब्रा का चयन कर लें और शिशु के जन्म के बाद अपने पति या परिवार के किसी अन्य सदस्य से वह नर्सिंग ब्रा लाने के लिए कह दें।

हो सकता है आप पाएं कि आपके स्तनों से रिसाव होता रहता है। किसी दूसरे बच्चे को रोते हुए देखने पर या कोई नवजात शिशु दिखाई देने पर दूध का प्रवाह उत्प्रेरित हो सकता है। इसलिए आप बार-बार धुल सकने वाले या उपयोग करके फैंकने वाले (डिस्पोजेबल) ब्रेस्ट पैड खरीदकर रख सकती हैं। साथ ही रात में सोने के हिसाब से हल्की नर्सिंग ब्रा खरीदें, ताकि आप सोते समय भी उसमें ब्रेस्ट पैड लगाकर सो सकें।

यदि आप अपना स्तनदूध निकालकर (एक्सप्रेस) शिशु को पिलाना चाहती हों, तो आपको दूध निकालने का उपकरण (ब्रेस्ट पंप) भी खरीदने पर विचार करना होगा।

कुछ एसेसरीज स्तनपान करवाने के अनुभव को आपके और शिशु दोनों के लिए आसान बना सकती हैं।
क्या मैं काम पर वापस लौटने के बाद भी स्तनपान जारी रख सकती हूँ?
जी हां। काम पर वापस लौटने का मतलब स्तनपान करवाने का अंत नहीं है। वास्तव में, घर से बाहर काम करने वाली माताएं अक्सर जब तक वे चाहें तब तक अपने शिशुओं को स्तनपान करवाने में समर्थ होती हैं।

आप शायद दफ्तर में किसी अकेले कमरे में अपना दूध एक्सप्रेस चाहें या केवल तभी स्तनपान करवाएं, जब आप शिशु के साथ हों और दिन में बाकि समय उसे डिब्बाबंद दूध दें। दोनों विकल्प संभव हैं।

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wordpress 1 year ago 5 Answer
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